जयंतीलाल भंडारी का ब्लॉग: भारत में मानव पूंजी बढ़ने की उम्मीद
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Updated: September 25, 2018 08:54 IST2018-09-25T08:54:52+5:302018-09-25T08:54:52+5:30
पिछले वर्ष के एचडीआई मूल्य 0. 63 की तुलना में इस बार यह 0.64 मापा गया जिस कारण भारत को मध्यम मानव विकास वाली श्रेणी में रखा गया है। मानव विकास सूचकांक में नार्वे पहले क्रम पर है और नाइजीरिया सबसे नीचे।

जयंतीलाल भंडारी का ब्लॉग: भारत में मानव पूंजी बढ़ने की उम्मीद
संयुक्त राष्ट्र ने मानव विकास सूचकांक (एचडीआई) सूची 2017 का प्रकाशन किया है। दुनिया के 189 देशों की इस सूची में भारत 130वें स्थान पर है। संयुक्त राष्ट्र की पिछले वर्ष की मानव विकास सूचकांक सूची में भारत 131वें पायदान पर था।
पिछले वर्ष के एचडीआई मूल्य 0. 63 की तुलना में इस बार यह 0. 64 मापा गया जिस कारण भारत को मध्यम मानव विकास वाली श्रेणी में रखा गया है। मानव विकास सूचकांक में नार्वे पहले क्रम पर है और नाइजीरिया सबसे नीचे।
मानव विकास सूचकांक में देश की प्रति व्यक्ति आय, जीवन स्तर, जीवन प्रत्याशा, जीवन की सुरक्षा, सरकार में विश्वास, विदेशी निवेश, न्यायिक प्रणाली पर भरोसा, गरीब लोगों का संरक्षण, रोजगार के अवसरों की स्थिति, ग्रामीण रोजगार आदि बातों को शामिल किया गया है।
चाहे 2017 की मानव विकास सूचकांक रिपोर्ट में भारत एक पायदान ऊपर चढ़ा है लेकिन अब जो आर्थिक-सामाजिक परिदृश्य उभरते हुए दिखाई दे रहा है, उसके आधार पर भारत में मानव पूंजी बढ़ने की संभावनाएं बढ़ गई हैं।
निश्चित रूप से कालाधन नियंत्रण के नए परिदृश्य से देश के आम आदमी को आर्थिक-सामाजिक लाभ मिलने की संभावना बढ़ गई है।
नई स्वास्थ्य नीति के तहत अब स्वास्थ्य पर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 2. 5 फीसदी धन खर्च करने का लक्ष्य रखा गया है, जो कि अभी जीडीपी का 1. 04 फीसदी है। साथ ही देश के 80 फीसदी लोगों का इलाज सरकारी अस्पतालों में मुफ्त होगा।
ऐसे में देश में स्वास्थ्य का स्तर बढ़ेगा और लोगों की जीवन प्रत्याशा बढ़ेगी। इसी तरह वर्ष 2018 की शुरुआत से सरकार ने अपनी नीतियों को जिस तरह ग्रामीण भारत और गरीबों पर केंद्रित किया है, उसका लाभ भी आम आदमी को मिलेगा।
इतना ही नहीं स्वच्छ भारत अभियान के तहत सरकार गरीबों के लिए शौचालय बनवाने और गरीब महिलाओं को मुफ्त गैस सिलेंडर देने की डगर पर जिस तेजी से आगे बढ़ी है उसका प्रभावी लाभ भी बड़ी संख्या में लोगों को मिलेगा।
ऐसे में हम आशा करें कि अब सरकार गरीबों के लिए बनी तमाम कल्याणकारी योजनाओं को कारगर तरीके से लागू करेगी। ऐसा होने पर ही आर्थिक विकास के साथ-साथ आर्थिक-सामाजिक कल्याण के विभिन्न कदमों से अगले वर्ष संयुक्त राष्ट्र के द्वारा तैयार की जाने वाली वैश्विक मानव विकास सूची में भारत कई पायदान ऊपर पहुंचा हुआ दिखाई दे सकेगा