लाइव न्यूज़ :

नीतीश कुमार का बिहार में सीएम बनना तय था, उनके अलावा विकल्प क्या है बीजेपी के पास?

By प्रदीप द्विवेदी | Updated: November 12, 2020 13:10 IST

बीजेपी का केन्द्रीय नेतृत्व जानता है कि सत्ता का समीकरण बीजेपी के साथ नहीं है, लिहाजा नीतीश कुमार को सीएम रहने देने के अलावा बीजेपी के पास कोई विकल्प नहीं है.

Open in App
ठळक मुद्दे मोदी कभी नहीं चाहेंगे कि बिहार में महाराष्ट्र की कहानी दोहराई जाए और बीजेपी प्रदेश की सत्ता से बाहर हो जाए. मजबूरी में पीएम मोदी को ऐलान करना पड़ा था कि सीटें कितनी भी मिलें, नीतीश कुमार ही मुख्यमंत्री होंगे.नीतीश कुमार स्वयं हट जाएं और एनडीए के किसी और नेता को सीएम बनने दें या फिर बीजेपी बिहार की सत्ता से बाहर होने का फैसला कर ले.

बिहार विधानसभा चुनाव के बाद सीटों के हिसाब से भले ही बीजेपी सियासी बड़ा भाई बनने के मुद्दे पर जश्न मनाए, लेकिन नतीजों का विश्लेषण करें तो दो मुद्दे बीजेपी की चिंता बढ़ाने वाले हैं.

एक- बिहार में भाजपा 74 सीटें जीतकर दूसरी सबसे बड़ी पार्टी तो बन गई है, लेकिन उसका वोट शेयर लगभग 5 प्रतिशत घट गया है, और दो- बिहार बीजेपी के नेता भले ही भाजपाई मुख्यमंत्री का दावा करें, लेकिन बीजेपी का केन्द्रीय नेतृत्व जानता है कि सत्ता का समीकरण बीजेपी के साथ नहीं है, लिहाजा नीतीश कुमार को सीएम रहने देने के अलावा बीजेपी के पास कोई विकल्प नहीं है.

यही वजह है कि बिहार बीजेपी नेताओं के तमाम दावों से किनारा करते हुए पीएम नरेन्द्र मोदी ने फिर दोहराया कि बिहार के सीएम नीतीश कुमार ही रहेंगे. मोदी कभी नहीं चाहेंगे कि बिहार में महाराष्ट्र की कहानी दोहराई जाए और बीजेपी प्रदेश की सत्ता से बाहर हो जाए. जब चुनाव के समय बीजेपी की सियासी बेईमानी को लेकर सवाल गहराने लगे थे तब ही मजबूरी में पीएम मोदी को ऐलान करना पड़ा था कि सीटें कितनी भी मिलें, नीतीश कुमार ही मुख्यमंत्री होंगे.

बिहार में नीतीश कुमार के बजाए किसी और को सीएम बनाना तभी संभव है, जब या तो नीतीश कुमार स्वयं हट जाएं और एनडीए के किसी और नेता को सीएम बनने दें या फिर बीजेपी बिहार की सत्ता से बाहर होने का फैसला कर ले. नीतीश कुमार के सीएम बनने पर बीजेपी की राजनीतिक खुशी वैसी ही है, जैसी 2015 के विधानसभा चुनाव के बाद नीतीश कुमार के सीएम बनने पर आरजेडी खुश हुई थी.

बिहार की सत्ता के पत्ते तो नीतीश कुमार के हाथ में हैं, बाकी सभी तो केवल दर्शक हैं, क्योंकि सत्ता का समीकरण बताता है कि केवल नीतीश कुमार के पास ही किसी भी ओर जाने के विकल्प खुले हैं. जेडीयू, एनडीए में भी रह सकता है और महागठबंधन की ओर भी जा सकता है.

बिहार में बीजेपी के पास जेडीयू के अलावा कोई बड़ा समर्थक दल नहीं है, इसलिए नीतीश कुमार के हटते ही एनडीए बहुमत खो देगा, क्योंकि बीजेपी के मुख्यमंत्री को कांग्रेस या आरजेडी तो समर्थन करेगी नहीं. बीजेपी का सियासी प्रबंधन सबसे आगे है, यही कारण है कि बिहार में वास्तविक हार (प्रतिशत वोट) को दबा कर काल्पनिक जीत (ज्यादा सीटें) का हंगामा खड़ा करने में सफल हो रही है! 

टॅग्स :बिहार विधान सभा चुनाव 2020पटनाराष्ट्रीय रक्षा अकादमीभारतीय जनता पार्टी (बीजेपी)जेडीयूनरेंद्र मोदीनीतीश कुमारजीतन राम मांझीमुकेश सहनी
Open in App

संबंधित खबरें

भारतजीवन रक्षक प्रणाली पर ‘इंडिया’ गठबंधन?, उमर अब्दुल्ला बोले-‘आईसीयू’ में जाने का खतरा, भाजपा की 24 घंटे चलने वाली चुनावी मशीन से मुकाबला करने में फेल

भारतजमीनी कार्यकर्ताओं को सम्मानित, सीएम नीतीश कुमार ने सदस्यता अभियान की शुरुआत की

भारतPariksha Pe Charcha 2026: 11 जनवरी तक कराएं पंजीकरण, पीएम मोदी करेंगे चर्चा, जनवरी 2026 में 9वां संस्करण

भारत‘सिटीजन सर्विस पोर्टल’ की शुरुआत, आम जनता को घर बैठे डिजिटल सुविधाएं, समय, ऊर्जा और धन की बचत

भारतआखिर गरीब पर ही कार्रवाई क्यों?, सरकारी जमीन पर अमीर लोग का कब्जा, बुलडोजर एक्शन को लेकर जीतन राम मांझी नाखुश और सम्राट चौधरी से खफा

भारत अधिक खबरें

भारतकथावाचक इंद्रेश उपाध्याय और शिप्रा जयपुर में बने जीवनसाथी, देखें वीडियो

भारत2024 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव, 2025 तक नेता प्रतिपक्ष नियुक्त नहीं?, उद्धव ठाकरे ने कहा-प्रचंड बहुमत होने के बावजूद क्यों डर रही है सरकार?

भारतसिरसा जिलाः गांवों और शहरों में पर्याप्त एवं सुरक्षित पेयजल, जानिए खासियत

भारतउत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोगः 15 विषय और 7466 पद, दिसंबर 2025 और जनवरी 2026 में सहायक अध्यापक परीक्षा, देखिए डेटशीट

भारतलालू प्रसाद यादव के बड़े लाल तेज प्रताप यादव पर ₹356000 बकाया?, निजी आवास का बिजली कनेक्शन पिछले 3 साल से बकाया राशि के बावजूद चालू