नीम, महुआ, जामुन, कटहल, खेजड़ी (शमी), बबूल, शीशम, करोई, नारियल आदि जैसे बहुउद्देशीय पेड़ों का खत्म होना चिंताजनक है। ये न केवल पर्यावरण के लिए उपयोगी हैं बल्कि किसानों को फल, लकड़ी, जलावन, चारा, दवा जैसे उपयोगी उत्पाद भी देते हैं। ...
हम मनुष्यों ने अपना पानी बचाकर रखा हो या नहीं, लेकिन प्रकृति ने जरूर बचा रखा है। खबर है कि मानसून इस बार भी खुशनुमा रहेगा यानी सामान्य से अधिक बारिश होगी। ...
कृषि के क्षेत्र में लोकमत महाराष्ट्रीयन ऑफ द ईयर का पुरस्कार सविता पावरा को प्रदान किया गया। उन्होंने याहा मोगी माता स्थानीय बीज संरक्षण समिति धडगांव के माध्यम से सविता पावरा ने विभिन्न स्थानीय फसलों की 108 किस्मों की खेती, प्रबंधन और प्रबंधन किया है ...
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि अगले दो वर्षों में असम खाद्य आत्मनिर्भरता में बड़ा लाभ हासिल करेगा ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि दैनिक जरूरतों पर खर्च किया जाने वाला पैसा राज्य के भीतर ही रहे। ...
अगस्त और सितंबर सेब की फसल के लिए दो महत्वपूर्ण महीने हैं। इन दो महीनों के दौरान, नियमित बारिश से फलों को आकार और रंग प्राप्त करने में मदद मिलती है। सूखा फसल को नुकसान पहुंचा रहा है। ...
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने प्याज निर्यात पर केंद्र सरकार द्वारा लगाये गये 40 फीसदी निर्यात शुल्क पर कहा कि किसानों को उसे लेकर कोई चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। ...