जयंतीलाल भंडारी का ब्लॉग: सरकार में पेशेवरों की नई भूमिका
By डॉ जयंती लाल भण्डारी | Updated: June 18, 2019 08:58 IST2019-06-18T08:58:02+5:302019-06-18T08:58:02+5:30
इसी वर्ष 2019 में लोकसभा चुनाव के पहले संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) के द्वारा चयनित नौ विभिन्न असाधारण योग्यता वाले अनुभवी पेशेवर विशेषज्ञों को केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों में संयुक्त सचिव के पदों पर नियुक्ति दी गई है.

जयंतीलाल भंडारी का ब्लॉग: सरकार में पेशेवरों की नई भूमिका
प्रधानमंत्नी नरेंद्र मोदी नौकरशाही को सक्रिय रखने के साथ उसके स्वरूप में बदलाव की डगर पर भी आगे बढ़ रहे हैं. हाल ही में 12 जून को मोदी सरकार के निर्देश पर कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग ने अधिकारियों को विभिन्न क्षेत्नों में विशेषज्ञता रखने वाले निजी क्षेत्न के अधिकारियों को उपसचिव और निदेशक स्तर के पदों पर भर्ती करने के औपचारिक प्रस्ताव तैयार करने को कहा है. सरकारी निर्णय प्रक्रिया में ये पद काफी महत्वपूर्ण माने जाते हैं.
कहा गया है कि शुरू में ऐसे कुल 40 अधिकारियों को नियुक्त किया जा सकता है. यह नियुक्तियां नीति आयोग के द्वारा की जाएंगी. नीति आयोग ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि यह जरूरी है कि विशेषज्ञों को सीधे उच्च पदों पर निश्चित अवधि के अनुबंध पर व्यवस्था में शामिल किया जाए.
इसी प्रकार कॉर्पोरेट मामलों के मंत्नालय ने भी कहा है कि सरकार कंपनियों में निजी क्षेत्न के पेशेवरों को स्वतंत्न निदेशक बनने के लिए ऑनलाइन परीक्षा कराने की तैयारी कर रही है. इससे कंपनी कानून, नीतिशास्त्न और पूंजी बाजार की जानकारी रखने वाले ही कंपनी में स्वतंत्न निदेशक बन पाएंगे. आईएलएफएस जैसे कई घोटालों पर गौर करते हुए सरकार कंपनियों में सुशासन को लागू करने और गड़बड़ी रोकने के लिए यह कदम उठाने जा रही है. सरकार का मानना है कि विभिन्न पेशेवर क्षेत्नों के विशेषज्ञ अपने क्षेत्नों में प्रशासनिक अधिकारियों की तुलना में अच्छे परिणाम दे सकते हैं. अमेरिका, ब्रिटेन, न्यूजीलैंड जैसे कई देशों में निजी क्षेत्न के पेशेवरों का प्रयोग सफल दिखाई दिया है.
गौरतलब है कि इसी वर्ष 2019 में लोकसभा चुनाव के पहले संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) के द्वारा चयनित नौ विभिन्न असाधारण योग्यता वाले अनुभवी पेशेवर विशेषज्ञों को केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों में संयुक्त सचिव के पदों पर नियुक्ति दी गई है. इसे लैटरल एंट्री कहा जाता है. अभी इन पदों पर सिविल सर्विसेस से आईएएस बने अधिकारी करीब 25 साल की सेवा के बाद पहुंच पाते हैं.
यद्यपि सरकारी तंत्न में निजी क्षेत्न के पेशेवरों और क्षमतावान विशेषज्ञों की संयुक्त सचिव के पद पर नियुक्तियां लाभप्रद दिखाई दे रही हैं, लेकिन इसके सामने कई चुनौतियां भी होंगी. पिछली बार सरकारी तंत्न में लैटरल एंट्री से नियुक्ति की जो प्रक्रि या शुरू हुई है, उसकी उपयुक्तता पाई गई है. अब सरकार के द्वारा नियामकीय प्रमुखों की खोज का दायरा बढ़ाया जा रहा है.
देश के निजी क्षेत्न में प्रतिभाओं की भरमार है. सरकार इनकी सहायता से अपने नीतिगत निर्णयों की प्रक्रि या में सुधार कर सकती है. हम आशा करें कि मोदी सरकार देश और विदेश में गहरे कार्य अनुभव रखने वाली पेशेवर प्रतिभाओं का प्रशासन में पूरा लाभ लेगी.