ब्लॉग: कैसे रुकें रेल हादसे और पुलों के टूटने के मामले?

By आरके सिन्हा | Updated: June 9, 2023 07:32 IST2023-06-09T07:28:46+5:302023-06-09T07:32:57+5:30

ओडिशा में हुई दर्दनाक रेल दुर्घटना और उसके बाद बिहार में एक पुल के टूटने की घटना ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं. आखिर कब तक देश भ्रष्ट और निकम्मे लोगों को लेकर मानवीय रवैया अपनाता रहेगा.

How to stop cases of rail accidents and breaking of bridges | ब्लॉग: कैसे रुकें रेल हादसे और पुलों के टूटने के मामले?

ब्लॉग: कैसे रुकें रेल हादसे और पुलों के टूटने के मामले?

पहले ओडिशा में हुई दर्दनाक रेल दुर्घटना और उसके बाद बिहार में एक पुल का टूटना. इन दोनों घटनाओं के कारण सारा देश उदास भी है और गुस्से में भी है. उदासी मासूमों के मारे जाने पर है और गुस्सा इसलिए है कि ये हादसे थम ही नहीं रहे. पिछली 2 जून को ओडिशा में 3 ट्रेनें आपस में भिड़ गईं. यह दुर्घटना भारत में अब तक की सबसे घातक रेल दुर्घटनाओं में से एक है.  

रेल हादसे की जांच में पाया गया कि दुर्घटना रेलवे सिग्नल सिस्टम में खामी की वजह से हुई. आगे की जांच में पाया गया कि सिग्नल सिस्टम का कॉन्ट्रैक्ट देने के लिए भ्रष्टाचार किया गया था. इसके लिए ट्रेन और यात्रियों की सुरक्षा से समझौता तक किया गया. इसी कारण यह हादसा हुआ और यात्रियों को अपनी जान गंवानी पड़ी.

बहरहाल, ओडिशा रेल हादसे के कारणों का पता लगाने के लिए सीबीआई जांच शुरू हो गई है. इसके लिए जिम्मेदार लोगों को उम्रकैद या मौत की सजा मिलनी चाहिए. जांच पूरी तरह से निष्पक्ष और पारदर्शी होनी चाहिए.  किसी भी तरह की किसी को रियायत नहीं दी जानी चाहिए.

अब बिहार में भागलपुर जिले में हुए हादसे का रुख करते हैं. सबको पता है कि गंगा नदी के ऊपर बन रहा एक बड़ा पुल गिर गया.  इसका एक स्लैब भी एक साल पहले ही टूट कर गिर गया था. उसी समय सख्त कार्रवाई होनी चाहिए थी, जो किसी कारण से नहीं की गई. खगड़िया के अगुवानी-सुल्तानगंज के बीच गंगा नदी पर इस पुल का निर्माण हो रहा है. लेकिन पुल निर्माण भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया. 

इसी का नतीजा है कि यह पुल गंगा नदी में गिर गया. पुल के तीन पिलर भी नदी में समा गए. अब इस केस की भी जांच होगी.  यह दूसरी बार है जब पुल गिरा है. बस इतनी ही गनीमत रही कि जिस वक्त हादसा हुआ, उस वक्त काम बंद हो चुका था. इस वजह से पुल पर कोई मजदूर नहीं था. आखिर कब तक देश भ्रष्ट और निकम्मे लोगों को लेकर मानवीय रवैया अपनाता रहेगा. यह नहीं चल सकता. इसका अंत तो होना ही चाहिए.

करप्शन के सवाल पर देश को जीरो टॉलरेंस की नीति पर चलना ही होगा. दूसरा विकल्प हमारे पास नहीं है. पिछले साल गुजरात के मोरबी जिले में पुल टूटा था. हादसे के वक्त पुल पर 300 से अधिक लोग मौजूद थे. 233 मीटर लंबा यह पुल करीब सौ वर्ष पुराना था. हादसे में बहुत से लोगों की जानें चली गईं थीं. जिनमें अधिकांश महिलाएं एवं बच्चे थे. यह जान लें कि जब तक देश करप्शन के मामलों पर सख्ती नहीं दिखाएगा तब तक इस तरह के जानलेवा हादसे होते ही रहेंगे.

Web Title: How to stop cases of rail accidents and breaking of bridges

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