पुस्तक समीक्षा: प्रेम की भावनाओं से भरी किताब 'टूटन', 21वीं सदी में अंतरजातीय विवाह पर समाज की मानसिकता दिखाती एक कहानी

By धीरज पाल | Updated: April 15, 2020 12:12 IST2020-04-15T12:07:09+5:302020-04-15T12:12:06+5:30

'टूटन' युवा लेखक आशुतोष अस्थाना की पहली किताब है। कहानी सामान्य है जो आपके आस-पास घटी हुई प्रतीत होती है।

Book review 'Tootan in hindi author ashutosh asthana a book full of feelings of love society on inter-caste marriage in the 21st centur | पुस्तक समीक्षा: प्रेम की भावनाओं से भरी किताब 'टूटन', 21वीं सदी में अंतरजातीय विवाह पर समाज की मानसिकता दिखाती एक कहानी

पुस्तक समीक्षा- 'टूटन'

कहते हैं इंसान का व्यक्तित्व उसकी सोच पर टिकी होती है और सोच से ही वो अपनी जिंदगी का निर्माण करता है। इंसान तो मर जाता है लेकिन उसके शब्द और उसके विचार कभी नहीं मरते.. उदाहरण के तौर पर महात्मा गांधी, मदर टेरेसा जैसे कई नाम सामने आते हैं। ठीक इसी प्रकार से लिखी गई है किताब टूटन, जो प्रेम की भावनाओं से भरी है और अंत में आपको सोचने पर मजूबर कर देगी। कई सवाल पैदा होंगे, जिसके जवाब आपको खुद से ढूंढने होंगे। जैसे क्या 21वीं सदी में दूसरी जाति, धर्म या समुदाय में प्रेम करना पाप है?, प्रेम का अंत क्या है?, आखिर प्रेम को लेकर कब लोगों की सोच बदलेगी?, आज भी समाज के निर्माण और उसकी सोच में कमी कहां रह जा रही है... जैसे सवाल और विचार आपके मन में कौंध जाएंगे। कुछ इन्हीं विचारों को संजोती है किताब टूटन...

किताब की कहानी के बारे में

'टूटन' युवा लेखक आशुतोष अस्थाना की पहली किताब है। कहानी सामान्य है जो आपके आस-पास घटी हुई प्रतीत होती है। लेकिन किताब विचारों और भवानाओं से भरी है। कहानी अनुराधा और मुकेश सक्सेना की है। जो अलग-अलग जाति के हैं और एक ही कॉलेज में पढ़ते हैं। कॉलेज के दौरान दोनों में दोस्ती होती है और उसी दौरान दोनों को एक-दूसरे से प्यार हो जाता है।

सात साल प्रेम में रहने के बाद दोनों एक दूसरे से शादी का प्रस्ताव अपने माता-पिता के सामने रखते हैं। जैसा कि बताया दोनों की जातियां अलग-अलग हैं। अनुराधा और मुकेश के माता-पिता दोनों शादी से इनकार कर देते हैं। इतना ही नहीं अनुराधा के माता-पिता उसकी शादी अपने ही जाति में किसी दूसरे लड़के से करा देते हैं। माता-पिता के इस फैसले के बीच अनुराधा और मुकेश की भवनाओं को बड़ा आघात लगता है और दोनों ही अपने में टूट जाते हैं।

क्यों पढ़नी चाहिए किताब

किताब आज के समय के लिए बेहद जरूरी है। खासकर युवा ही नहीं बल्कि पैरेंट्स को भी यह किताब पढ़नी चाहिए। यहां प्यार को समझने के लिए नहीं बल्कि अपने बेटे और बेटियों की सोच को समझने और उन्हें समझाने के लिए यह किताब जरूरी है।
  
किताब के कुछ अंश 

"हमारे समाज में प्रेम करना पाप है, मगर उससे बड़ा पाप है उस प्रेम को हासिल करने की चाहत रखना, वो भी तब जब प्रेम धर्म, जाति और समुदाय के बंधनों में जकड़ा हुआ है।' किताब में टूटन का जिक्र है जो व्यक्ति को तब तक झेलना पड़ता है जब तक वो समाज की बनीं दीवारों को लांघने की कोशिश करता है, बिल्कुल वैसे ही जैसे मुकेश और अनुराधा ने कोशिश की थी...

किताब की खास कुछ बातें

जैसा कि पहले ही बताया कि लेखक साहित्य की नगरी प्रयागराज (इलाहाबाद) से हैं। पहली किताब होने के नाते लेखक की भाषा बहुत ही सरल है। इसलिए पाठकों को समझने में आसानी होगी और किताब कई अध्यायों में लिखी गयी है। कहानी वर्तमान और फ्लैशबैक में चलती है, जिसे लेखक ने बखूबी ढ़ंग से पेश किया है।  

Web Title: Book review 'Tootan in hindi author ashutosh asthana a book full of feelings of love society on inter-caste marriage in the 21st centur

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