Delhi Red Fort Blast: दिल्ली में ब्लास्ट अचानक नहीं साजिशन? कर्नल सिंह ने कहा- बड़ा करने का इरादा रखता था सक्रिय मॉड्यूल

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: November 13, 2025 21:22 IST2025-11-13T20:42:37+5:302025-11-13T21:22:48+5:30

Delhi Red Fort Blast: ब्लास्ट को लेकर पूर्व आईपीएस अधिकारी, दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल के पूर्व संयुक्त आयुक्त कर्नल सिंह से बातचीत की।

Delhi Red Fort Blast coincidence or conspiracy Colonel Singh said active module intention making it bigger | Delhi Red Fort Blast: दिल्ली में ब्लास्ट अचानक नहीं साजिशन? कर्नल सिंह ने कहा- बड़ा करने का इरादा रखता था सक्रिय मॉड्यूल

Delhi Red Fort Blast

Highlightsसोमवार को हुए ब्लास्ट में कई कोणों से मामले की जांच चल रही है।अचानक उठाया गया कदम नहीं हो सकता है।

राहुल शर्मा, नई दिल्लीः

लाल किला मेट्रो स्टेशन गेट के निकट सोमवार को हुए ब्लास्ट को लेकर जांच में अहम खुलासे होने बाकी हैं। आई-20 कार सवार डॉ. उमर की मौत के बाद से अनेक अनसुलझे सवालों का जवाब जांच एजेंसी एनआईए और दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल अपने स्तर पर तलाश रही है। इस पूरे नेटवर्क को ध्वस्त करने के बाद ही साफ होगा कि आखिर कार फरीदाबाद में विस्फोटक सामग्री पहुंचाने वालों के मंसूबे क्या थे और ये कहां-कहां दहशत मचाना चाहते थे। ब्लास्ट को लेकर पूर्व आईपीएस अधिकारी, दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल के पूर्व संयुक्त आयुक्त कर्नल सिंह से बातचीत की।

उन्होंने कहा कि सोमवार को हुए ब्लास्ट में कई कोणों से मामले की जांच चल रही है, लेकिन दिल्ली पुलिस में अपने लंबे अनुभव और अनेक आतंकी मॉड्यूल को ध्वस्त करने का अनुभव रखने वाले अधिकारी ने कहा कि कार में विस्फोटक सामग्री ले जाकर विस्फोट करना तय था, यह अचानक उठाया गया कदम नहीं हो सकता है।

उन्होंने कहा कि कार में मौजूद विस्फोटक सामग्री की स्पष्टता सीएफएसएल रिपोर्ट आने के बाद ही चल पाएगी, लेकिन घटनास्थल पर मौजूद गंध से भी काफी हद तक जांच एजेंसियों को संकेत मिल चुका होगा। पूर्व आईपीएस ने संभावना जताई है कि ब्लास्ट में हुई लोगों की मौत और ब्लास्ट से हुई क्षति शॉर्प कटिंग और हाई एक्सप्लोसिव (प्लास्टिक एक्सप्लोसिव) का इस्तेमाल होने का संकेत देती है।

यह भी संभव है कि डेटोनेटर भी क्षतिग्रस्त हो चुका हो। इस बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता है कि लिक्विड डेटोनेटर का इस्तेमाल किया गया हो क्योंकि पूर्व में देश के कई राज्यों में ऐसे विस्फोट सामने आ चुके हैं। कर्नल सिंह ने बताया कि आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद के हमलों में अक्सर हाई एक्सप्लोसिव का इस्तेमाल होता है,

जबकि लश्कर-ए-तैयबा संगठन लो और हाई एक्सप्लोसिव दोनों ब्लास्ट के लिए जाना जाता है। फरीदाबाद में बरामद विस्फोटक सामग्री और कश्मीर कनेक्शन पर उन्होंने स्पष्ट किया कि कोई भी आतंकी मॉड्यूल हो, उसके लिए सबसे जरूरी है कि वहां उन्हें साजिश रचने और अपने काम को बखूबी अंजाम देने के लिए सेफ साइट मिलनी चाहिए।

फरीदाबाद से सटे धौज, नूंह या मेवात में स्लीपर सेल के स्टे करने के लिए वर्तमान में सुरक्षित ठिकाना हो सकता है क्योंकि दिल्ली की सीमा से सटे फरीदाबाद से राजधानी में प्रवेश करना बहुत मुश्किल काम नहीं है। पूर्व आईपीएस ने स्पष्ट किया कि दिल्ली में संलिप्त मॉड्यूल के इरादे कुछ बड़ा करने के थे, इसलिए इन्हें समय रहते जड़ से खत्म करना होगा। इसके लिए बेहद जरूरी है कि कश्मीर, हरियाणा और दिल्ली या किसी भी दूसरे राज्य से जुड़े कनेक्शन को बेनकाब कर ध्वस्त कर दिया जाए।

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