गौरीशंकर राजहंस का ब्लॉग: कोरोना से लड़ाई लंबी चलेगी
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: April 9, 2020 07:07 AM2020-04-09T07:07:55+5:302020-04-09T07:07:55+5:30
प्रधानमंत्री ने तो यह अच्छा किया कि पूरे देश में ‘लॉकडाउन’ करके लोगों की जान बचाने की कोशिश की, परंतु जिस तरह से यह बीमारी फैल रही है उसमें ‘लॉकडाउन’ कितने दिनों तक प्रभावी रहेगा, कहना कठिन है.
कुछ महीने पहले किसी ने कल्पना नहीं की थी कि पूरे संसार में एक ऐसी महामारी फैल जाएगी जिसका इंसान के पास कोई इलाज ही नहीं होगा. सारे संसार के वैज्ञानिक और डॉक्टर कोरोना का इजाज करने के लिए वैक्सीन की खोज कर रहे हैं. भारत में प्रधानमंत्री ने जो उपाय किए वे सभी सराहनीय हैं.
भारत में प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और सांसदों ने अपना 30 प्रतिशत वेतन इस बीमारी से लड़ने के लिए प्रधानमंत्री कोष में दे दिया. यही नहीं सांसदों को जो सांसद निधि मिलती थी उसे भी दो साल के लिए रोक दिया गया और इसका सारा पैसा इस महामारी से निपटने में लगाया जाएगा.
प्रधानमंत्री ने तो यह अच्छा किया कि पूरे देश में ‘लॉकडाउन’ करके लोगों की जान बचाने की कोशिश की, परंतु जिस तरह से यह बीमारी फैल रही है उसमें ‘लॉकडाउन’ कितने दिनों तक प्रभावी रहेगा, कहना कठिन है.
एक चिंता की बात यह है कि बिहार, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड तथा असम आदि राज्यों में जो मजदूर लौटकर अपने घर गए हैं, वही लोग लॉकडाउन खत्म होने के बाद दिल्ली या अन्य राज्यों में लौटेंगे तब उन्हें रोजगार कहां से मिलेगा. स्थिति अत्यंत भयावह होने जा रही है और किसी को सूझ नहीं रहा है कि अब भविष्य में क्या होगा. संसार के विकसित देश अमेरिका, इंग्लैंड आदि में हजारों लोग मर रहे हैं.
देवदूत के रूप में सारे भारत के डॉक्टर, नर्स और अस्पताल लोगों का इलाज कर रहे हैं, परंतु यह अत्यंत दुर्भाग्य की बात है कि कुछ रोगियों ने उन पर पत्थर बरसाए और उन्हें वहां से खदेड़ दिया. आज की तारीख में दुनिया बहुत छोटी है और सारी खबरें एक देश से दूसरे देश में हाथोंहाथ पहुंच जाती हैं. इन नासमझ रोगियों के व्यवहार से सारी दुनिया को गहरा धक्का लगा है.
भारत की जनसंख्या अन्य देशों से बहुत ज्यादा है और इतनी बड़ी जनसंख्या में इस महामारी के फैलने पर काबू पाना अत्यंत ही कठिन होगा. यही सबसे बेहतर होगा कि लोग घर से बाहर न निकलें और सतत चौकसी रखकर अपनी और अपने परिवार की रक्षा करें. कुल मिलाकर स्थिति अत्यंत गंभीर है और कोरोना से लड़ाई लंबी चलेगी.