वेदप्रताप वैदिक का ब्लॉग: इमरान पर भरोसा कैसे करें?
By वेद प्रताप वैदिक | Published: July 26, 2019 07:33 AM2019-07-26T07:33:35+5:302019-07-26T07:33:35+5:30
इमरान ने दावा किया कि उनकी सरकार ने सत्ता में आते ही इन दहशतगर्द गिरोहों के खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है. हाफिज सईद इस समय गिरफ्तार है और उसकी जमात-उद-दावा के 300 मदरसे, स्कूल, अस्पताल, प्रकाशन संस्थान और एंबुलेंसों को सरकार ने जब्त कर लिया है.
पाकिस्तान के प्रधानमंत्नी इमरान खान ने अपने देश की पोल खोल दी. उन्होंने अमेरिका में अपने आतंकवादियों के बारे में ऐसी बात कह दी, जो आज तक किसी भी पाकिस्तानी नेता ने कहने की हिम्मत नहीं की. उन्होंने अमेरिका के एक ‘शांति संस्थान’ में भाषण देते हुए कह दिया कि पाकिस्तान में 30 हजार से 40 हजार तक सशस्त्न आतंकवादी सक्रिय हैं. उनकी सक्रियता को पिछली पाकिस्तानी सरकारें छिपाती रही हैं और उनके बारे में झूठ बोलती रही हैं. ये आतंकवादी अफगानिस्तान और कश्मीर में खूंरेजी करते रहे हैं. ऐसे 40 गिरोह पाकिस्तान में दनदना रहे हैं. उनके खिलाफ 2014 से कार्रवाई शुरू हुई, जब उन्होंने पेशावर के फौजी स्कूल के डेढ़ सौ बच्चों को मार डाला था.
इमरान ने दावा किया कि उनकी सरकार ने सत्ता में आते ही इन दहशतगर्द गिरोहों के खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है. हाफिज सईद इस समय गिरफ्तार है और उसकी जमात-उद-दावा के 300 मदरसे, स्कूल, अस्पताल, प्रकाशन संस्थान और एंबुलेंसों को सरकार ने जब्त कर लिया है. इमरान के इस तेवर से पाकिस्तान के कई राजनीतिक दल, टीवी चैनलों के एंकर और देशभक्त पत्नकार लोग बेहद खफा हैं लेकिन वे यह क्यों नहीं समझते कि इमरान के बयान का जबर्दस्त फायदा पाकिस्तान को मिल सकता है. अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय टास्क फोर्स अक्तूबर में पाकिस्तान को काली सूची में डालनेवाली है. क्या वह रहम नहीं खाएगी? इसके अलावा अमेरिकी नीति-निर्माताओं पर इमरान की इस स्वीकारोक्ति का क्या कोई असर नहीं पड़ेगा?
इमरान ने तालिबान और काबुल सरकार के बीच भी समझौता करवाने का संकल्प प्रकट किया है. पाकिस्तान के विरोधी नेता इस नए तेवर को इमरान का ढोंग बता रहे हैं, उनका शीर्षासन कह रहे हैं, वे उन्हें फौज का पिछलग्गू बताते रहे हैं. लेकिन मैं सोचता हूं कि इस नए इमरान का जन्म पाकिस्तान की मजबूरी में से हुआ है. यह मजबूरी तात्कालिक हो सकती है, लेकिन यह है सच! भारत के लिए इस सच को स्वीकारना काफी मुश्किल है. दूध का जला छाछ भी फूंक-फूंक कर पीता है. मैं सोचता हूं कि भारत अपनी सुरक्षा के बारे में पूरी सावधानी रखे. इमरान पर भरोसा आखिर कैसे किया जाए?