दून स्कूल क्लब के साथी की पतन-गाथा!, कमलनाथ ने टिकट वितरण में कांग्रेस हाईकमान की अनदेखी का खामियाजा भुगता

By हरीश गुप्ता | Published: March 14, 2024 11:09 AM2024-03-14T11:09:11+5:302024-03-14T11:15:08+5:30

Lok Sabha Elections 2024: कांग्रेस मप्र विधानसभा का चुनाव हार गई और राहुल गांधी ने उन्हें नतीजे आने के 24 घंटे के भीतर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष पद से हटा दिया.

madhya pradesh congress downfall of Doon School Club's partner! Kamal Nath bore brunt of Congress high command's negligence in ticket distribution blog Harish Gupta | दून स्कूल क्लब के साथी की पतन-गाथा!, कमलनाथ ने टिकट वितरण में कांग्रेस हाईकमान की अनदेखी का खामियाजा भुगता

file photo

Highlightsजयप्रकाश अग्रवाल रहे हो या रणदीप सुरजेवाला की नहीं सुनी और गांधी परिवार की नजरों से गिर गए. नाराज होकर कमलनाथ ने भाजपा में जाने की कोशिश की मगर यह दांव उल्टा पड़ गया. कमलनाथ को मप्र का मुख्यमंत्री बनाने के खिलाफ राहुल गांधी हमेशा रहे लेकिन सोनिया गांधी की ही चली.

Lok Sabha Elections 2024: मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ गांधी परिवार के 60 वर्षों तक बेहद लाड़ले थे और उन्होंने इंदिरा गांधी के तीसरे पुत्र का दर्जा हासिल कर लिया था. कमलनाथ उन खास लोगों में थे जो दून स्कूल में राजीव तथा संजय गांधी के सहपाठी थे और छुट्टी के दिनों में पं. जवाहरलाल नेहरू के तीन मूर्ति आवास में रहा करते थे. जब राजीव गांधी  प्रधानमंत्री बने तब दून स्कूल क्लब की तूती बोलने लगी थी.  कमलनाथ संभवत: इस क्लब के अंतिम सदस्य हैं, जिन्होंने टिकट वितरण के वक्त अभा कांग्रेस कमेटी के म.प्र. के प्रभारी चाहे वह जयप्रकाश अग्रवाल रहे हो या रणदीप सुरजेवाला की नहीं सुनी और गांधी परिवार की नजरों से गिर गए. अंतत: कांग्रेस म.प्र. विधानसभा का चुनाव हार गई और राहुल गांधी ने उन्हें नतीजे आने के 24 घंटे के भीतर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष पद से हटा दिया.

नाराज होकर कमलनाथ ने भाजपा में जाने की कोशिश की मगर यह दांव उल्टा पड़ गया. कांग्रेस के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि कमलनाथ को मप्र का मुख्यमंत्री बनाने के खिलाफ राहुल गांधी हमेशा रहे लेकिन सोनिया गांधी की ही चली. यह हमेशा संदेह किया जाता रहा कि मोदी सरकार कमलनाथ के प्रति नरम रही अैर उसने पूर्व  मुख्यमंत्री के बड़े पुत्र बकुल नाथ के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं की.

बकुल नाथ अमेरिका में बसे भारतीय आप्रवासी (एनआरआई) हैं और उनका नाम अगुस्ता वेस्टलैंड सौदे से लाभ अर्जित करनेवालों की सूचनी में आया था. जनवरी 2019 में जब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दुबई से राजीव सक्सेना का प्रत्यर्पण करवाया था, तब इस सौदे में  बकुल नाथ का नाम सामने आया था.

सक्सेना तीन हजार करोड़ रु. के वीवीआईपी हेलिकॉप्टर सौदे में एक बिचौलिया था. ईडी में सक्सेना का जो बयान दर्ज है, वह एक हजार पन्नों  से ज्यादा का है और सौदे में  सुशेन मोहन गुप्ता, कमलनाथ के भतीजे रतुल पुरी, बेटे बकुल नाथ आदि की संलिप्तता पर रोशनी डालता है.  रतुल पुरी को इडी ने 2019 में गिरफ्तार किया था.

इस सौदे से मिली दलाली की रकम सावन्ना ट्रस्ट के स्वामित्व वाली एक कंपनी के जरिए हस्तांतरित की गई थी. इस सौदे के एक लाभार्थी बकुल नाथ पिछले पांच वर्षों से भारत नहीं आ सके हैं. कमलनाथ ने इस सौदे में किसी भी प्रकार की अनियमितता से इनकार किया था. उन्होंने इसमें अपनी भागीदारी का भी खंडन किया था. बहरहाल कमलनाथ के छोटे पुत्र अैर लोकसभा सदस्य नकुलनाथ को कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव में फिर से मैदान में उतारा है. यह सीट कमलनाथ के लिए ‘करो या मरो’ की  स्थिति पैदा कर चुकी है.

