जयंतीलाल भंडारी का ब्लॉग: रोजगार निर्माण को सर्वाधिक प्राथमिकता दिया जाना जरूरी
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: January 5, 2020 05:31 AM2020-01-05T05:31:42+5:302020-01-05T05:31:42+5:30
विभिन्न रिपोर्टो में यह भी कहा गया है कि वर्ष 2020 में रोजगार के मौके खास तौर से कृषि, छोटे उद्योग, स्वास्थ्य क्षेत्न, सर्विस सेक्टर, आईटी सेक्टर और पर्यटन क्षेत्न में बढ़ते हुए दिखाई देंगे. साथ ही सरकार के द्वारा पांच लाख से अधिक सरकारी नौकरियों की भर्ती की प्रक्रिया भी तेजी से आगे बढ़ेगी.
यकीनन नए वर्ष 2020 में नई पीढ़ी के लिए रोजगार के पर्याप्त अवसर सुनिश्चित करना और उसके लिए रणनीतिक कदम उठाना सरकार की पहली प्राथमिकता होनी चाहिए. हाल ही में भारतीय कंपनियों के मुख्य कार्याधिकारियों (सीईओ) के बीच किए गए एक सर्वेक्षण में 62 फीसदी सीईओ ने कहा है कि वर्ष 2020 में आर्थिक चुनौतियों के बीच भी मांग (डिमांड) में मौजूदा स्तर से तेजी आएगी और मांग बढ़ने से 2019 की तुलना में 2020 में रोजगार के अवसरों में वृद्धि होगी.
गौरतलब है कि इन दिनों पूरे देश और दुनिया के करोड़ों लोगों के द्वारा नए वर्ष 2020 और आगामी वर्षो में भारत की नई पीढ़ी की रोजगार विश्वास और रोजगार की संभावनाओं से संबंधित दो तरह की महत्वपूर्ण रिपोर्टो को पढ़ा जा रहा है.
भारत की नई पीढ़ी में रोजगार विश्वास से संबंधित रिपोर्टो में कहा जा रहा है कि भारत के अधिकांश युवाओं का विश्वास है कि उन्हें अच्छा रोजगार अवश्य मिलेगा. खास तौर से पिछले वर्ष 2019 में विकास दर महज 5 फीसदी रहने के कारण रोजगार नहीं बढ़े, लेकिन अब 2020 में विकास दर के 6 से 6.5 फीसदी रहने की संभावना के कारण रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे.
विभिन्न रिपोर्टो में यह भी कहा गया है कि वर्ष 2020 में रोजगार के मौके खास तौर से कृषि, छोटे उद्योग, स्वास्थ्य क्षेत्न, सर्विस सेक्टर, आईटी सेक्टर और पर्यटन क्षेत्न में बढ़ते हुए दिखाई देंगे. साथ ही सरकार के द्वारा पांच लाख से अधिक सरकारी नौकरियों की भर्ती की प्रक्रिया भी तेजी से आगे बढ़ेगी.
नए वर्ष 2020 में रोजगार मिलने की संभावनाएं अन्य देशों की तुलना में भारतीय युवाओं की नजरों में अधिक दिखाई देने की अध्ययन रिपोर्टे प्रकाशित हुई हैं. जापान के निप्पो फाउंडेशन की वैश्विक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत के 78 फीसदी युवाओं को विश्वास है कि उनका भविष्य चमकीला है.
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जापान जैसे कई विकसित और विकासशील देशों के युवाओं की तुलना में भारत के युवाओं की आंखों में अच्छे रोजगार का विश्वास ऊंचाइयों पर है.
ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के अर्थशास्त्रियों ने गहन शोध अध्ययन के बाद अपनी रिपोर्ट में कहा है कि दुनिया में अगले दस वर्षो में प्रतिभाशाली वर्ग (टैलेंट पूल) में 7.3 फीसदी वृद्धि के साथ भारत दुनिया में पहले क्रम पर होगा. अमेरिकी सरकार के राष्ट्रीय खुफिया निदेशक कार्यालय की ‘ग्लोबल ट्रेंड 2030’ रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत प्रोफेशनल्स के सहारे वर्ष 2030 तक विश्व की बड़ी आर्थिक ताकत बनकर उभर सकता है.
इसी तरह मानव संसाधन परामर्श संगठन कॉर्न फेरी की रिपोर्ट में कहा गया है कि जहां दुनिया में 2030 तक कुशल कामगारों का संकट होगा, वहीं भारत के पास 24.5 करोड़ अतिरिक्त कुशल कामगार होंगे. रिपोर्ट में कहा गया है कि 2030 तक दुनिया के 19 विकसित और विकासशील देशों में 8.52 करोड़ कुशल श्रमशक्ति की कमी होगी. ऐसे में दुनिया में भारत इकलौता देश होगा जिसके पास 2030 तक जरूरत से ज्यादा कुशल कामगार होंगे. भारत ऐसे में विश्व के तमाम देशों में कुशल कामगारों को भेजकर फायदा उठा सकेगा.
यदि हम चाहते हैं कि 2020 में देश में रोजगार की नई संभावनाएं साकार हों तो कृषि विकास, निर्यात वृद्धि, पर्यटन विकास, स्वास्थ्य क्षेत्न तथा छोटे उद्योगों को अधिकतम सुविधाओं और प्रोत्साहन के साथ आगे बढ़ाया जाए ताकि इन क्षेत्नों में मौजूद बड़े पैमाने पर रोजगार के मौके देश की नई पीढ़ी की मुट्ठियों में आ सकें.