ब्लॉग: रक्षा क्षेत्र की बदल रही है तस्वीर, भारत की आत्मनिर्भरता की ओर से बढ़ते कदम देख दुनिया भी हैरान

By निरंकार सिंह | Published: August 25, 2022 09:54 AM2022-08-25T09:54:06+5:302022-08-25T09:56:13+5:30

भारत का स्वदेशी जेट विमान तेजस पूरी दुनिया में धूम मचा रहा है. दुनिया के बड़े-बड़े देशों ने इसे खरीदने में दिलचस्पी दिखाई है. अमेरिका भी इसमें दिलचस्पी दिखा रहा है.

India getting self-reliance in defense sector, world is also surprised | ब्लॉग: रक्षा क्षेत्र की बदल रही है तस्वीर, भारत की आत्मनिर्भरता की ओर से बढ़ते कदम देख दुनिया भी हैरान

रक्षा क्षेत्र भारत बन रहा आत्मनिर्भर (फाइल फोटो)

पिछले कुछ वर्षों में भारत दुनिया में एक मजबूत सैन्य, आर्थिक और औद्योगिक शक्ति के रूप में उभरा है. दुनिया में उसका दबदबा बढ़ा है. देश की सरकार ने रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के लिए जिस तेजी से कदम बढ़ाए हैं, उसने दुनिया को हैरत में डाल दिया है. अब हमने कई आधुनिक विमानों और उपकरणों का आयात करने के साथ-साथ देश में ही हथियारों और मिसाइलों के निर्माण का काम तेजी से शुरू कर दिया है. 

आज भारत दूसरे देशों को अपने बनाए हथियार बेच रहा है. इस दौरान भारत का रक्षा उपकरणों का आयात घटा है और निर्यात में बढ़ोत्तरी हुई है. आज रक्षा क्षेत्र में हमारा निर्यात 17000 करोड़ रुपए तक जा पहुंचा है. यह अगले 5 वर्ष में बढ़कर 35000 करोड़ रुपए तक जा पहुंचेगा. वर्ल्ड डायरेक्टरी ऑफ मिलिट्री एयरक्राफ्ट की रैंकिंग 2022 में भारत तीसरे नंबर पर आ गया है.  

दुनिया में भारत की ब्रह्मोस मिसाइल के अलावा आकाश एयर डिफेंस प्रणाली की भी खासी धूम है. भारत का स्वदेशी जेट विमान तेजस पूरी दुनिया में धूम मचा रहा है. दुनिया के बड़े-बड़े देशों ने इसे खरीदने में दिलचस्पी दिखाई है. डिफेंस इक्विपमेंट का सबसे बड़ा एक्सपोर्टर अमेरिका भी पूरी तरह भारत में विकसित इस लड़ाकू विमान में दिलचस्पी दिखा रहा है. 

अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, इंडोनेशिया और फिलीपींस समेत छह देशों ने भारत के हल्के लड़ाकू विमान तेजस में रुचि दिखाई है. वहीं मलेशिया पहले ही इस विमान को खरीदने की तैयारी में है. भारत ने मलेशिया को 18 तेजस बेचने की पेशकश की है. हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड द्वारा निर्मित तेजस एक इंजन वाला बहुउद्देश्यीय लड़ाकू विमान है जिसकी क्षमता अत्यधिक खतरे वाले माहौल में परिचालन की है.

आज दक्षिण-पूर्व एशिया में भारत की धमक भी बढ़ रही है. हथियार निर्यात से केवल देश की आय ही नहीं बढ़ी है, बल्कि सामरिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण दक्षिण-पूर्व एशिया में हमारा दबदबा भी बढ़ा है. फिलीपींस के बाद वियतनाम और इंडोनेशिया जैसे देशों ने भी हमसे हथियार खरीदने में दिलचस्पी दिखाई है. हमारा पड़ोसी चीन दक्षिण चीन सागर से लेकर दक्षिण-पूर्व एशिया तक प्रसारवादी नीति के तहत काम करता है. 

इस क्षेत्र में पुराने साथियों से हमारे संबंधों में नवीनता और प्रगाढ़ता आवश्यक है जो हथियार सौदों से मिल सकती है. अब भारत रक्षा उपकरणों के निर्यात के मामले में दुनिया के शीर्ष 25 देशों की सूची में शामिल हो गया है.

Web Title: India getting self-reliance in defense sector, world is also surprised

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