Happy Republic Day 2024: राष्ट्र अपना 75वां गणतंत्र दिवस मना रहा, थीम है ‘विकसित भारत’ और ‘भारत-लोकतंत्र की मातृका’...
By लोकमत समाचार सम्पादकीय | Published: January 26, 2024 11:09 AM2024-01-26T11:09:22+5:302024-01-26T11:10:36+5:30
Happy Republic Day 2024: अतीत के बलिदानों को श्रद्धांजलि देने, वर्तमान की उपलब्धियों का उत्सव मनाने और एक ऐसे भविष्य की कल्पना करने का दिन है जहां राष्ट्र प्रगति और समृद्धि की ओर अग्रसर हो.
Happy Republic Day 2024: गणतंत्र दिवस वह दिन है जिसे ‘हम भारत के लोग’ लोकतंत्र, विविधता और भारत की सामूहिक भावना के पर्व के रूप में मनाते हैं. जैसा कि हम जानते हैं, राष्ट्र अपना 75वां गणतंत्र दिवस मना रहा है और इस वर्ष गणतंत्र दिवस परेड की थीम है ‘विकसित भारत’ और ‘भारत-लोकतंत्र की मातृका’. भारत वास्तव में लोकतंत्र की जननी है. यह दिन न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व के लोकतांत्रिक आदर्शों के प्रति राष्ट्र की अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाता है. भारतीय गणतंत्र दिवस देश की विकास यात्रा, पहचान और लोकतांत्रिक सिद्धांतों का उत्सव है जो इसकी आबादी को एकता के सूत्र में बांधे रखता है. यह अतीत के बलिदानों को श्रद्धांजलि देने, वर्तमान की उपलब्धियों का उत्सव मनाने और एक ऐसे भविष्य की कल्पना करने का दिन है जहां राष्ट्र प्रगति और समृद्धि की ओर अग्रसर हो.
हर भारतवासी के लिए गर्व का विषय है कि भारत में लोकतांत्रिक व्यवस्था निरंतर मजबूत होती जा रही है. लोकतंत्र पर हमारी आस्था बहुत गहरी है. हमारी लोकतांत्रिक व्यवस्था में समाज के सभी लोगों, विशेष रूप से पिछड़े और कमजोर वर्ग के लोगों और महिलाओं को विशेष रूप से प्रतिनिधित्व प्रदान किया गया है.
आज देश में 2.75 लाख से अधिक स्थानीय ग्रामीण निकायों के 31.5 लाख से अधिक निर्वाचित प्रतिनिधियों में 46 प्रतिशत महिला प्रतिनिधि हैं. पहली बार महिला सांसदों की संख्या 100 से ऊपर हो गई है. यह पूरे विश्व के लिए अनुकरणीय है. लोकतंत्र का सबसे सशक्त और जीवंत प्रमाण है भारत. यह दिन हमें मजबूत राष्ट्र के रूप में आगे बढ़ने का साहस और प्रेरणा देता है.
इस दिन हम उन महापुरुषों को भी याद करते हैं, जिन्होंने भारत को स्वतंत्रता दिलवाने और भारतीय संविधान को लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. भारतीय संविधान की शक्तियों के कारण ही हम देश में अपनी पसंद का प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और अन्य नेताओं को चुन सकते हैं. हम दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र हैं और हमारा संविधान बहुत मजबूत है.
देश के नागरिकों में अपने अधिकारों के प्रति जो चेतना दिखाई देती है,उसके मूल में हमारी स्वतंत्रता और संविधान भी है. तेजी से बदलते इस युग में भारत में भी कुछ अपवादों को छोड़कर जो परिवर्तन दिखाई दे रहा है उस सकारात्मकता को आगे बढ़ाने की आवश्यकता है.
ऐसा हुआ तो वह दिन दूर नहीं जब भारत एक बार फिर सोने की चिड़िया कहलाएगा. एक मजबूत लोकतंत्र, एक सशक्त संविधान की समझ वाले नागरिकों वाला ऐसा देश बन जाएगा जो दुनिया को राह दिखाने के लिए आतुर है और सक्षम भी.