Lok Sabha Elections 2024: राहुल से मिलने के लिए 700 लोग कतार में!, आप के राघव चड्ढा की अनुपस्थिति आश्चर्यजनक

By हरीश गुप्ता | Published: April 11, 2024 10:40 AM2024-04-11T10:40:33+5:302024-04-11T10:42:28+5:30

Lok Sabha Elections 2024: वरिष्ठ नेता दिल्ली से थे और एक महीने से अधिक समय से राहुल गांधी से मिलने की कोशिश कर रहे थे.

Lok Sabha Elections 2024 congress rahul gandhi 700 people queued up to meet blog Harish Gupta AAP's Raghav Chaddha's absence surprising | Lok Sabha Elections 2024: राहुल से मिलने के लिए 700 लोग कतार में!, आप के राघव चड्ढा की अनुपस्थिति आश्चर्यजनक

file photo

Highlights700 से अधिक पार्टी नेता ‘आर.जी.’ से मिलने का इंतजार कर रहे हैं. पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव प्रचार और अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों में बेहद व्यस्त हैं. जयराम रमेश ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में खुलासा किया कि मिलिंद देवड़ा ने उनसे फोन पर बात की थी.

Lok Sabha Elections 2024: कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी का भले ही भाजपा द्वारा रोज-रोज उपहास किया जा रहा हो और भगवा पार्टी की सोशल मीडिया सेना उन्हें हर चीज के लिए ट्रोल करती हो, लेकिन अगर उनके राजनीतिक मामलों और कार्यालय का प्रबंधन करने वालों की मानें तो राहुल गांधी की अपनी पार्टी में भारी मांग बनी हुई है. ऐसा कहा जाता है कि पार्टी के लोकसभा उम्मीदवार चाहते हैं कि राहुल गांधी उनके निर्वाचन क्षेत्रों में प्रचार करें, हालांकि अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि प्रियंका गांधी वाड्रा की मांग भी उतनी ही अधिक है लेकिन वह कभी यात्रा नहीं करती हैं.

जबकि राहुल गांधी करते ही रहते हैं. जो भी हो, राहुल गांधी की मांग सबसे ज्यादा है. राहुल गांधी के एक सहयोगी हाल ही में तब भड़क गए जब एक कांग्रेस नेता ने उनसे गांधी परिवार के वंशज के साथ उनकी एक मिनट की मुलाकात की व्यवस्था नहीं करने पर सवाल उठाया. वरिष्ठ नेता दिल्ली से थे और एक महीने से अधिक समय से राहुल गांधी से मिलने की कोशिश कर रहे थे.

सहयोगी ने उन्हें दो टूक बताया कि 700 से अधिक पार्टी नेता ‘आर.जी.’ से मिलने का इंतजार कर रहे हैं. लेकिन पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव प्रचार और अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों में बेहद व्यस्त हैं. राहुल गांधी के बेहद व्यस्त कार्यक्रम का अंदाजा हाल ही में तब लगा जब कांग्रेस के मीडिया प्रभारी जयराम रमेश ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में खुलासा किया कि मिलिंद देवड़ा ने उनसे फोन पर बात की थी.

दक्षिण मुंबई लोकसभा सीट पर शिवसेना (यूबीटी) द्वारा दावा करने पर अपनी चिंताओं को लेकर राहुल गांधी से बात करने की इच्छा जताई थी. पार्टी के कई नेता इस बात से हैरान थे कि देवड़ा सीधे तौर पर राहुल से संवाद नहीं कर सके, जबकि वह उनके काफी करीबी माने जाते थे.

भाजपा के सामने ईसाइयों की समस्या!

भाजपा नेतृत्व को विशेष रूप से केरल में कई ईसाई बहुल लोकसभा क्षेत्रों में भारी समस्या का सामना करना पड़ रहा है. हालांकि प्रधानमंत्री मोदी ने अपने आउटरीच कार्यक्रम के तहत कई कदम उठाए हैं और अपने आवास पर उनके धार्मिक नेताओं की मेजबानी की है, लेकिन समस्या बनी हुई है.

कार्डिनल इस बात से नाखुश थे कि लंबे समय से चली आ रही परंपरा की अनदेखी करते हुए पिछले कई वर्षों के दौरान पोप फ्रांसिस को आमंत्रित नहीं किया गया था. हालांकि सरकार ने बताया कि निमंत्रण भेजे जाने के बाद एक पारस्परिक रूप से स्वीकार्य समय-सीमा पर काम किया जा रहा है.

ईसाई इस बात से भी नाखुश हैं कि उनके समुदाय के एक भी सदस्य को 75 केंद्रीय विश्वविद्यालयों में से किसी में भी कुलपति के रूप में नियुक्त नहीं किया गया है. सौभाग्य से, केरल के प्रभारी प्रकाश जावड़ेकर ने उन्हें बताया कि शिक्षा मंत्री के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान उनके समुदाय के दो वीसी नियुक्त किए गए थे.

