बाहुबली, शिवगामी देवी, फुंके हुए कारतूस, घुंघरू सेठ की दरबारी नर्तकी... ये राजनीति बदलने निकले थे!
By आदित्य द्विवेदी | Updated: January 6, 2018 11:25 IST2018-01-06T10:59:53+5:302018-01-06T11:25:35+5:30
क्या अन्ना आंदोलन से निकली आम आदमी पार्टी पर देश ने इसी लिए भरोसा किया था? क्या देश की गंदी राजनीति को साफ-सुथरी इसी तरह से किया जाता है?

बाहुबली, शिवगामी देवी, फुंके हुए कारतूस, घुंघरू सेठ की दरबारी नर्तकी... ये राजनीति बदलने निकले थे!
5 अप्रैल 2011 को समाजसेवी अन्ना हजारे और उनके कुछ उत्साही साथियों ने जंतर-मंतर पर लोकपाल विधेयक के लिए अनशन शुरू किया। इन साथियों में अरविंद केजरीवाल, किरण बेदी और प्रशांत भूषण जैसे शामिल थे। इस आंदोलन के फलस्वरूप आम आदमी पार्टी का जन्म हुआ जिसके राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल बनाए गए। इस पार्टी के गठन के विषय में सभी संस्थापक सदस्यों का एकमात्र तर्क था कि देश की राजनीति बहुत गंदी हो गई है। इसमें घुसकर ही इसे ठीक किया जा सकता है। लोगों ने भरोसा किया और पार्टी को दिल्ली विधानसभा की 70 में से 67 सीटों पर जीत हासिल हुई। मौजूदा हालात कह रहे हैं कि राजनीति को साफ करने आए 'सिपाहियों' ने इसे और मथ दिया है।
ओखला से आम आदमी पार्टी विधायक अमानतुल्ला खान ने एक ट्वीट किया। उन्होंने कुमार विश्वास विश्वास पर निशाना साधते हुए लिखा, 'फुंके हुए कारतूस भी आज कल खुद को बाहुबली कहते हैं'। उनसे एक कदम और आगे निकलते हुए पूर्व मंत्री और आप से निष्कासित नेता कपिल मिश्रा ने अमानतुल्ला खान को घुंघरू सेठ की दरबारी नर्तकी करार दे दिया। इससे पहले कुमार विश्वास ने आप के दिल्ली संयोजक गोपाल राय के बारे में कहा था कि इस माहिष्मती की शिवगामी देवी कोई और है जो बाहुबली को मारने के लिए नए-नए कटप्पा का इस्तेमाल कर रही है।
घुँघरू सेठ की दरबारी नर्तकी का ट्वीट आया हैं देर रात https://t.co/A088PzD01q
— Kapil Mishra (@KapilMishra_IND) January 6, 2018
मौजूदा विवाद राज्यसभा की तीन सीटों के लिए है। आम आदमी पार्टी ने पीएसी की बैठक के बाद राज्यसभा के लिए संजय सिंह, सुशील गुप्ता, और एनडी गुप्ता के नामों की घोषणा की। उम्मीद जताई जा रही थी कुमार विश्वास और आशुतोष को भी राज्यसभा भेजा जा सकता है लेकिन इनके नामों पर पीएसी में चर्चा तक नहीं हुई। सोशल मीडिया पर आम आदमी पार्टी के इस फैसले की आलोचना शुरू हुई तो दिल्ली के संयोजक गोपाल राय फेसबुक लाइव के जरिए सामने आए। राय ने कुमार विश्वास पर पार्टी गिराने की कोशिश करने जैसे कई गंभीर आरोप लगाए।
गोपाल राय ने कहा,
''जो आम आदमी पार्टी की सरकार गिराने के लिए विधायकों को तोड़ने के षड्यंत्र में शामिल हो, जो सार्वजनिक तौर पर हर मंच का उपयोग पार्टी के खिलाफ बोलने में करता हो, उसे राज्यसभा में भेजा जा सकता है? वो पार्टी की आवाज़ बनेगा या पार्टी को खत्म करने के लिए काम करेगा? क्या ऐसे व्यक्ति को राज्यसभा भेजा जाना चहिए? मुझे लगता है कि बिल्कुल नहीं भेजा जाना चाहिए। इसलिए पार्टी ने ये निर्णय लिया।''
हालांकि पार्टी ने गोपाल राय के इस बयान से किनारा कर लिया।
गोपाल राय के इस बयान पर पलटवार करते हुए कुमार विश्वास ने तंज किया। उन्होंने कहा, 'मेरा उनसे अनुरोध है कि नए-नए कांग्रेस और बीजेपी से आए हुए जो 'गुप्ताज' हैं, उनके योगदान का कुछ दिन आनंद लें। मेरे शव के साथ छेड़छाड़ ना करें।' इशारे-इशारों में उन्होंने कह दिया कि इस माहिष्मती की शिवगामी देवी कोई और है जो बाहुबली को मारने के लिए नए-नए कटप्पा खोज रही है।
पार्टी ने 'राय' की राय से किनारा किया, इस पर मेरी राय।
— Dr Kumar Vishvas (@DrKumarVishwas) January 5, 2018
इस माहिष्मती की शिवगामी देवी कोई और है जो बाहुबली को मारने के लिए हर बार कट्टप्पा बदलती रहती है। 😄 pic.twitter.com/8y2MZ7D7ED
ओखला से आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्ला खान कुमार विश्वास को जलील करने वाले इस मौके को भला कैसे चूकते? उन्होंने लिखा कि फुंके हुए कारतूस भी आज कल खुद को बाहुबली कह रहे हैं। कुमार और अमानतुल्ला के बीच पहले से तना-तनी है। दोनों नेता पहले भी कई सार्वजनिक मंचों पर एक-दूसरे की आलोचना कर चुके हैं।
आम आदमी पार्टी में राज्यसभा टिकट बंटवारे पर चल रहे सियासी ड्रामे का फिल्मी रूप और राजनीतिक जुगलबंदी में राम और बुद्ध के बाद अब कटप्पा, बाहुबली, शिवगामी देवी, फुंका हुआ कारतूस और घुंघरू सेठ की दरबारी नर्तकी तक पहुंच गया है। आरोप-प्रत्यारोप की यह भाषा निराश करती है। अब वक्त आ गया है जब सवाल पूछ ही लेना चाहिए कि क्या ये राजनीति बदलने निकले थे?