डॉ. एस.एस. मंठा का ब्लॉग: राजनीति में विपरीत ध्रुवों का मिलन अब नहीं रहा असंभव

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: December 8, 2019 08:20 AM2019-12-08T08:20:37+5:302019-12-08T08:20:37+5:30

महाराष्ट्र की राजनीति में हाल के दिनों में ऐसा ही हुआ है. छोटी पार्टियों ने मिलकर पांसा पलट दिया. इसने दिखा दिया कि राजनीति में कोई चाणक्य नहीं है और न कोई कमजोर बुद्धि का है.

Dr. S.S. Mantha's blog: Opposite poles in politics are no longer impossible | डॉ. एस.एस. मंठा का ब्लॉग: राजनीति में विपरीत ध्रुवों का मिलन अब नहीं रहा असंभव

डॉ. एस.एस. मंठा का ब्लॉग: राजनीति में विपरीत ध्रुवों का मिलन अब नहीं रहा असंभव

Highlightsइ न दिनों डिसरप्शन अथवा विघटन का वातावरण है. व्यापार क्षेत्र में तो यह पहले से ही था,अब राजनीति में भी शुरू हो गया है

इ न दिनों डिसरप्शन अथवा विघटन का वातावरण है. व्यापार क्षेत्र में तो यह पहले से ही था, अब राजनीति में भी शुरू हो गया है. क्लेटन क्रिस्टेंसन ने 1997 में अपनी किताब ‘इनोवेटर्स डाइलेमा’ में लिखा था कि उद्योगपतियों के लिए ‘विघटन’ प्रसन्नता का विषय होता है. इस पुस्तक में कहा गया है कि कोई भी नया उपक्रम पुराने के विघटन से ही पैदा होता है. सफलता हासिल करने वाली कंपनियां केवल ग्राहकों की वर्तमान आवश्यकताओं का ही ध्यान नहीं रखती हैं बल्कि भविष्य की जरूरतों का भी अनुमान लगाती हैं.

उन्होंने अपनी किताब में लिखा है कि न्यूनतम संसाधनों के साथ बाजार में उतरने वाली छोटी कंपनियों ने भी वर्तमान व्यवस्था में बड़े-बड़े उलटफेर किए हैं. छोटे खिलाड़ियों द्वारा स्थापित पेशेवरों को उनके ही मैदान में मात देना  रोमांचक और चुनौतीपूर्ण रहा है. अनेक स्थापित कंपनियां इस प्रक्रिया में हाशिये पर जाते हुए देखी गई हैं.

महाराष्ट्र की राजनीति में हाल के दिनों में ऐसा ही हुआ है. छोटी पार्टियों ने मिलकर पांसा पलट दिया. इसने दिखा दिया कि राजनीति में कोई चाणक्य नहीं है और न कोई कमजोर बुद्धि का है. जो दूर तक देख सकता है, सावधानी से आगे बढ़ सकता है और सटीकता से कदम उठाता है वही आज का चाणक्य है. हार्वर्ड बिजनेस पब्लिकेशन ने इसे अध्ययन का विषय माना है. राजनीति संभावनाओं का खेल है. इनोवेटिव डिसरप्शन ने साबित कर दिया है कि राजनीति में कुछ भी असंभव नहीं है.

महाराष्ट्र में कौन सोच सकता था कि तीन पार्टियां मिलकर ‘महाविकास आघाड़ी’ के नाम से सबसे बड़ी पार्टी को चुनौती दे सकती हैं? लेकिन उन्होंने ‘कॉमन मिनिमम प्रोग्राम’ बनाया और सत्ता में आ गईं. अब उनके सामने सफलता के साथ पांच साल सरकार चलाने की चुनौती है, क्योंकि कई लोगों का मानना है कि सत्ता के लिए विपरीत ध्रुवों वाली विचारधाराएं एक साथ आई हैं और वे जल्दी ही बिखर जाएंगी. सफलतापूर्वक अपना कार्यकाल पूरा करने के लिए उन्हें व्यवसाय की तरह, न केवल लोगों की वर्तमान जरूरतों को पूरा करना चाहिए,

बल्कि भविष्य की जरूरतों को भी ध्यान में रखना चाहिए. डिसरप्शन अथवा विघटन के  बुनियादी तत्वों को अभी भी ठीक से नहीं समझा गया है. व्यापार और राजनीति में इसके मूल सिद्धांतों को अक्सर गलत तरीके से समझा जाता है, जबकि इसके अच्छे नतीजे हो सकते हैं. महाराष्ट्र में तीनों दलों को एक साथ लाने वाली उथल-पुथल ने उन्हें एक-दूसरे को निकट से जानने का मौका उपलब्ध कराया है. आशा की जानी चाहिए कि राज्य को विभिन्न हितों और विचारधाराओं के लोगों के संयुक्त अनुभव का लाभ मिलेगा.
 

Web Title: Dr. S.S. Mantha's blog: Opposite poles in politics are no longer impossible

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