डेरेक ओ’ ब्रायन का ब्लॉग: युवा तय करें देश का भविष्य

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: September 30, 2020 03:19 PM2020-09-30T15:19:24+5:302020-09-30T15:19:24+5:30

राज्यसभा के चेयरमैन एम वेंकैया नायडू ने सदन के आठ सदस्यों को उनकी अनुशासनहीनता के लिए निलंबित कर दिया है। इनमें डेरेक ओ ब्रायन (टीएमसी), संजय सिंह (आप), राजू सातव (कांग्रेस), केके रागेश (सीपीएम), रिपुन बोरा(कांग्रेस), डोला सेन (टीएमसी), सैय्यद नासिर हुसैन(कांग्रेस) और इलामारन करीम (सीपीएम) शामिल हैं

Derek O'Brien blog over farmers bill passed in Rajya sabha: Youth decide the country's future | डेरेक ओ’ ब्रायन का ब्लॉग: युवा तय करें देश का भविष्य

डेरेक ओ’ ब्रायन का ब्लॉग: युवा तय करें देश का भविष्य

 यंग इंडिया, यह आपका लोकतंत्र है. यह आपकी संसद है. ये आपके किसान हैं. यह आपका भविष्य है. मैं जानता हूं कि जीवन व्यस्तताओं भरा हो सकता है. कॉलेज से दूर जूम क्लासेस. दफ्तर जाने की जल्दी. शाम को आईपीएल देखना या कुछ और. इसीलिए हो सकता है आप में से कुछ ने पिछले दिनों संसद में क्या हुआ है, इस पर विस्तार से नजर नहीं रखी हो. फिर भी भाजपा ने हमारे लोकतंत्र को एक और घातक झटका दिया है. मैं आपको बताता हूं कि रविवार, 20 सितंबर को संसद में क्या हुआ. केवल तथ्य और नियम के बारे में.

राज्यसभा में दो महत्वपूर्ण कृषि विधेयकों पर चर्चा 9.30 बजे शुरू हुई, जो रविवार को पहली बार हो रही थी. चर्चा के लिए साढ़े तीन घंटे का समय दिया गया था, जो दोपहर एक बजे समाप्त होनी थी. भाषण समाप्त होने के बाद और बिल पास होने से पहले, किसी भी सांसद को यह अधिकार होता है कि वह बिल को एक संसदीय (चयन) समिति को भेजने का प्रस्ताव कर सकता है. ऐसा करने के लिए, एक सांसद को अग्रिम में, लिखित रूप में सूचित करना होता है. मेरी तरह ही विपक्ष के दो अन्य सांसदों ने भी मांग की थी कि इन विधेयकों को एक प्रवर समिति के पास भेजा जाना चाहिए. अधिक विस्तृत जांच और सुधार के लिए विधेयकों को चयन समितियों के पास भेजा जाता है.

किसानों से संबंधित ये बिल पहले अध्यादेश के रूप में जारी किए गए थे. अध्यादेश एक अस्थायी कानून है जो आपातकालीन आधार पर जारी किया जाता है. बाद में इसे संसद द्वारा स्थायी किया जाना अर्थात कानून बनाना जरूरी होता है. चूंकि ये अध्यादेश भी ‘आपातकालीन आधार’ पर जारी किए गए थे, इसलिए अध्यादेशों के सभी पहलुओं की छानबीन नहीं की गई थी. यही कारण है कि हमने इन दो महत्वपूर्ण कृषि विधेयकों को प्रवर समिति को भेजने का प्रस्ताव रखा. उस प्रस्ताव को बेहद अलोकतांत्रिक तरीके से खारिज कर दिया गया था.

सरकार ने उस दिन राज्यसभा में चार संसदीय नियम तोड़े :

नियम-37, जो सदन की भावना को ध्यान में रखने पर जोर देता है - दूसरे शब्दों में, पार्टियों या समूहों के नेताओं के विचार को ध्यान में रखना, यदि सभापति राज्यसभा की कार्यवाही के विस्तार का निर्णय लेते हैं. आधिकारिक कार्यवाही का वीडियो फुटेज अकाट्य सबूत प्रस्तुत करता है कि यह नियम दोपहर 1 बजे तोड़ दिया गया था.

नियम-125 कहता है कि कोई भी सांसद किसी बिल को प्रवर समिति को भेजने के लिए कह सकता है.

नियम-252 कहता है कि अगर एक भी सांसद ध्वनि मत को चुनौती दे तो आसन को मतगणना अवश्य करवानी चाहिए. आधिकारिक कार्यवाही का वीडियो फुटेज अकाट्य साक्ष्य प्रस्तुत करता है कि यह नियम टूट गया था. यह सभी अपराधों में सबसे शर्मनाक था.

नियम-257 में कहा गया है कि यदि सदन में गंभीर अव्यवस्था है तो सभापति को बैठक को निलंबित करना चाहिए. यह आमतौर पर थोड़े समय के लिए किया जाता है और फिर बढ़ाया जाता है. आधिकारिक कार्यवाही का वीडियो फुटेज अकाट्य साक्ष्य प्रस्तुत करता है कि यह नियम टूट गया था.

तीन सांसदों, तिरुचि शिवा (डीएमके), केके रागेश (सीपीआई-एम) और मैंने लिखित रूप से प्रस्ताव प्रस्तुत किया था और रविवार दोपहर को ‘मत विभाजन’ की मांग की (मतदान, न कि केवल ध्वनि मत). फिर से, आधिकारिक कार्यवाही का वीडियो फुटेज अकाट्य सबूत प्रस्तुत करता है कि यह नियम टूट गया था. यह संसदीय नियमों और रीति-रिवाज का बेहद गंभीर उल्लंघन था. इसके बाद मैंने अपनी रूल बुक के साथ सभापति के आसन के समीप जाने और आसन को इसे ‘दिखाने’ का निर्णय लिया.

सरकार क्यों केवल ध्वनि मत के लिए इतना अड़ी हुई थी? क्यों मत विभाजन (वास्तविक मतदान) को एक बार नहीं, बल्कि तीन बार नकारा गया? क्या संसदीय नियमों के प्रति थोड़ा सा भी सम्मान दिखाया गया? क्या टीआरएस, बीजेडी और शिरोमणि अकाली दल के रवैये (वे भी इन बिलों को सिलेक्ट कमेटी के पास भेजना चाहते थे) ने भाजपा को डरा दिया? यंग इंडिया, मैं इसका निर्णय आप पर छोड़ता हूं.

Web Title: Derek O'Brien blog over farmers bill passed in Rajya sabha: Youth decide the country's future

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे