ब्लॉग: पश्चिम बंगाल में फिर राज्यपाल Vs ममता बनर्जी...पंचायत चुनाव में सियासत गरमाई

By शशिधर खान | Published: July 4, 2023 12:22 PM2023-07-04T12:22:08+5:302023-07-04T12:23:53+5:30

Governor Vs Mamata Banerjee again in West Bengal, Politics heats up in Panchayat elections | ब्लॉग: पश्चिम बंगाल में फिर राज्यपाल Vs ममता बनर्जी...पंचायत चुनाव में सियासत गरमाई

ब्लॉग: पश्चिम बंगाल में फिर राज्यपाल Vs ममता बनर्जी...पंचायत चुनाव में सियासत गरमाई

पश्चिम बंगालपंचायत चुनाव में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव पर संदेह का मामला इस बार फिर ममता बनर्जी सरकार तथा राज्यपाल के बीच तनातनी का कारण बना. बात इतनी आगे बढ़ गई कि कलकत्ता हाईकोर्ट से भी बनी नहीं और आखिरकार सुप्रीम कोर्ट को शांतिपूर्वक चुनाव संपन्न कराने के लिए भारी तादाद में केंद्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती पर मुहर लगानी पड़ी. 

पश्चिम बंगाल में हिंसा कोई नई बात नहीं है. पंचायत से लेकर विधानसभा और लोकसभा चुनाव सहित नगरपालिका तक कोई भी निर्वाचन प्रक्रिया बिना हिंसा के संपन्न नहीं होती. तृणमूल कांग्रेस के 2011 में सत्ता में आने के बाद से इसमें पहले की अपेक्षा ज्यादा इजाफा हुआ है. 

हिंसा के अलावा जिस बात को लेकर ज्यादा विवाद खड़ा होता है, वो है हालात बेकाबू होने की स्थिति में राज्यपाल के हस्तक्षेप पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (दीदी) का बिफरना. किसी भी चुनाव में शांति बनाए रखने के लिए केंद्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो और मुख्यमंत्री दीदी को अखर जाती है. 

उम्मीदवारों और वोटरों की सुरक्षा के लिए राज्यपाल के हस्तक्षेप को दीदी केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार से जोड़ती हैं. इसे सियासी राजनीति का रंग देकर दीदी ऐसा चुनाव चाहती हैं, जिसमें उनके कोई विरोधी या तो पर्चे भर नहीं पाएं अथवा भरें भी तो जीत नहीं पाएं. 

खासकर पंचायत चुनाव में सिर्फ तृणमूल कांग्रेस की जीत सुनिश्चित करके दीदी यह दिखाना चाहती हैं कि जमीनी स्तर तक किसी भी पार्टी की पहुंच नहीं है और अपने उखड़े पैर रखने की जगह खोजने के लिए हिंसा को सभी दल मुद्दा बनाते हैं.

इस मामले को लेकर विवाद ने इतना तूल पकड़ा, जैसा पहले देखने को नहीं मिला था. 8 जुलाई को पंचायत चुनाव के लिए वोट डाले जाएंगे. चुनाव कार्यक्रम के ऐलान से लेकर पर्चे दायर करने और वापस लेने की तारीख के बाद भी हिंसा बदस्तूर जारी रही. इसमें एक साथ राज्य सरकार, राज्यपाल कार्यालय, कलकत्ता हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के बीच टकराव की नौबत आ गई.

अभी भी इस पर संशय बना हुआ है कि मतदान शांतिपूर्वक संपन्न हो पाएगा और वोटर निडर होकर अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर पाएंगे. मामला विवादास्पद बनकर दो कारणों से सुर्खियों में आया. एक चुनाव अधिसूचना जारी होने के 10 दिन बाद राजभवन में एक कंट्रोल रूम स्थापित किया गया. 

दो, राज्य चुनाव आयोग ने सरकार के एक कार्यालय की भूमिका निभाई जबकि स्वतंत्र, निष्पक्ष और शांतिपूर्वक मतदान राज्य चुनाव उपायुक्त की जिम्मेदारी है. उनसे यह उम्मीद नहीं की जाती कि वे राज्य सरकार का पक्ष रखने के लिए राजभवन, हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट जाएं.

Web Title: Governor Vs Mamata Banerjee again in West Bengal, Politics heats up in Panchayat elections

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