ब्लॉग: जनता का भरोसा नहीं टूटने की देनी होगी गारंटी

By गिरीश्वर मिश्र | Published: December 9, 2023 10:25 AM2023-12-09T10:25:00+5:302023-12-09T10:29:58+5:30

इसमें कोई संदेह नहीं कि ताजे चुनाव परिणामों से भारतीय जनता पार्टी की छवि एक सशक्त दल के रूप में निखरी है। इस तरह के स्पष्ट जन-समर्थन को संयोग नहीं कहा जा सकता न इसे जाति, धन और धर्म का करिश्मा ही कह सकते हैं।

Blog: Guarantee will have to be given that public trust will not be broken | ब्लॉग: जनता का भरोसा नहीं टूटने की देनी होगी गारंटी

फाइल फोटो

Highlightsइसमें कोई संदेह नहीं कि ताजे चुनाव परिणामों से भाजपा की छवि एक सशक्त दल के रूप में निखरी हैभाजपा का ताजा चुनावी प्रदर्शन कल्याणकारी कार्यक्रमों की सफलता और प्राभाविकता को दर्शाता हैराष्ट्र की एकता, उसके गौरव को लेकर प्रधानमंत्री की प्रकट प्रतिबद्धता से जनता का मन भी बदला है

इसमें कोई संदेह नहीं कि ताजे चुनाव परिणामों से भारतीय जनता पार्टी की छवि एक सशक्त दल के रूप में निखरी है। इस तरह के स्पष्ट जन-समर्थन को संयोग नहीं कहा जा सकता न इसे जाति, धन और धर्म का करिश्मा ही कह सकते हैं। यह दिग्भ्रमित विपक्ष की सौगात भी कहना सही न होगा क्योंकि तेलंगाना के परिणाम विरुद्ध गए हैं।

इसके ठीक विपरीत कांग्रेस शासित दो प्रदेशों में मिले मुखर जनादेश आम आदमी का भरोसा और विश्वास तो दिखाते ही हैं, वे अपनी आशाओं और आकांक्षाओं के साथ आगे की राह भी दिखा रहे हैं। मध्य प्रदेश में सत्तारूढ़ दल के समाधान को देखें तो यही लगता है कि पार्टी का जनाधार निश्चित रूप से विस्तृत हुआ है।

बहुत हद तक अप्रत्याशित बढ़त वाला भाजपा का ताजा चुनावी प्रदर्शन तात्कालिक रणनीति और प्रचार से अधिक सघन जनसंपर्क तथा समाज के हाशिए के लोगों के लिए कल्याणकारी कार्यक्रमों की सक्रियता, उपलब्धता और प्राभाविकता को दर्शाता है।

राष्ट्र की एकता, उसके गौरव और उसकी सामर्थ्य को लेकर प्रधानमंत्री की प्रकट प्रतिबद्धता से जनता का मन भी बदला है। इस बदलाव के पीछे प्रधानमंत्री मोदी का अथक परिश्रम एक खास कारण है। आर्थिक विकास की ओर आगे बढ़ती एक बड़ी अर्थव्यवस्था के स्वप्न के साथ हाशिए के समाज की स्थिति को सुधारने के लिए प्रकट प्रतिबद्धता ने जनता को भरोसा दिलाया है।

यहां इसे भी रेखांकित किया जाना चाहिए कि मतदाता की समझदारी बढ़ने के साथ सरकार की भूमिका भी जनता की निगरानी में आ रहे हैं। प्रशासन तंत्र की चुस्ती-फुर्ती भी पूरी तरह संतोषजनक नहीं है। न्याय, शिक्षा और स्वास्थ्य की प्रचलित प्रणालियां न केवल अस्त-व्यस्त हैं बल्कि उनको बड़े दिनों से सुधार का इंतजार बना हुआ है। 

तुष्टिकरण की राजनीति से राजनीतिक फायदे तो उठाए जाते रहे हैं किंतु उसका अल्पकालिक असर सतही बदलाव के साथ चुक जाता है। स्वतंत्र देश में कार्यप्रणाली की भयानक जकड़नों को दूर करना होगा। आज अनेक संस्थाएं बुरी तरह से अव्यवस्था का शिकार हो रही हैं।

उनके स्वभाव के साथ गैरजरूरी छेड़छाड़ गुणवत्ता को कम करने वाला है। इसी तरह महंगाई, बेरोजगारी, असुरक्षा , भ्रष्टाचार और हिंसा को रोकना जरूरी है। वर्तमान जनादेश में यह गुहार भी छिपी है कि इन समस्याओं से छुटकारा दिलाया जाए। जनता का भरोसा न टूटे, इसकी गारंटी जमीनी स्तर पर देनी होगी।  

Web Title: Blog: Guarantee will have to be given that public trust will not be broken

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