संपादकीय: पाक के सामने आतंकियों पर ठोस कार्रवाई की चुनौती

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: March 18, 2019 10:55 AM2019-03-18T10:55:42+5:302019-03-18T10:55:42+5:30

यह देखते हुए कि पाकिस्तान इन दिनों विश्व समुदाय के सामने अपने घड़ियाली आंसू बहाकर खुद को आतंकवाद से पीड़ित और आतंकवाद के खात्मे के प्रति गंभीर बताने की कोशिश कर रहा है, भारत ने उसे ठोस कार्रवाई करने की चुनौती दी है।

Editorial: Challenges of concrete action on terrorists in front of Pakistan | संपादकीय: पाक के सामने आतंकियों पर ठोस कार्रवाई की चुनौती

संपादकीय: पाक के सामने आतंकियों पर ठोस कार्रवाई की चुनौती

भारत सरकार ने यह कहकर एक बार फिर पाकिस्तान को दुनिया के सामने बेनकाब कर दिया है कि अगर वह सचमुच आतंकवाद के खात्मे को लेकर गंभीर है तो उसे अंडरवर्ल्ड सरगना दाऊद इब्राहिम और सैयद सलाहुद्दीन जैसे आतंकवादियों को भारत को सौंप देना चाहिए, जो भारतीय नागरिक हैं और पाकिस्तान में रह रहे हैं। 

यह देखते हुए कि पाकिस्तान इन दिनों विश्व समुदाय के सामने अपने घड़ियाली आंसू बहाकर खुद को आतंकवाद से पीड़ित और आतंकवाद के खात्मे के प्रति गंभीर बताने की कोशिश कर रहा है, भारत ने उसे ठोस कार्रवाई करने की चुनौती दी है। पाकिस्तान अब तक आतंकवादियों के खिलाफ भारत द्वारा सौंपे जाने वाले सारे सबूतों को नकारने की नीति अपनाता रहा है, चाहे वह 26/11 के मुंबई हमले से जुड़े पाकिस्तानी आतंकवादियों के खिलाफ सबूत हों या उसके बाद होने वाली अन्य आतंकी घटनाओं के सबूत। इसीलिए भारत ने इस बार पुलवामा हमले के बाद अमेरिका, इंग्लैंड, फ्रांस और चीन सहित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से जुड़े सभी सदस्य देशों के पास सबूत के डोजियर भेजे हैं।

इसी का नतीजा है कि अमेरिका फ्रांस और ब्रिटेन सहित अनेक देशों ने मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने का प्रस्ताव संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की प्रतिबंध समिति के सामने पेश किया। हालांकि चीन ने इस तरह के प्रस्ताव को चौथी बार अपने वीटो के अधिकार के माध्यम से बाधित कर दिया, लेकिन हकीकत यह है कि चीन भी इस बार अपने आपको दुनिया के सामने बेनकाब हुआ महसूस कर रहा है। यही कारण है कि चीन अब नरम पड़ते हुए कह रहा है कि वह भारत की चिंताओं से वाकिफ है और जल्द ही इस मामले का समाधान करेगा। 

जहां तक पाकिस्तान का संबंध है, आतंकवाद के मामले में अब दुनिया के सामने उसकी कोई विश्वसनीयता नहीं रह गई है और फ्रांस ने तो अपने देश में मौजूद मसूद अजहर की संपत्ति को जब्त करने की घोषणा भी कर दी है। अगर पाकिस्तान को विश्व बिरादरी में अपनी साख फिर से कायम करनी है तो उसे ठोस कार्रवाई करनी ही होगी और भारत ने इसके लिए उसे रास्ता भी सुझा दिया है। अब यह पाकिस्तान के कर्ताधर्ताओं पर निर्भर है कि वे अपने देश को विकास के पथ पर आगे ले जाना चाहते हैं या आतंकवाद के दलदल में और धंसाना चाहते हैं।

Web Title: Editorial: Challenges of concrete action on terrorists in front of Pakistan

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