सारंग थत्ते का ब्लॉग: सशस्त्र सेना की चुनौतियों पर ध्यान दें

By सारंग थत्ते | Published: January 2, 2019 08:54 PM2019-01-02T20:54:22+5:302019-01-02T20:54:22+5:30

Blog of Sarang Thatte: Focus on the Armed Forces Challenges | सारंग थत्ते का ब्लॉग: सशस्त्र सेना की चुनौतियों पर ध्यान दें

सारंग थत्ते का ब्लॉग: सशस्त्र सेना की चुनौतियों पर ध्यान दें

नये वर्ष के साथ सशस्त्न सेना के तीनों अंगों को एक बार फिर अपनी प्राथमिकताएं तय करनी होती हैं. 2018 में जमीन पर कार्रवाई के बाद अब एक बार फिर आने वाले समय के लिए कमर कसने की जरूरत है.  नववर्ष की चुनौतियों से रू-ब-रू  होकर  उन्हें संपूर्णता प्रदान करना अब तीनों सेनाओं का उद्देश्य रहेगा.

नए बजट के लिए जरूरी लिखा-पढ़ी हो चुकी है, आधुनिकीकरण के लिए खरीद फरोख्त की अंतिम सूची बन चुकी है, बजट में कितना प्रावधान किसके लिए किया जाएगा इसका लेखाजोखा तैयार है. देश की जरूरतों और थलसेना, वायुसेना तथा नौसेना की अपनी विशेष जरूरतों की फेहरिस्त को जमीन पर पूरा करने और सभी के मिलकर कार्य करने का सुरूर अपने रंग दिखाएगा.  

जहां एक तरफ सैनिकों की संख्या में कटौती करने की बात थलसेना प्रमुख ने सामने रखी है वहीं सामने मौजूद दुश्मन की काबिलियत के अनुरूप लड़ने-भिड़ने के लिए तैयारी अहम रहेगी. तीनों ही सेनाओं को अपनी नीतियों के अंतर्गत भविष्य के संकटों से जूझने के लिए एकाग्रता और एकजुटता से कार्यपद्धति को जमीन पर अमल में लाना होगा. वायुसेना में लंबे समय के इंतजार के पश्चात 2019 के मध्य में चिनूक और अपैची हेलिकॉप्टर तथा सितंबर में राफेल युद्धक विमान का आना तय है.

हेलिकॉप्टर के लिए नई वायुसेना की बेस अपनी शक्ल ले रही है और जरूरत के मुताबिक पठानकोट, जोरहाट तथा चंडीगढ़ में मार्च महीने के तीसरे सप्ताह का इंतजार है. 2020 के अंत तक हमें 22 अपैची मिलेंगे. हमारा अपना स्वदेशी तेजस का नौसेना संस्करण अब अपनी उड़ान नौसेना के विक्रमादित्य विमान वाहक पोत से करने के लिए प्रतिबद्ध है. यह हमारे इंजीनियरों को तात्कालिक स्वरूप में नई तकनीक और प्रौद्योगिकी को जमीन पर अमल में लाने के लिए मौका देगा.

तेजस के भार और विमान वाहक पोत के छोटे रनवे पर उतरने की प्रक्रिया पर सवालिया निशान लगे थे. इन्हें जल्द दूर करना ही होगा, तभी स्वदेशी तेजस को निर्यात में भी सफलता मिलेगी. देखना होगा कि आने वाले बजट में सेना के आंतरिक खर्चे और आधुनिकीकरण के लिए जरूरी धन का आवंटन जरूरत के मुताबिक होता है या नहीं. जमीन पर सेना के लिए पाकिस्तान की सीमा पार से आए आतंकियों से लड़ने-भिड़ने का काम निरंतर जारी रहेगा, उसमें किसी भी किस्म के गोलाबारूद की कमी न आए यह सरकार को सुनिश्चित करना ही होगा.

Web Title: Blog of Sarang Thatte: Focus on the Armed Forces Challenges

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