ब्लॉग: जी-20 की सफलता का देश-दुनिया की राजनीति पर होगा असर
By आलोक मेहता | Updated: September 11, 2023 10:19 IST2023-09-11T10:17:23+5:302023-09-11T10:19:10+5:30
भारत अपनी पूरी ताकत के साथ दुनिया के प्रमुख 20 देशों का नेतृत्व कर रहा है। भारत से जलवायु परिवर्तन और सतत विकास पर चर्चा का नेतृत्व करने की जो उम्मीद विश्व ने रखी, भारत उस पर खरा उतरा है।

जी-20 देशों के दिल्ली शिखर सम्मेलन से दुनिया के विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग और विकास के रास्ते खुल रहे हैं
नई दिल्ली: जी-20 देशों के दिल्ली शिखर सम्मेलन से दुनिया के विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग और विकास के रास्ते खुल रहे हैं, वहीं भारत और इसकी राजनीति पर दूरगामी असर रहने वाला है। खासकर अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विश्व में प्रतिष्ठा तथा आर्थिक विकास के लिए अनेक देशों से समझौते से सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी को लाभ मिल सकता है। पाकिस्तान और चीन भी अब दुनिया के दबाव में रहेंगे और भारत विरोधी उनकी गतिविधियों पर अंकुश लग सकेगा।
वैश्विक मंच पर भारत की भूमिका लगातार बढ़ रही है और भारत-अमेरिका संबंध परिणामी रिश्तों में से एक हैं। अमेरिका, यूरोप, आसियान, लातिन अमेरिका और अफ्रीका के देश भारत द्वारा विश्व में शांति, पर्यावरण संरक्षण, स्वास्थ्य, रक्षा आदि मानव कल्याण के कार्यक्रमों के लिए सहमत हुए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय कूटनीति की सबसे बड़ी उपलब्धि यह है कि जी-20 सम्मेलन में अमेरिका, यूरोप के साथ रूस और चीन से किसी भी देश द्वारा परमाणु हथियारों की धमकी न देने, किसी देश की सम्प्रभुता का अतिक्रमण न करने और आतंकवाद के कड़े विरोध का घोषणा पत्र जारी करवा दिया।
इसके साथ ही यूक्रेन की युद्ध की स्थिति पर चिंता और शांति पर जोर दिया गया, लेकिन आक्रामक रूस के नाम तक का जिक्र नहीं किया गया। यह मोदी और जयशंकर की चतुर राजनयिक क्षमता का परिणाम है। इससे रूस-यूक्रेन के बीच शांति प्रयासों में भी सहायता मिल सकती है। दूसरी तरफ भारत, पश्चिम एशिया, मध्य पूर्व, यूरोप, जर्मनी, इटली और अमेरिका के बीच आर्थिक कॉरिडोर के ऐतिहासिक निर्णय की घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने की। इससे समुद्री, वायु और थल मार्गों से विश्व व्यापार का नया अध्याय प्रारंभ हो सकेगा। यह चीन द्वारा पाकिस्तान, श्रीलंका, म्यांमार के रास्ते यूरोप की तरफ आर्थिक कॉरिडोर मार्ग के प्रयास का करारा जवाब है।
क्षेत्रीय-वैश्विक स्तर पर दक्षिण एशिया का अगुआ देश भारत ही है। इस वजह से दक्षिण एशिया के बाकी देशों के हितों को (जो जी-20 का हिस्सा नहीं है) आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी भी भारत की ही है। पूरी दुनिया में भारत के नाम का डंका बज रहा है। पूरी दुनिया को भारत की जरूरत है। ऐसे में दुनियाभर में भारत की बढ़ती हैसियत की घरेलू माहौल में पुष्टि करना भी एक बड़ी जिम्मेदारी है। भारत अपनी पूरी ताकत के साथ दुनिया के प्रमुख 20 देशों का नेतृत्व कर रहा है। भारत से जलवायु परिवर्तन और सतत विकास पर चर्चा का नेतृत्व करने की जो उम्मीद विश्व ने रखी, भारत उस पर खरा उतरा है।