सड़क हादसों में होने वाली मौतों पर लग सकेगा अंकुश
By लोकमत समाचार सम्पादकीय | Published: December 6, 2023 09:32 AM2023-12-06T09:32:06+5:302023-12-06T09:36:50+5:30
सड़क हादसों में घायल होने वालों के लिए यह खबर राहत देने वाली है कि अब उन्हें ‘गोल्डन ऑवर’ के दौरान कैशलेस इलाज मिल सकेगा।
सड़क हादसों में घायल होने वालों के लिए यह खबर राहत देने वाली है कि अब उन्हें ‘गोल्डन ऑवर’ के दौरान कैशलेस इलाज मिल सकेगा। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय सड़क हादसों में घायल होने वाले लोगों को देशभर में कैशलेस इलाज की सुविधा अगले तीन-चार महीनों में शुरू करने की तैयारी में है।
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग सचिव अनुराग जैन ने सोमवार को सड़क परिवहन पर आयोजित एक कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए कहा कि भारत में सड़क हादसों में जान गंवाने वाले लोगों की संख्या दुनिया में सबसे अधिक है। हादसे में घायल हुए किसी व्यक्ति को बचाने के लिए शुरुआती एक घंटा बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है और इस समय को ही मेडिकल क्षेत्र में गोल्डन ऑवर कहते हैं।
कई बार ऐसा होता है कि किसी घायल को राहगीरों द्वारा अस्पताल पहुंचाए जाने के बाद इलाज के पैसों के मुद्दे के कारण उसका तत्काल इलाज शुरू नहीं हो पाता। आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2022 में भारत में कुल 4,61,312 सड़क दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें 1,68,491 लोगों ने अपनी जान गंवाई और कुल 4,43,366 लोग घायल हुए।
वर्ष 2021 में भी सड़क हादसों में डेढ़ लाख से अधिक लोगों की मृत्यु हुई थी। इस प्रकार रोज 400 से अधिक लोग सड़क हादसों में मौत के मुंह में चले जाते हैं। अब चूंकि सरकार कैशलेस इलाज की सुविधा शुरू करने जा रही है, इसलिए सड़क हादसे के घायलों का किसी भी अस्पताल में तत्काल इलाज शुरू हो सकेगा और इस तरह सड़क हादसे में जान गंवाने वालों की संख्या में कमी लाई जा सकेगी।
कैशलेस सुविधा मुहैया कराना संशोधित मोटर वाहन अधिनियम, 2019 का हिस्सा है। कुछ राज्य हालांकि इसे पहले ही लागू कर चुके हैं लेकिन अब स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के साथ मिलकर सड़क परिवहन मंत्रालय इसे देशभर में लागू करने जा रहा है। आयुष्मान भारत योजना के बाद यह दूसरी ऐसी व्यापक योजना है जिस पर केंद्र सरकार काम कर रही है।
इतना ही नहीं बल्कि सड़क हादसों में कमी लाने के लिए लोगों को शिक्षित व जागरूक करने के लिए भी सरकार द्वारा पहल की जा रही है और इसी क्रम में शिक्षा मंत्रालय स्कूलों व कॉलेज के पाठ्यक्रमों में सड़क सुरक्षा को शामिल करने की तैयारी कर रहा है। उम्मीद की जानी चाहिए कि सरकार के इन प्रयासों से सड़क हादसों में होने वाली मौतों पर अंकुश लग सकेगा।