ब्लॉग: इतिहास के पन्नों का हिस्सा बनता पहला उपराष्ट्रपति आवास

By विवेक शुक्ला | Published: April 8, 2024 10:30 AM2024-04-08T10:30:44+5:302024-04-08T10:37:00+5:30

भारत के उपराष्ट्रपति का 1962 से 2024 तक सरकारी आवास रहने के बाद राजधानी दिल्ली का 6 मौलाना आजाद रोड का बंगला इतिहास के पन्नों में दर्ज होने जा रहा है।

Blog: First Vice President's residence becoming part of the pages of history | ब्लॉग: इतिहास के पन्नों का हिस्सा बनता पहला उपराष्ट्रपति आवास

फेसबुक से साभार

Highlightsउपराष्ट्रपति का 6, मौलाना आजाद रोड स्थित आवास इंतिहास के पन्नों में दर्ज होने जा रहा हैदेश के मौजूदा उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ नए उपराष्ट्रपति आवास में शिफ्ट कर गए हैंउपराष्ट्रपति का नया आवास 15 एकड़ में फैला हुआ है, वहीं पुराना आवास जल्दी ही जमींदोज होगा

भारत के उपराष्ट्रपति का 1962 से 2024 तक सरकारी आवास रहने के बाद राजधानी दिल्ली का 6 मौलाना आजाद रोड का बंगला इतिहास के पन्नों में दर्ज होने जा रहा है। देश के मौजूदा उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ बुधवार को नार्थ ब्लॉक के करीब तैयार नए उपराष्ट्रपति आवास में शिफ्ट कर गए हैं।

नया उपराष्ट्रपति आवास 15 एकड़ में फैला हुआ है। उपराष्ट्रपति के नए आवास में शिफ्ट होने के साथ ही 6 मौलाना आजाद रोड का बंगला अब जल्दी ही जमींदोज होगा। सरकार का यहां एक दस मंजिला सरकारी इमारत खड़ी करने का इरादा है। इसमें केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों के दफ्तर होंगे।

कनॉट प्लेस और तीन मूर्ति भवन के महान डिजाइनर रॉबर्ट टोर रसेल ने ही इस बंगले का दिल्ली के चीफ टाउन प्लानर और आर्किटेक्ट की देखरेख में डिजाइन तैयार किया था। नई दिल्ली के बंगले 1930 तक बनकर तैयार हो गए थे। तो कह सकते हैं कि 5 मौलाना आजाद रोड का बंगला भी करीब सौ साल का होने जा रहा है। टोर ने इसमें हरियाली के लिए भरपूर स्पेस दिया। 6 मौलाना आजाद रोड में अनार और जामुन के भी काफी पेड़ हैं। 6 मौलाना आजाद रोड शुरू से ही उपराष्ट्रपति आवास नहीं था।

उपराष्ट्रपति आवास के रूप में इसे तब्दील किया गया सन्‌ 1962 में। यहां पहले सरकार के आला अफसर या मंत्री रहे। बहरहाल, यह छह दशकों से अधिक समय तक उपराष्ट्रपति आवास रहा। देश के पहले उपराष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन सबसे पहले 6 मौलाना आजाद रोड के बंगले में रहे।

उनके बाद डॉ. जाकिर हुसैन, वीवी गिरि, गोपालस्वरूप पाठक, बीडी जत्ती, एम हिदायतउल्ला, आर वेंकटरमन, शंकर दयाल शर्मा, डॉ केआर नारायणन, कृष्ण कांत, भैरोंसिंह शेखावत, हामिद अंसारी और वेंकैया नायडू इस 6 मौलाना आजाद रोड के बंगले में रहे।

दरअसल किंग एडवर्ड रोड (अब मौलाना आजाद रोड) के चार नंबर के बंगले में भारत के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना आजाद रहते थे। उनके दिवंगत होने के बाद उस सड़क का नाम कर दिया गया मौलाना आजाद रोड और उनके बंगले को तोड़कर बना विज्ञान भवन। इस सड़क पर तीन इमारतें हैं। विज्ञान भवन, विज्ञान भवन एनेक्सी और उपराष्ट्रपति आवास. यह लगभग छह एकड़ में फैला है बंगला। इसकी एक दीवार मिलती है विज्ञान भवन एनेक्सी से।

अब यहां गगनचुंबी इमारत खड़ी होगी तो यहां के तमाम छायादार पेड़ कटेंगे। इनमें नीम और पीपल के भी पेड़ हैं। एक पौधे को खड़ा होने और छायादार पेड़ के रूप में विकसित होने में वर्षों लग जाते हैं। ये ठीक है कि परिवर्तन प्रकृति का नियम है, पर पेड़ों के कटने से यहां के परिंदे भी बेघर होंगे। 6 मौलाना आजाद रोड की सिर्फ यादें ही शेष रहेंगी।

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