प्रकाश बियाणी का ब्लॉग: अलगाववाद ने जन्नत को बना दिया जहन्नुम

By Prakash Biyani | Published: March 6, 2019 10:22 AM2019-03-06T10:22:08+5:302019-03-06T10:22:08+5:30

राजा हरि सिंह ने अपनी रियासत के लिए विशेष अधिकार मांगे तो संविधान में एक अस्थायी अनुच्छेद 370 जोड़ा गया था। इस अनुच्छेद को अस्थायी रखा गया था ताकि भविष्य में इसे हटा सकें। 1954 में संविधान में संशोधन किए बिना सीधे राष्ट्रपति के आदेश से 35ए का प्रावधान करवा लिया गया।

jammu kashmir Situation Ruin Separatism | प्रकाश बियाणी का ब्लॉग: अलगाववाद ने जन्नत को बना दिया जहन्नुम

प्रतीकात्मक तस्वीर

भारतीय सेना दो मोर्चो पर लड़ रही है। पाकिस्तान की सरपरस्ती में रिमोट से भारत में आतंकी गतिविधियां संचालित करनेवाले आतंकियों से सीमा पर तो कश्मीर में छुपे आतंकियों से जम्मू कश्मीर में सेना जूझ रही है। सरकार ने जमात-ए-इस्लामी और अलगाववादी गठबंधन हुर्रियत कॉन्फ्रेंस पर शिकंजा कस दिया है। सरकार और सेना की सख्ती का जम्मू कश्मीर के राजनीतिक दल पीडीपी और नेशनल कॉन्फ्रेंस विरोध कर रहे हैं। 

 राजा हरि सिंह ने अपनी रियासत के लिए विशेष अधिकार मांगे तो संविधान में एक अस्थायी अनुच्छेद 370 जोड़ा गया था। इस अनुच्छेद को अस्थायी रखा गया था ताकि भविष्य में इसे हटा सकें। 1954 में संविधान में संशोधन किए बिना सीधे राष्ट्रपति के आदेश से 35ए का प्रावधान करवा लिया गया। इसके तहत 14 मई 1954 में जो राज्य के नागरिक थे वे जम्मू कश्मीर के मूल बाशिंदे हो गए, शेष सबकी हैसियत शरणार्थी जैसी हो गई। अनुच्छेद 370 हटना था पर जम्मू कश्मीर में गैर कश्मीरियों पर नई बंदिशें लागू हो गईं। मसलन, दूसरे राज्य के नागरिकों पर जम्मू कश्मीर में जमीन खरीदने पर प्रतिबंध लग गया। 
 
अनुच्छेद 370 और 35ए से जम्मू कश्मीर में अलगाववाद जन्मा। अलगाववादी नेता और जमात-ए- इस्लामी कभी कश्मीर के पाकिस्तान में विलय की मांग करते हैं तो कभी संपूर्ण स्वतंत्रता मांगते हैं। गृह मंत्रलय के अनुसार ये हिजबुल मुजाहिदीन की शैडो-विंग्स हैं जो पाकिस्तान की फंडिंग से आतंकियों को शरण देते हैं। उन्हें लॉजिस्टिक मुहैया करवाते हैं। कश्मीरी युवाओं को पत्थरबाजी जैसी घटनाओं के लिए पैसे देते हैं। विडंबना यह है कि अलगाववादियों ने अपने बच्चों को इन गतिविधियों से दूर रखा है। अलगाववादी नेताओं में सबसे बुजुर्ग सैयद अली शाह गिलानी का बड़ा बेटा और बहू डॉक्टर हैं। वे रावलपिंडी में रहते हैं। छोटा बेटा नई दिल्ली में रहता है, पोता भारत में एक प्राइवेट एयर लाइंस में है। नेशनल कॉन्फ्रेंस के फारूक अब्दुल्ला डॉक्टर हैं, उनके पुत्र उमर अब्दुल्ला ब्रिटेन में जन्मे हैं। वे मुंबई विद्यापीठ और सिडेनहैम कॉलेज में पढ़े हैं। पीडीपी के संस्थापक स्व। मुफ्ती मोहम्मद सईद अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के पोस्ट ग्रेजुएट और लॉ ग्रेजुएट थे। उनकी बेटी महबूबा मुफ्ती भी लॉ ग्रेजुएट हैं।      

 स्पष्ट है कि कश्मीर की युवा नस्ल को अलगाववादियों के साथ जम्मू-कश्मीर के राजनेताओं ने बर्बाद कर दिया है। सरकार ने प्रोजेक्ट उड़ान लॉन्च किया, आर्ट एंड क्राफ्ट फेस्टिवल आयोजित किए, खेल-कूद को बढ़ावा दिया, पर्यटन को प्रमोट किया। सुरक्षा बलों ने प्राकृतिक प्रकोपों के समय कश्मीरियों की जान बचाई, पर उन्हें आज भी पत्थरबाजों का सामना  करना पड़ता है। उम्मीद करें कि पुलवामा में सीआरपीएफ पर हमले के बाद सरकार ने जो पहल की है वह निर्णायक साबित होगी और दुनिया एक बार फिर कहेगी- धरती पर कहींस्वर्गहै, तो यहीं है, यहीं है। 

Web Title: jammu kashmir Situation Ruin Separatism

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