वेदप्रताप वैदिक का ब्लॉग: अभिनंदन की वापसी के अर्थ
By वेद प्रताप वैदिक | Published: March 3, 2019 09:00 AM2019-03-03T09:00:47+5:302019-03-03T09:00:47+5:30
अभिनंदन का लौटना कई दृष्टि में अपने ढंग से अलग है. एक तो यह कि अभिनंदन ने पाकिस्तान का लड़ाकू विमान मार गिराया, इसके बावजूद उसने उसे वापस लौटा दिया.
हमारे विंग कमांडर अभिनंदन का सकुशल भारत लौटना अपने आप में अनुपम घटना है. यों तो जिनेवा संधि के मुताबिक सारी दुनिया में यह परंपरा चली आ रही है कि जब एक देश के फौजी दूसरे देश में पकड़े जाते हैं तो उनकी देखभाल संबंधित दुश्मन देश करता है और उन्हें वह सुरक्षित उसके अपने देश में लौटा देता है. लेकिन भारत और पाकिस्तान के रिश्ते कुछ ऐसे रहे हैं कि युद्धबंदियों को पड़ोसी देश में बेहद ज्यादा तकलीफ दी जाती है और उनकी नृशंस हत्या भी कर दी जाती है
अभिनंदन का लौटना कई दृष्टि में अपने ढंग से अलग है. एक तो यह कि अभिनंदन ने पाकिस्तान का लड़ाकू विमान मार गिराया, इसके बावजूद उसने उसे वापस लौटा दिया. दूसरा, अभिनंदन को तुरंत लौटाया गया वरना ऐसे फौजियों को महीनों और सालों तक कैद कर रखा जाता है. तीसरा, अभिनंदन को लौटाने की बात शुरू करते ही पाकिस्तान ने बदले में बातचीत की सौदेबाजी की, जिस पर भारत ने कोई ध्यान नहीं दिया.
इसके बावजूद उसे लौटा दिया गया. चौथा, इस कदम को इमरान खान ने शांति और वार्ता की पहल कहा. पांचवां, मोदी ने पुलवामा-कांड का बदला लेने की जो सख्त चेतावनी दी थी और बालकोट- जैसे आतंकी अड्डों पर हमला कर पाकिस्तानियों की नजर में इमरान खान की छवि एकदम कमजोर कर राजनीतिक चौका मार दिया. उस पर अभिनंदन को रिहा करके इमरान ने शरणागत होने का सबूत दे दिया.
एक मायने में इन दोनों अलग-अलग घटनाओं का दोनों देशों की जनता पर असर एक-जैसा हो गया. छठा, वैसे अभिनंदन पाकिस्तान के एफ-16 विमान को गिराकर लौटे तो भारत में उनका स्वागत किसी परमवीर की तरह हुआ. भारत के लोग उनकी वापसी पर खुश हो रहे हैं. इससे दोनों देशों में तनाव कम हो सकता है. ल्लल्ल