ब्लॉग: आम आदमी की उम्मीदों को पूरा करेगा बजट! किन बड़े ऐलान की है संभावना?

By डॉ जयंती लाल भण्डारी | Published: February 1, 2022 08:44 AM2022-02-01T08:44:08+5:302022-02-01T08:44:08+5:30

Budget 2022: निर्मला सीतारमण इस बार बजट में स्वास्थ्य, शिक्षा और रोजगार पर आवंटन बढ़ाते हुए दिखाई दे सकती हैं. सड़क और रेल क्षेत्र में बजट खर्च करीब 20 से 25 फीसदी तक बढ़ाया जा सकता है.  

Budget 2022 will it fulfill expectations of common people and what are the big announcements likely | ब्लॉग: आम आदमी की उम्मीदों को पूरा करेगा बजट! किन बड़े ऐलान की है संभावना?

आम आदमी की उम्मीदों को क्या पूरा करेगा बजट? (फाइल फोटो)

इस समय पूरे देश की निगाहें एक फरवरी 2022 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के द्वारा प्रस्तुत किए जाने वाले वर्ष 2022-23 के बजट की ओर लगी हुई हैं. उम्मीद है कि वित्त मंत्री इस बार कोरोना संकट और वित्तीय चुनौतियों के बीच आगामी महीनों में पांच राज्यों में चुनाव और विभिन्न वर्गो को कोरोना से निर्मित मुश्किलों को ध्यान में रखते हुए पूरी तरह खुली मुट्ठियों से ऐसा अभूतपूर्व रणनीतिक बजट पेश करते हुए दिखाई देंगी, जिससे लोगों को बड़ी राहत मिले और विकास दर भी बढ़े.

इसमें कोई दो मत नहीं है कि इस वर्ष 2022-23 का बजट बनाते हुए विभिन्न आर्थिक एवं वित्तीय मुश्किलें वित्त मंत्री के सामने मुंह बाए खड़ी हैं. कच्चे तेल की कीमतें 90 डॉलर प्रति बैरल के आसपास दिखाई दे रही हैं. महंगाई बढ़ी हुई है. कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर और ओमिक्रॉन के कारण देश के उद्योग-कारोबार पर असर पड़ रहा है. फिर भी पिछले वर्ष 2020 की तुलना में वर्ष 2021 में सरकारी खजाने की स्थिति संतोषप्रद है. 

वित्त मंत्री के लिए राहत की बात यह है कि चालू साल के दौरान पेट्रोलियम उत्पादों पर उत्पाद शुल्क में कटौती करने और विनिवेश लक्ष्य के उम्मीद से कम होने के बावजूद राजकोषीय घाटे के मोर्चे पर स्थिति काबू में है. रेटिंग एजेंसी इक्रा ने वित्त वर्ष 2021-22 में सरकार का राजकोषीय घाटा (फिजिकल डेफिसिट) 16.6 लाख करोड़ रुपए रहने का अनुमान जताया है, जो सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का करीब 7.1 फीसदी होगा. यह चालू वित्त वर्ष के बजट अनुमान 6.8 प्रतिशत से थोड़ा ही अधिक है.

बजट में वित्त मंत्री स्वास्थ्य, शिक्षा और रोजगार पर आवंटन बढ़ाते हुए दिखाई दे सकती हैं. वित्त मंत्री बुनियादी ढांचे पर पूंजीगत व्यय बढ़ाकर आर्थिक गतिविधियों, खपत और नौकरियों के सृजन को बढ़ावा देते हुए दिखाई दे सकती हैं. सड़क और रेल क्षेत्र में बजट खर्च करीब 20 से 25 फीसदी बढ़ सकता है.  

बुनियादी ढांचे पर वर्ष 2021-22 के बजट में 5.54 लाख करोड़ रुपए की राशि की प्रतिबद्धता जताई गई थी. ऐसे में आगामी बजट में बुनियादी ढांचे पर करीब 7 लाख करोड़ रुपए का आवंटन हो सकता है. आगामी बजट में सौर ऊर्जा सेक्टर को लेकर भी बड़ी घोषणा हो सकती है. किफायती आवास, रियल एस्टेट और निर्माण (कंस्ट्रक्शन) पर सरकार ज्यादा जोर दे सकती है.  

चूंकि सरकार चाहती है कि आने वाले वर्षो में दुनियाभर में भारत मैन्युफैरिंग हब बनकर उभरे, ऐसे में इस परिप्रेक्ष्य में वित्त मंत्री आगामी बजट में बड़े ऐलान कर सकती हैं. वित्त मंत्री नई मैन्युफैक्चरिंग यूनिटों पर दी जाने रही 15 फीसदी कॉरपोरेट टैक्स की स्कीम को अगले 2 साल के लिए बढ़ा सकती हैं. 

आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत 13 प्रमुख क्षेत्रों में घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के तहत 1.97 लाख करोड़ रुपए का आवंटन किया है. अब आगामी बजट में पीएलआई योजना में शामिल विभिन्न क्षेत्रों के लिए अतिरिक्त आवंटन सुनिश्चित किया जा सकता है. 

आगामी बजट में वित्त मंत्री रिकॉर्ड निर्यात का लक्ष्य रखते हुए विभिन्न कच्चे मालों पर आयात शुल्क घटा सकती हैं. ये आयात शुल्क खासतौर से ऐसी चीजों के कच्चे माल पर घटाए जा सकते हैं, जिनका पीएलआई क्षेत्र के उद्योगों में उपयोग होता है.

वित्त मंत्री के द्वारा आगामी बजट में छोटे करदाताओं व मध्यम वर्ग की क्रयशक्ति बढ़ाने हेतु सरकार के द्वारा राहत के व्यापक उपाय सुनिश्चित किए जा सकते हैं. छोटे करदाताओं और मध्यम वर्ग की मुश्किलों के बीच वर्ष 2020 में लागू नई आयकर व्यवस्था को आकर्षक बनाने का ऐलान किया जा सकता है. टैक्सपेयर्स को राहत देते हुए सरकार टैक्स में छूट की सीमा को दोगुना कर 5 लाख तक कर सकती है. 

नौकरीपेशा वर्ग के लोगों को स्टैंडर्ड डिडक्शन की जो सीमा 50 हजार रुपए है, उसे बढ़ाकर 75 हजार रु पए किया जा सकता है. मौजूदा समय में धारा 80सी के तहत 1.50 लाख रुपए की छूट मिलती है. इसके तहत ईपीएफ, पीपीएफ, एनएससी, जीवन बीमा, बच्चों की ट्यूशन फीस और होम लोन का मूलधन भुगतान भी शामिल है. अतएव धारा 80सी के तहत कर छूट की सीमा ढाई लाख से तीन लाख रुपए की जा सकती है. 

वर्ष 2022-23 के बजट में घर खरीदने के लिए लोगों को प्रोत्साहित करने के मद्देजनर होम लोन के ब्याज रीपेमेंट पर मिलने वाले बेनिफिट की लिमिट को दो लाख रुपए से बढ़ाकर चार लाख रुपए किया जा सकता है.

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