मीनाक्षी लेखी कैसे पिछड़ गई

भाजपा की दिग्गज नेता मीनाक्षी लेखी में दिल्ली के मुख्यमंत्री पद का चेहरा बनने की सारी खूबियां मौजूद हैं. वह प्रसिद्ध अधिवक्ता पी.एन. लेखी के बेहद सम्मानित परिवार की सदस्य हैं. पी.एन. लेखी अदालतों में अक्सर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और जनसंघ की ओर से मुकदमे लड़े हैं एवं पार्टी में उनका  बड़ा सम्मान रहा.

मीनाक्षी लेखी पार्टी की वफादार नेता रही हैं तथा कुशल वक्ता भी हैं. पार्टी में वह तेजी से उभरीं और प्रतिष्ठापूर्ण नई दिल्ली संसदीय सीट से 2014 में भाजपा की प्रत्याशी बनी. दिवंगत अरुण जेटली सहित भाजपा के सभी वरिष्ठ नेताओं ने उनके नाम की सिफारिश की थी और उम्मीदों पर खरी उतरते हुए भी मीनाक्षी ने बड़े बहुमत से चुनाव जीत भी लिया.

लोकसभा में उन्होंने अपने प्रदर्शन से अलग छाप छोड़ी और भाजपा ने 2019 के चुनाव में उन्हें फिर मौका दिया. मोदी सरकार में उन्हें विदेशी मामलों तथा संस्कृति विभाग का  राज्यमंत्री भी बनाया गया. ऐसा प्रतीत होता है कि अपने वरिष्ठ सहयोगी तथा विदेश मंत्री एस.जयशंकर से उनकी नहीं पटी. वह कार्यकर्ताओं को भी घंटों प्रतीक्षा करवाने लगी थीं, सफलता शायद उन्हें पच नहीं रही थी.

पार्टी कार्यकर्ताओं ने आलाकमान से उनकी शिकायत करना शुरू कर दिया था. उनका सितारा डूबने लगा अैर वह इस बार लोकसभा चुनाव में भाजपा का टिकट पाने में विफल रहीं. उनकी जगह एक अन्य महिला वरिष्ठ पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की सुपुत्री बांसुरी स्वराज क्षितिज पर उभरी जिन्हें मीनाक्षी की जगह पार्टी ने टिकट दिया है. बांसुरी के साथ अपनी माता दिवंगत सुषमा स्वराज की विरासत भी है. मीनाक्षी लेखी अब पार्टी में अपने पुनर्वास का इंतजार कर रही हैं. वह अपनी करनी के चलते दौड़ से बाहर हुई हैं.

सुक्खू के पतन की कहानी

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में सुखविंदर सिंह सुक्खू का चयन आश्चर्यजनक था. वह इस पद की दौड़ में दूर-दूर तक नहीं थे. उन्हें राहुल तथा  प्रियंका गांधी का करीबी माना जाता था. वह वरिष्ठ कांग्रेस नेता आनंद शर्मा के भी नजदीकी सहयोगी थे. आनंद शर्मा को हालांकि राहुल गांधी पसंद नहीं करते, मगर वह सोनिया गांधी के भरोसेमंद हैं.

जब कांग्रेस ने हिमाचल प्रदेश में विधानसभा का चुनाव जीता, तब पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह के दावे को पछाड़ते हुए सुक्खू को मुख्यमंत्री बना दिया गया. गांधी परिवार ने हिमाचल में कांग्रेस सरकार की स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए अपने एक और भरोसेमंद सिपहसालार राजीव शुक्ला को राज्य का प्रभारी बनाकर भेजा.

चुनाव में चूंकि कांग्रेस ने 68 में से 40 सीटें जीत ली थीं, अत: सुक्खू और शुक्ला को लगा कि सरकार के लिए भाजपा कोई  खतरा पैदा नहीं कर सकेगी. परंतु जो सोचा नहीं, वह हो गया.  सुक्खू तथा शुक्ला ने कभी यह नहीं सोचा था कि उनकी ही पार्टी के 6 विधायक राज्यसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में मतदान करेंगे.

अगर सुक्खू आत्ममुग्ध थे, तो शुक्ला भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) की महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों के बोझ से दबे हुए थे. उन पर उत्तर प्रदेश तथा गांधी परिवार को संभालने का भी जिम्मा था. बेचारे सुक्खू को इन सबकी कीमत चुकानी पड़ी. हिमाचल प्रदेश कांग्रेस को नुकसान हो सकता है क्योंकि भाजपा को जीत की गंध आ गई है. सुक्खू के दिन अब इने-गिने रह गए हैं.

Web Title: madhya pradesh congress downfall of Doon School Club's partner! Kamal Nath bore brunt of Congress high command's negligence in ticket distribution blog Harish Gupta

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे