वेदप्रताप वैदिक का ब्लॉगः सर्वधर्म समभाव की प्रतिमूर्ति
By वेद प्रताप वैदिक | Published: November 20, 2018 07:18 AM2018-11-20T07:18:53+5:302018-11-20T07:18:53+5:30
शेख सर्वधर्म समभाव की साक्षात प्रतिमूर्ति हैं. उन्होंने अपना पूरा भोजन एकदम शाकाहारी रखा.
पिछले चार-पांच दिन दुबई और अबुधाबी में ऐसे बीते जिनकी याद मुङो जिंदगी भर बनी रहेगी. यों तो दुबई मैं कई बार आ चुका हूं लेकिन इस बार यहां मैं दिल्ली की ‘दिया फाउंडेशन’ के कार्यक्रम में भाग लेने आया था. यह कार्यक्रम देश के प्रसिद्ध हृदयरोग विशेषज्ञ डॉ. एस.सी. मनचंदा ने चला रखा है. वे विकलांग गरीब बच्चों के हृदय के ऑपरेशन मुफ्त करवाते हैं. इस कार्यक्र म के मुख्य अतिथि थे- शेख नाह्यान बिन मुबारक. शेख साहब इस देश के सबसे लोकप्रिय नेता हैं. भारतीयों का कोई भी बड़ा समारोह उनके बिना पूरा नहीं होता. वे हमारे कार्यक्र म में तो आए ही, उन्होंने दो बार मुङो अपने महल में भोजन के लिए आमंत्रित किया.
उनके साथ भोजन में लगभग 200 आदमी रोज बैठते हैं. अतिथियों में देश-विदेश के नेता, उद्योगपति, राजदूत और अन्य विशिष्ट लोग होते हैं. पहले दिन उन्होंने अपने पास के सोफे पर मुङो बिठाया और भारत-अमीरात संबंधों के बारे में अंतरंग बात की. रविवार को उन्होंने मुङो दुबारा निमंत्रित किया. भोजन शुरू हो चुका था. हमारी कार 10 मिनट देर से पहुंची. मैंने देखा कि मंच पर छह-सात मेहमान बैठे हैं. शेष दो-तीन सौ लोग नीचे भोजन की मेज-कुर्सियों पर बैठे हैं. मेरे जाते ही शेख उठकर खड़े हुए और पास की कुर्सी पर बैठे एक अन्य मंत्नी को हटाकर वे उसकी कुर्सी के पीछे खड़े हो गए. मुङो उन्होंने अपनी कुर्सी पर बिठा दिया.
शेख सर्वधर्म समभाव की साक्षात प्रतिमूर्ति हैं. उन्होंने अपना पूरा भोजन एकदम शाकाहारी रखा. उन्होंने अपने मंत्नालय का नाम ‘सहिष्णुता मंत्नालय’ रखा है. वे सब धर्मो, सब जातियों और सब देशों के बीच सद्भावना, सहिष्णुता और सहकार का भाव जगाने की कोशिश करते हैं. इस यात्ना के दौरान पड़ोसी देशों के अन्य बड़े नेताओं और कूटनीतिज्ञों के साथ प्रीति-भोज और संवाद भी हुए. मुङो लगता है कि अचानक हुए इन संवादों से अगले दो-तीन वर्ष में दक्षिण एशिया की राजनीति को एकदम नया स्वरूप देने में हमें काफी मदद मिलेगी.