वे शिकायत कर रहे हैं कि अल्पसंख्यकों के बीच शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए स्थापित राष्ट्रीय अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्था आयोग (एनसीएमईआई) वर्षों से चार की निर्धारित संख्या के मुकाबले सिर्फ एक सदस्य के साथ चल रहा है. अर्ध-न्यायिक निकाय अल्पसंख्यकों के बीच शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए उनके द्वारा स्थापित संस्थानों को अल्पसंख्यक प्रमाणपत्र प्रदान करता है.

पिछले आठ वर्षों से आयोग में कोई ईसाई सदस्य नहीं है. शाहिद अख्तर वर्तमान में आयोग के एकमात्र सदस्य हैं. सामान्य तौर पर ईसाई समुदाय और विशेष रूप से कैथोलिक चर्च हजारों शैक्षणिक संस्थान चलाते हैं. अकेले कैथोलिक चर्च के 50,000 संस्थान हैं जिनमें 6 करोड़ छात्र हैं.

आप के राघव चड्ढा की अनुपस्थिति आश्चर्यजनक

मीडिया के पसंदीदा, आकर्षक, विनम्र और टेलीविजन समाचार चैनलों के स्थायी चेहरे राघव चड्ढा एक महीने से अधिक समय से परिदृश्य से गायब हैं. वह अपनी अभिनेत्री पत्नी परिणीति चोपड़ा के साथ कथित तौर पर आंख की सर्जरी के लिए लंदन गए थे. हालांकि इस जोड़े ने लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में आयोजित इंडिया फोरम 2024 और कई अन्य कार्यक्रमों में भाग लिया था.

बताया गया है कि वह अपनी आंख का इलाज करा रहे हैं जबकि उनकी पत्नी को इस महीने की शुरुआत में मुंबई हवाई अड्डे पर उतरते देखा गया था. चर्चा है कि चड्ढा भारत लौटने में देरी कर रहे हैं क्योंकि ईडी दिल्ली जल बोर्ड की चल रही जांच में उनका नाम ले सकती है. 2 करोड़ रुपए के रिश्वत मामले में ईडी पहले ही आरोपपत्र दाखिल कर चुकी है. हालांकि इसमें चड्ढा के नाम का जिक्र नहीं है.

लेकिन ईडी एक पूरक आरोप पत्र दायर करने की योजना बना रही है और उन्हें पूछताछ के लिए बुला सकती है. पिछले कुछ दिनों से राघव चड्ढा संपर्क क्षेत्र से बाहर हैं और परिणीति चोपड़ा भी मीडिया को दूर रख रही हैं. अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि परिणीति चोपड़ा की बहन प्रियंका चोपड़ा, जो सत्ता के करीब मानी जाती हैं, मेल-मिलाप कराने की भूमिका निभा सकती हैं. एक लंबा इंतजार और भयावह सन्नाटा है!

वरुण गांधी की पहेली

भाजपा ने वरुण गांधी को टिकट क्यों नहीं दिया और उनकी मां मेनका को लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए क्यों चुना? यह सवाल भाजपा आलाकमान के करीबी लोगों को भी परेशान करता रहता है. कई लोग कहते हैं कि 2021 में मोदी मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किए जाने के बाद वरुण गांधी को अपने सार्वजनिक बयानों की कीमत चुकानी पड़ी.

हालांकि इस मुद्दे पर उनके और भाजपा प्रमुख जे.पी. नड्डा के बीच कुछ बैठकें हुईं. ऐसा कहा जाता है कि वरुण गांधी का नाम राज्यमंत्री पद के लिए रखा गया था, लेकिन उन्होंने सुझाव दिया कि उन्हें स्वतंत्र प्रभार वाला राज्यमंत्री बनाने पर विचार किया जाए ताकि वह अपनी क्षमता साबित कर सकें.

बता दें कि 2019 में मोदी के दूसरे कार्यकाल के दौरान ही उनकी मां मेनका गांधी कैबिनेट से बाहर हो गई थीं. तब से, मेनका गांधी ने चुप्पी साध रखी थी और पार्टी का जो भी काम उन्हें सौंपा गया था, वह करती रहीं. लेकिन युवा फायर ब्रांड नेता होने के नाते वरुण गांधी नाराजगी दिखाते रहे. यह भी पता चला है.

हालांकि यह अपुष्ट है कि वरुण गांधी से परोक्ष रूप से पूछा गया था कि क्या वह कांग्रेस से जुड़े गांधी परिवार के किसी सदस्य के खिलाफ चुनाव लड़ने के इच्छुक होंगे. कहा जाता है कि वरुण अनिच्छुक दिखे, हालांकि उन्होंने मना नहीं किया. टिकट कटने के बाद वरुण गांधी ने चुप्पी साध रखी है, सिवाय इसके कि उन्होंने पीलीभीत के लोगों को एक हार्दिक पत्र लिखकर कहा है कि उनके दरवाजे हमेशा उनके लिए खुले रहेंगे.

Web Title: Lok Sabha Elections 2024 congress rahul gandhi 700 people queued up to meet blog Harish Gupta AAP's Raghav Chaddha's absence surprising