ब्लॉग: संदेहमुक्त चुनाव संवैधानिक अनिवार्यता

By राजकुमार सिंह | Published: June 22, 2024 08:34 AM2024-06-22T08:34:30+5:302024-06-22T08:34:40+5:30

चुनाव प्रक्रिया को संदेह से भी परे रखने के लिए जरूरी है कि सुधार-प्रक्रिया जारी रहनी चाहिए।

Electronic Voting Machine (EVM) Doubt-free elections are a constitutional imperative | ब्लॉग: संदेहमुक्त चुनाव संवैधानिक अनिवार्यता

ब्लॉग: संदेहमुक्त चुनाव संवैधानिक अनिवार्यता

इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) पर विवाद थमते नहीं दिखते। दुनिया के बड़े अमीर और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ के मालिक एलन मस्क ने अब इसे अंतरराष्ट्रीय बना दिया है। मस्क ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों को खत्म कर देना चाहिए, क्योंकि इनके इंसानों और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी एआई द्वारा हैक किए जा सकने का खतरा है।

हालांकि यह खतरा कम है, लेकिन फिर भी बहुत बड़ा है.’ दरअसल अमेरिका में इसी साल नवंबर में राष्ट्रपति चुनाव होने हैं, जिसमें वर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडेन और पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के बीच मुख्य मुकाबले के आसार हैं। मस्क ने यह टिप्पणी राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार रॉबर्ट एफ कैनेडी जूनियर की एक पोस्ट को रिट्वीट करते हुए लिखी।

कैनेडी ने अपने पोस्ट में प्यूर्टो रिको के चुनाव में ईवीएम से जुड़ी धांधलियों के बारे में लिखा, ‘प्यूर्टो रिको के प्राइमरी इलेक्शन में ईवीएम से वोटिंग में कई अनियमितताएं सामने आईं। सौभाग्य से पेपर ट्रेल था, इसलिए उन्हें पहचान कर वोटों की गिनती को सही किया गया। सोचिए, जिन क्षेत्रों में पेपर ट्रेल नहीं हैं, वहां क्या होता होगा।’

कैनेडी की पोस्ट और उसे रिट्वीट करते हुए मस्क द्वारा लिखी गई पोस्ट का संदर्भ अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव से है, लेकिन भारत में भी इस पर तीखी प्रतिक्रिया हुई है। नरेंद्र मोदी सरकार के पूर्व आईटी मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने मस्क की इस टिप्पणी कि ‘ऐसा कोई डिजिटल डिवाइस नहीं बन सकता, जो हैक या टैंपर न किया जा सके’, को चुनौती देते हुए भारत की ईवीएम पर उन्हें ट्यूशन देने की बात तक कह दी।

मस्क की जवाबी संक्षिप्त टिप्पणी आई कि ‘कुछ भी हैक किया जा सकता है। पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मस्क की पोस्ट को रिट्वीट करते हुए टिप्पणी की कि ‘भारत में ईवीएम ब्लैक बॉक्स की तरह है। किसी को भी इसकी जांच की अनुमति नहीं है।’

मस्क की टिप्पणी के बाद ईवीएम पर भारत में विवाद बढ़ने की आशंका इसलिए भी है, क्योंकि 2009 से ही उनकी विश्वसनीयता पर विपक्ष सवाल उठाता रहा है। जो भी दल विपक्ष में रहता है, वह इस पर सवाल उठाता है। चुनाव प्रक्रिया को संदेह से भी परे रखने के लिए जरूरी है कि सुधार-प्रक्रिया जारी रहनी चाहिए। वीवीपैट के शत-प्रतिशत मिलान से अगर संदेह का समाधान होता है तो उस दिशा में सोचा जाना चाहिए।

चुनाव कोई टी-20 मैच नहीं, लोकतंत्र की प्राणवायु है। संदेह मुक्त, स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करना उनके परिणाम जल्द घोषित करने से कहीं ज्यादा जरूरी है।

Web Title: Electronic Voting Machine (EVM) Doubt-free elections are a constitutional imperative

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे