ब्लॉग: सड़क हादसों का लगातार बढ़ना चिंताजनक
By ललित गर्ग | Published: November 4, 2023 11:04 AM2023-11-04T11:04:25+5:302023-11-04T11:14:28+5:30
लापरवाही के कारण बढ़ते हादसे चिंता का बड़ा सबब हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, सड़क हादसों की संख्या में 11.9 प्रतिशत की वृद्धि हुई और उनसे होने वाली मृत्यु की दर 9.4 प्रतिशत बढ़ी।
सड़क हादसों पर सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की चिंताजनक रिपोर्ट आई है। इसके मुताबिक, पिछले साल 4.61 लाख सड़क हादसे हुए। इन दुर्घटनाओं में 1.68 लाख लोगों ने जान गंवाई। इन आंकड़ों का विश्लेषण करने पर पता चलता है कि तकरीबन हर एक घंटे में 53 सड़क दुर्घटनाएं हुईं। हर घंटे इनमें 19 लोगों की मौत हुई।
लापरवाही के कारण बढ़ते हादसे चिंता का बड़ा सबब हैं। उक्त रपट यह भी बताती है कि सड़क हादसों की संख्या में 11.9 प्रतिशत की वृद्धि हुई और उनसे होने वाली मृत्यु की दर 9.4 प्रतिशत बढ़ी।
इसी तरह सड़क हादसों में घायल होने वालों की संख्या में 15.3 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। बीते वर्ष सड़क हादसों में 66 हजार से अधिक लोगों ने इसलिए जान गंवाई क्योंकि उन्होंने सीट बेल्ट नहीं पहनी थी या फिर हेलमेट नहीं लगाया था। हालांकि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने 2024 तक देश में दुर्घटनाओं और उनसे होने वाली मौत की संख्या को आधा करने का लक्ष्य रखा है, जो एक उम्मीद जगाता है एवं रोशनी बन रहा है।
रिपोर्ट के अनुसार, देश में 2022 में कुल 4,61,312 सड़क हादसे हुए, जिनमें से 1,51,997 यानी 32।9 प्रतिशत हादसे एक्सप्रेसवे एवं राष्ट्रीय राजमार्गों पर हुए। वहीं 1,06,682 यानी 23.1 फीसदी हादसे राज्य राजमार्गों जबकि 2,02,633 यानी 43.9 प्रतिशत हादसे अन्य सड़कों पर हुए।
रिपोर्ट की मानें तो सड़क हादसों में जान गंवाने वाले लोगों में बड़ी संख्या सुरक्षात्मक साधनों का इस्तेमाल न करने वालों की रही। सीट बेल्ट न पहनने की वजह से 16,715 लोगों की इन हादसों में मौत हो गई, जिनमें से 8,384 लोग ड्राइवर थे जबकि बाकी 8,331 लोग वाहन में बैठे यात्री थे। इसके अलावा 50,029 दोपहिया सवार भी हेलमेट न पहनने की वजह से इन हादसों में जान गंवा बैठे। लगातार चौथे साल घातक सड़क दुर्घटना का सबसे अधिक युवा शिकार हुए।