शशांक द्विवेदी का ब्लॉग: शिक्षित युवाओं को रोजगार के लिए प्रशिक्षित करना भी जरूरी

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: September 15, 2019 06:06 AM2019-09-15T06:06:53+5:302019-09-15T06:06:53+5:30

देश में इंजीनियरिंग को नई सोच और दिशा देने वाले महान इंजीनियर भारतरत्न मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया की जयंती 15 सितंबर को देश में इंजीनियर्स डे या अभियंता दिवस के रूप में मनाया जाता है.

It is also necessary to train educated youth for employment engineers day 2019 | शशांक द्विवेदी का ब्लॉग: शिक्षित युवाओं को रोजगार के लिए प्रशिक्षित करना भी जरूरी

प्रतीकात्मक फोटो

Highlightsआज देश में बड़ी संख्या में इंजीनियर पढ़ लिख कर निकल तो रहे हैं लेकिन उनमें ‘स्किल’ की बड़ी कमी है.इंडस्ट्री की जरूरत के हिसाब से उन्हें काम नहीं आता.आज देश को विश्वेश्वरैया जैसे इंजीनियरों की जरूरत है जो राष्ट्र को एक नई दिशा दिखा सकें.

आज के समय में तकनीक हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा बन गई है. मोबाइल, इंटरनेट, ई-मेल, वीडियो कॉलिंग जैसी तकनीक ने सुविधाओं से हमारी जिंदगी को आसान और हाईटेक बना दिया है. हर कदम पर आधुनिक यंत्नों और तकनीक की आवश्यकता पड़ती है. यह सब संभव हो पाया है इंजीनियरिंग की बदौलत. पिछले दिनों एक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि युवाओं में प्रतिभा का विकास होना चाहिए. उन्होंने डिग्री के बजाय योग्यता को महत्व देते हुए कहा था कि छात्रों को स्किल डेवलपमेंट पर ध्यान देना होगा. 

आज देश में बड़ी संख्या में इंजीनियर पढ़ लिख कर निकल तो रहे हैं लेकिन उनमें ‘स्किल’ की बड़ी कमी है, इसी वजह से लाखों इंजीनियर हर साल बेरोजगारी का दंश ङोल रहे हैं. इंडस्ट्री की जरूरत के हिसाब से उन्हें काम नहीं आता. इसीलिए देश में इंजीनियरिंग का करियर तेजी से आकर्षण खो रहा है. देश के राष्ट्रीय कौशल विकास निगम के अनुसार सिविल, मैकेनिकल और इलेक्ट्रिक इंजीनियरिंग जैसे कोर सेक्टर के 92 प्रतिशत इंजीनियर और डिप्लोमाधारी रोजगार के लिए प्रशिक्षित नहीं हैं. इस सर्वे ने भारत में उच्च शिक्षा की शर्मनाक तस्वीर पेश की है. यह आंकड़ा चिंता बढ़ाने वाला भी है, क्योंकि स्थिति साल दर साल खराब ही होती जा रही है.

देश में इंजीनियरिंग को नई सोच और दिशा देने वाले महान इंजीनियर भारतरत्न मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया की जयंती 15 सितंबर को देश में इंजीनियर्स डे या अभियंता दिवस के रूप में मनाया जाता है. मैसूर राज्य (वर्तमान कर्नाटक) के निर्माण में अहम भूमिका निभाने वाले मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया अपने समय के सबसे प्रतिभाशाली इंजीनियर थे जिन्होंने बांध और सिंचाई व्यवस्था के लिए नए तरीकों को ईजाद किया.

उन्होंने आधुनिक भारत में सिंचाई की बेहतर व्यवस्था और नवीनतम तकनीक पर आधारित बांध नदियों पर बनाए तथा पनबिजली परियोजना शुरू करने की जमीन तैयार की. आज से लगभग सौ साल पहले जब साधन और तकनीक इतनी ज्यादा उन्नत नहीं थी, विश्वेश्वरैया ने आम आदमी की समस्याओं को सुलझाने के लिए इंजीनियरिंग में कई तरह के इनोवेशन किए और व्यावहारिक तकनीक के माध्यम से आम आदमी की जिंदगी को सरल बनाया.

आज देश को विश्वेश्वरैया जैसे इंजीनियरों की जरूरत है जो राष्ट्र को एक नई दिशा दिखा सकें क्योंकि आज के आधुनिक विश्व में विज्ञान, तकनीक और इंजीनियरिंग के क्रमबद्ध विकास के बिना विकसित राष्ट्र का सपना सच नहीं किया जा सकता. इसके लिए देश में इंजीनियरिंग की पढ़ाई को कौशल विकास से जोड़ना होगा जिससे इंजीनियर अपने स्किल के साथ काम कर सकें.

Web Title: It is also necessary to train educated youth for employment engineers day 2019

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे