कालेधन पर नियंत्रण की दिशा में बड़ा कदम
By डॉ जयंती लाल भण्डारी | Updated: October 12, 2019 07:32 IST2019-10-12T07:32:40+5:302019-10-12T07:32:40+5:30
वैश्विक स्तर पर कालेधन पर नियंत्रण से संबंधित जो अध्ययन रिपोर्टें प्रकाशित हो रही हैं उनमें दिखाई दे रहा है कि भारत में बढ़ते हुए कालेधन पर रोक लगी है

कालेधन पर नियंत्रण की दिशा में बड़ा कदम
(जयंतीलाल भंडारी-ब्लॉग)
यकीनन कालेधन के खिलाफ लड़ाई में भारत को बड़ी सफलता मिली है. हाल ही में स्विस बैंक में भारतीयों के जमा कालेधन से जुड़ा पहले दौर का विवरण स्विट्जरलैंड ने भारत को सौंप दिया है, जिसमें सक्रिय खातों की भी जानकारी शामिल है. स्विस बैंक ने जो जानकारियां दी हैं उनमें आइडेंटिफिकेशन, खाते तथा पैसों से जुड़ी जानकारी शामिल है. इनमें नाम, पता, नेशनलिटी, टैक्स आइडेंटिफिकेशन नंबर, वित्तीय संस्थानों से जुड़ी सूचनाएं, खाते में पड़े पैसे और कैपिटल इनकम शामिल हैं. ये खाते वाहन, कल-पुर्जे, रसायन, वस्त्र, हीरा, आभूषण तथा इस्पात आदि कारोबार से जुड़े लोगों से संबंधित हैं.
वैश्विक स्तर पर कालेधन पर नियंत्रण से संबंधित जो अध्ययन रिपोर्टें प्रकाशित हो रही हैं उनमें दिखाई दे रहा है कि भारत में बढ़ते हुए कालेधन पर रोक लगी है. स्विस नेशनल बैंक के द्वारा प्रकाशित नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार स्विट्जरलैंड के बैंकों में भारतीय लोगों और उपक्रमों का जमा धन 2018 में करीब छह प्रतिशत घटकर 95.5 करोड़ स्विस फ्रैंक यानी 6,757 करोड़ रुपए रह गया है. यह दो दशक में इसका दूसरा निचला स्तर है. इनमें स्विट्जरलैंड के बैंकों की भारतीय शाखाओं के जरिये जमा धन भी शामिल है.
इसमें कोई दो मत नहीं है कि देश में नवंबर, 2016 में नोटबंदी के बाद कालाधन जमा करने वाले लोगों में घबराहट बढ़ी है और नोटबंदी के दौरान और उसके बाद भी बड़ी संख्या में लोगों ने कालेधन का खुलासा करके कालाधन प्रगटीकरण योजना का लाभ भी लिया है. नोटबंदी के बाद आयकरदाताओं की संख्या भी बढ़ी. वर्ष 2016-17 की तुलना में वर्ष 2018-19 में आयकर रिटर्न फाइल होने की संख्या करीब दोगुनी हो गई. सरकार ने पिछले पांच वर्षों के दौरान कर के दायरे में ज्यादा लोगों को लाने के लिए कई कदम उठाए हैं. अब कर विभाग निवेश एवं बड़े लेनदेन समेत कई स्रोतों से आंकड़े जुटाता है. आयकर और जीएसटी नेटवर्क को आपस में जोड़ दिया गया है. डाटा एनालिटिक्स से लोगों के खर्चों और बैंक लेन-देन पर नजर रखी जा रही है. यह स्पष्ट दिखाई दे रहा है कि सरकार के कालाधन नियंत्रण के प्रयास सफल भी हो रहे हैं.
कालेधन पर नियंत्रण के ऐसे प्रयासों से देश की जीडीपी में आयकर का योगदान बढ़ सकेगा. इस समय देश की जीडीपी में आयकर का योगदान एक फीसदी से भी कम है, जबकि यह चीन में 9.7 फीसदी, अमेरिका में 11 फीसदी, ब्राजील में 13 फीसदी है. अर्थ विशेषज्ञों के मुताबिक कालेधन पर नियंत्रण और आयकर का आकार बढ़ने से छोटे आयकरदाताओं के लिए आयकर छूट की सीमा भी बढ़ सकेगी