ब्लॉग: बेमौसम बारिश से किसानों को भारी नुकसान, कुदरत के ऐसे कहर से उबारने के लिए ठोस नीति की जरूरत

By रमेश ठाकुर | Published: March 28, 2023 02:25 PM2023-03-28T14:25:06+5:302023-03-28T14:28:14+5:30

हाल में कई राज्यों में बेमौसम बारिश देखने को मिली. इससे किसानों को भारी नुकसान की आशंका है. नुकसान की भरपाई के लिए सरकारों ने प्रभावित क्षेत्रों में सर्वेक्षण शुरू किया है. ऐसा पहले भी कई बार हुआ है.

Heavy loss to farmers due to rain, concrete policy needed to recover from it | ब्लॉग: बेमौसम बारिश से किसानों को भारी नुकसान, कुदरत के ऐसे कहर से उबारने के लिए ठोस नीति की जरूरत

बेमौसम बारिश से किसानों को भारी नुकसान (फाइल फोटो)

मार्च के अंत में अधिक वर्षा होना निश्चित रूप से खेती के लिए हानिकारक होता है. इस वक्त गेहूं की फसल अधपकी होती है. कई राज्यों में तो पक चुकी है. तेज बारिश से जो फसलें जमींदोज हुई हैं. जब तक उठेंगी, बालियों के दाने सड़ चुके होंगे. गेहूं के अलावा इस वक्त गन्ना भी खेतों में खड़ा है. वह भी बरसात और ओलावृष्टि से प्रभावित हुआ है. निचले इलाकों में सब्जियां और फसलें खेतों में ही सड़ने लगी हैं. 

फिलहाल नुकसान की भरपाई के लिए प्रदेश सरकारों ने प्रभावित क्षेत्रों में सर्वेक्षण शुरू किया है. जांच टीमें दौरा कर रही हैं. देखना होगा कि किसानों के जख्मों पर मुआवजे के रूप में कितना मरहम लगाया जाता है.

तेज बारिश और ओलावृष्टि से लाखों हेक्टेयर फसल चौपट हुई है जिनमें उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, उत्तराखंड, बिहार व राजस्थान जैसे कृषि पर निर्भर राज्य ज्यादा प्रभावित हुए हैं. बीते कई वर्षों से बेमौसम बारिश फसलों को बर्बाद कर रही है. कृषि क्षेत्र पर संकट के काले बादल पहले से ही छाए हुए हैं जिस पर बेमौसम बारिश ने संकट को और गहरा दिया है.  

दरकार अब ऐसे नीति-नियमों की है जिससे किसान बेमौसम बारिश, ओलावृष्टि व बिजली गिरने आदि की घटनाओं के नुकसान से उबर सकें. कृषि पर आए संकट से वह मुस्तैदी से लड़ पाएं क्योंकि इस सेक्टर से न सरकार मुंह फेर सकती है और न ही कोई और. कोरोना संकट में डांवाडोल हुई अर्थव्यवस्था को कृषि सेक्टर ने ही उबारा था इसलिए कृषि को हल्के में नहीं ले सकते. सरकार को समझना चाहिए कि फसल बर्बादी का विकल्प मुआवजा नहीं हो सकता. इसके लिए बीमा योजनाओं को ठीक से लागू करना होगा. 

योजना तो अब भी लागू है, पर प्रभावी नहीं है. फसल बर्बाद होने पर किसानों को प्रति एकड़ उचित बीमा फसल के मुताबिक देने का प्रावधान बनाया जाए.

Web Title: Heavy loss to farmers due to rain, concrete policy needed to recover from it

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