ब्लॉग: गुजरात विधानसभा चुनाव भाजपा से कहीं ज्यादा पीएम मोदी के लिए था एक लिटमस टेस्ट, बीजेपी को कहीं हुई है भारी नुकसान तो कहीं टूटा है पार्टी का रिकॉर्ड
By लोकमित्र | Published: December 9, 2022 05:11 PM2022-12-09T17:11:37+5:302022-12-09T17:44:41+5:30
आपको बता दें कि 27 सालों से गुजरात की सत्ता में काबिज होने के बावजूद और पिछली बार 100 से भी कम सीटों में पहुंच जाने के बाद भाजपा ने गुजरात में जो अकल्पनीय प्रचंड बहुमत हासिल किया है, ऐसे में इस जीत का तो मजाक में भी भाजपाइयों ने दावा नहीं किया था।
नई दिल्ली: अगर तकनीकी रूप से देखा जाए तो गुजरात और हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनावों, दिल्ली के कॉर्पोरेशन चुनावों और पांच राज्यों की 6 विधानसभा सीटों व उत्तर प्रदेश की मैनपुरी लोकसभा सीट में हुए उपचुनावों में जिस एक पार्टी ने सबसे ज्यादा गंवाया है, वह निश्चित रूप से भारतीय जनता पार्टी है।
भाजपा के हाथ से क्या-क्या गया है
भाजपा ने इन चुनावों में हिमाचल में राज्य सरकार और दिल्ली में कॉर्पोरेशन की अपनी सत्ता गंवा दी है। उपचुनावों में जरूर उसे जिन सीटों में हार मिली है, वे पहले भी उसकी नहीं थीं, हां बिहार में कुढ़नी की विधानसभा सीट उसके खाते में अतिरिक्त उपलब्धि के रूप में जुड़ी है।
कांग्रेस को क्या हुआ हासिल
जहां तक कांग्रेस का सवाल है तो कांग्रेस ने हिमाचल में सत्ता हासिल की है और राजस्थान व छत्तीसगढ़ के उपचुनावों में अपनी सीटों पर कब्जा बनाए रखा है। इन चुनावों के दौरान कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी जिस तरह अपनी भारत जोड़ो यात्रा में ही ज्यादातर समय व्यस्त रहे और कांग्रेस के नए अध्यक्ष के रूप में मल्लिकार्जुन खड़गे की जो प्रतिष्ठा दांव पर लगी थी, उस सबको देखते हुए हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की जीत उसके लिए बहुत बड़ी राहत की सौगात रही है।
इन सभी चुनावों में भाजपा को बड़ी जीत भी मिली है
अगर भविष्य की तस्वीर और कामयाबी के रूप में देखें तो एक राज्य की सत्ता और राजधानी की कॉर्पोरेशन सत्ता गंवाने के बावजूद इन चुनावों में सबसे बड़ी कामयाबी भाजपा के हिस्से आई है। 27 सालों से गुजरात की सत्ता में काबिज होने के बावजूद और पिछली बार 100 से भी कम सीटों में पहुंच जाने के बाद भाजपा ने गुजरात में जो अकल्पनीय प्रचंड बहुमत हासिल किया है, उसका तो मजाक में भी भाजपाइयों ने दावा नहीं किया था।
गुजरात विधानसभा चुनाव भाजपा से कहीं ज्यादा प्रधानमंत्री मोदी के लिए था एक लिटमस टेस्ट
आप मानें या न मानें गुजरात के विधानसभा चुनाव भाजपा से कहीं ज्यादा प्रधानमंत्री मोदी का लिटमस टेस्ट थे। दरअसल न तो कांग्रेस, न ही संयुक्त रूप से विपक्ष इस बात को समझ पा रहा था कि गुजरात को जीतना भाजपा की प्रतीकात्मक शक्ति के लिए कितना जरूरी था। अगर गुजरात में भाजपा हार जाती तो विपक्ष के पास एक मनोवैज्ञानिक बढ़त होती।