जलवायु परिवर्तन की वजह से महिलाओं के खिलाफ हिंसा, यौन शोषण में हो रही वृद्धि! अध्ययन में चौंकाने वाला खुलासा

By लोकमत समाचार सम्पादकीय | Published: June 22, 2022 12:21 PM2022-06-22T12:21:30+5:302022-06-22T12:23:40+5:30

रिपोर्ट में यह भी चेतावनी दी गई थी कि इस समस्या का जल्द से जल्द हल नहीं निकाला गया तो ये बच्चे तीस से चालीस वर्ष की उम्र के होते-होते कई घातक बीमारियों के शिकार हो जाएंगे

lokmat editorial climate change inreased Violence against women abuse Shocking revelations in study | जलवायु परिवर्तन की वजह से महिलाओं के खिलाफ हिंसा, यौन शोषण में हो रही वृद्धि! अध्ययन में चौंकाने वाला खुलासा

जलवायु परिवर्तन की वजह से महिलाओं के खिलाफ हिंसा, यौन शोषण में हो रही वृद्धि! अध्ययन में चौंकाने वाला खुलासा

अभी तक हम जलवायु परिवर्तन के प्राय: बड़े प्रभावों से ही परिचित रहे हैं, जैसे कि बाढ़, सूखा, तूफान, लैंडस्लाइड आदि, लेकिन पांच महाद्वीपों में किए गए द लैंसेट प्लैनेटरी हेल्थ के अध्ययन से जो जानकारी सामने आई है वह चौंकाने और बेहद चिंतित करने वाली है। इस अध्ययन के अनुसार मौसम में आने वाले असामयिक बड़े बदलावों के बाद महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ हिंसा तथा यौन शोषण के मामलों में वृद्धि देखने को मिली है। 

करीब ढाई साल पहले भी लैंसेट की एक रिपोर्ट में बताया गया था कि बच्चे विशेष रूप से बदलते जलवायु से स्वास्थ्य जोखिमों के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं, क्योंकि उनका शरीर और प्रतिरक्षा प्रणाली (इम्युनिटी) विकासशील चरण में होते हैं, जिससे प्रदूषण और तापमान में बदलाव से बच्चों का स्वास्थ्य जल्दी प्रभावित हो जाता है। यही नहीं बल्कि जिन कुछ देशों में जलवायु परिवर्तन का बच्चों पर ज्यादा असर हो रहा है उनमें एक प्रमुख देश भारत भी है, जहां पैदा होने वाले बच्चे कुपोषण, वायु प्रदूषण और अन्य बीमारियों की अपेक्षा जलवायु परिवर्तन से ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं। 

रिपोर्ट में यह भी चेतावनी दी गई थी कि इस समस्या का जल्द से जल्द हल नहीं निकाला गया तो ये बच्चे तीस से चालीस वर्ष की उम्र के होते-होते कई घातक बीमारियों के शिकार हो जाएंगे। रिपोर्ट में कहा गया था कि बढ़ते तापमान और बदलते वर्षा पैटर्न के कारण डेंगू का प्रकोप वर्ष 2000 के बाद से लगातार बढ़ रहा है और बच्चों को डेंगू जैसे संक्रामक रोगों के लिए विशेष रूप से अतिसंवेदनशील माना जाता है, जिसके कारण उनकी जान तक चली जाती है। इसी तरह तापमान में वृद्धि, खाद्य सुरक्षा को खतरा और खाद्य कीमतों में वृद्धि से बच्चों के स्वास्थ्य को ज्यादा नुकसान हो रहा है। 

अब लैंसेट की ही ताजा रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि जलवायु परिवर्तन की चरम घटनाएं लोगों में तनाव बढ़ा रही हैं, जिससे महिलाओं के खिलाफ हिंसा बढ़ रही है। यह रिपोर्ट बताती है कि जलवायु परिवर्तन से हम जितना सोच रहे हैं, उससे कहीं बहुत ज्यादा नुकसान हो रहा है और आने वाले दिनों में इसके और भी अप्रत्याशित नतीजे देखने को मिलें तो कोई आश्चर्य नहीं होगा। विडंबना यह है कि यह जलवायु परिवर्तन हम मनुष्यों के ही कर्मों का नतीजा है। अपनी सुख-सुविधा के लिए हम विकास के नाम पर ऐसी जीवनशैली को अपनाते जा रहे हैं जो प्रकृति के संतुलन को नष्ट कर रही है। लैंसेट के अध्ययन के उक्त नतीजे एक चेतावनी हैं कि अगर हम अभी भी नहीं संभले तो बहुत जल्द हमें बर्बादी के अप्रत्याशित नतीजों के लिए तैयार रहना होगा।

Web Title: lokmat editorial climate change inreased Violence against women abuse Shocking revelations in study

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