आखिर हम कैसा असंवेदशील समाज बना रहे हैं! अन्याय का विरोध सबको मिलकर करना ही चाहिए

By लोकमत समाचार सम्पादकीय | Published: October 27, 2023 01:34 PM2023-10-27T13:34:05+5:302023-10-27T13:47:26+5:30

हरियाणा के फरीदाबाद से भी गरबा कार्यक्रम के दौरान हुई झड़प में एक 52 साल के व्यक्ति की मौत होने की खबर है। ये घटनाएं समाज की असंवेदनशीलता का नमूना भर हैं।

After all what kind of insensitive society we creating everyone must come together to oppose injustice | आखिर हम कैसा असंवेदशील समाज बना रहे हैं! अन्याय का विरोध सबको मिलकर करना ही चाहिए

फोटो क्रेडिट- एक्स

Highlightsफरीदाबाद में गरबा कार्यक्रम के दौरान झड़प में 52 साल के व्यक्ति की मौत हुईराजस्थान- हाल ही में जमीनी विवाद में एक युवक को ट्रैक्टर से कुचलकर मार डालासंवेदशील समाज बनाने के लिए सभी को अन्याय के विरुद्ध आवाज उठानी होगी

राजस्थान के अड्डा गांव में जमीनी विवाद में एक युवक को ट्रैक्टर से कुचलकर मार डाला गया। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर होते ही तेजी से वायरल हो गया। वीडियो में साफ-साफ देखा जा सकता है कि आरोपी ट्रैक्टर से युवक को कुचल रहा है और वहां खड़े लोग चुपचाप देख रहे हैं। अहमदाबाद में भी गरबा कार्यक्रम के दौरान हुए विवाद में एक 21 साल के युवक की हत्या कर दी गई। 

वहीं, हरियाणा के फरीदाबाद से भी गरबा कार्यक्रम के दौरान हुई झड़प में एक 52 साल के व्यक्ति की मौत होने की खबर है। ये घटनाएं समाज की असंवेदनशीलता का नमूना भर हैं। हमारे आसपास ऐसे दृश्य आम हो गए हैं कि लोग किसी अन्यायपूर्ण घटना का विरोध करने के बजाय मूकदर्शक बनकर या तो खड़े रहते हैं या फिर अपने मोबाइल से वीडियो शूट करने में व्यस्त रहते हैं। अन्याय के विरुद्ध आवाज कोई नहीं उठाता। 

आखिर हम कैसा असंवेदशील समाज बना रहे हैं? आप अपने आसपास के माहौल में कैसी प्रतिक्रिया करते हैं, उसी के आधार पर तय किया जा सकता है कि आप कितने संवेदनशील हैं। अन्याय वह बुराई है जिसके खिलाफ हर किसी को आवाज उठानी चाहिए, चाहे वह किसी भी वर्ग, समुदाय या जाति का हो। लेकिन वर्तमान समय में हालात बदल रहे हैं। कहीं न कहीं हर वर्ग का प्राणी अन्याय झेल रहा है, अन्याय के खिलाफ एकजुट होने का साहस कोई नहीं दिखाता। 

पुलिस तो बाद में आकर अपना काम करती ही है, लेकिन हर नागरिक की जिम्मेदारी है कि अन्याय की अनदेखी न करे, फिर वह किसी के साथ भी क्यों न हो। सोचना चाहिए कि कल यदि हमारे साथ अन्याय हो और कोई हमारे साथ खड़ा न हो, तो क्या होगा? प्रत्येक मनुष्य को समाज में रहकर अपनी योग्यता के अनुसार समाज हित में काम करना ही चाहिए। अन्याय के खिलाफ नागरिकों की आवाज उठाने का मतलब है गलत व्यवहार या कृत्य पर प्रतिबंध लगाया जाए। 

आज भी समाज में पुरानी सोच के चलते लड़कों और लड़कियों में भेद किया जाता है। विभिन्न जातियों और धर्मों में मतभेद दिखाई पड़ता है। अशिक्षा भी समाज में अन्याय और अराजकता को जन्म देती है। इस कारण समाज में कहीं न कहीं अन्याय को बढ़ावा मिल रहा है। 

हालांकि, समाज में नागरिकों के अधिकारों की रक्षा के लिए न्यायालय की व्यवस्था है मगर हर किसी का वहां तक पहुंच पाना संभव नहीं होता। प्राचीन काल से ही हमारे समाज में अन्याय को अपराध माना गया है। अन्याय करने व सहने वाले दोनों को ही अपराधी माना गया है। एक मनुष्य दूसरे मनुष्य पर अत्याचार करे, भेदभाव करे यह सभ्य समाज की निशानी नहीं है। इसलिए अन्याय का विरोध हर स्तर पर, प्राथमिकता के आधार पर होना ही चाहिए।

Web Title: After all what kind of insensitive society we creating everyone must come together to oppose injustice

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