अयाज मेमन का कॉलम: रविंद्र जडेजा का चुस्त क्षेत्ररक्षण युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत

By अयाज मेमन | Published: January 10, 2021 10:53 AM2021-01-10T10:53:53+5:302021-01-10T11:00:51+5:30

रविंद्र जडेजा भारत के दिग्गज ऑलराउंडर में शुमार हैं। वह कई मौकों पर अपने दम मैच का पासा पलट चुके हैं...

Ayaz Memon column: Ravindra Jadeja agile fielding Inspiration for youth | अयाज मेमन का कॉलम: रविंद्र जडेजा का चुस्त क्षेत्ररक्षण युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत

अयाज मेमन का कॉलम: रविंद्र जडेजा का चुस्त क्षेत्ररक्षण युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत

पहली पारी में रविंद्र जडेजा सटीक थ्रो पर स्टीव स्मिथ का रन आउट सिडनी टेस्ट में चर्चा का केंद्र रहा. हालांकि इससे पूर्व हेजलवुड ने हनुमा विहारी को भी शानदार ढंग से आउट किया था लेकिन जडेजा ने रॉकेट थ्रो कर स्मिथ का रन आउट करते हुए क्षेत्ररक्षण की अनूठी मिसाल पेश की. 20 से 30 गज की दूरी से दौड़ते हुए गोता लगाकर गेंद को उठाकर सटीक निशाना साधना आसान नहीं होता. जडेजा के चुस्त क्षेत्ररक्षण की यह पहला घटना नहीं है.

टीम इंडिया के लिए पिछले 9 वर्षों से खेलते उन्होंने बेजोड़ क्षेत्ररक्षण पर खूब प्रशंसा बटोरी है. बेहद कठिन एंगल से सीधा थ्रो करने में महारत हासिल होने के कारण वह प्रतिद्वंद्वी बल्लेबाजों पर दबाव बनाने में सफल रहे हैं. मैं जडेजा को भारतीय क्रिकेट के पहले पांच सर्वश्रेष्ठ क्षेत्ररक्षकों में आंकता हूं. इनमें मंसूर अली खान पटौदी, एकनाथ सोलकर, कपिल देव और मोहम्मद अजहरुद्दीन दिग्गज क्षेत्ररक्षकों में हैं. इसी शृंखला में आबिद अली, ब्रजेश पटेल, युवराज सिंह, मोहम्मद कैफ, रॉबिन सिंह, विराट कोहली का भी क्रम आता है.

कवर्स में चुस्त क्षेत्ररक्षण के चलते पटौदी को टाइगर की उपाधि से नवाजा गया. वर्ष 1962 में कप्तानी की जिम्मेदारी संभालने के बाद पटौदी ने क्षेत्ररक्षण पर विशेष ध्यान केंद्रित किया. बेदी, प्रसन्ना, चंद्रशेखर और वेंकटराघवन जैसे दिग्गज स्पिनर्स के लिए वह क्षेत्ररक्षण सजाते थे. एकनाथ सोलकर को फॉरवर्ड शॉर्ट लेग पर पटौदी ने ही लगाया था. गेंद पर गोता लगाकर कैच लपकने के लिए सोलकर को पहचाना जाता था. बगैर हेलमेट के यह कारनामा उन्होंने बखूबी कर दिखाया. कपिल देव में कुदरती लचीलापन था. सीमा रेखा से स्टंप्स पर सीधे थ्रो की बात हो या मुश्किल से मुश्किल कैच लपकने की बात, कपिल का कोई सानी नहीं था.

अजहरुद्दीन का क्षेत्ररक्षण में निर्विवाद रूप से वर्चस्व रहा. सिली प्वाइंट हो या स्लिप, गली अजहर बड़ी सफाई से कैच लपकते थे. ये पांचों खिलाडि़यों को क्षेत्ररक्षण करने में मजा आता था. पटौदी ने एक बार मुझसे कहा था-रन रोकना और रन देना इस पर खिलाड़ी को पहचाना जाना चाहिए. हालांकि पहले भारत में चुस्त क्षेत्ररक्षण को अधिक तरजीह नहीं दी जाती थी.

पिछले दो दशकों में स्थितियां बदली. बेहतरीन मैदान, तकनीकी अभ्यास पद्धति, खेल विज्ञान और बढ़ती स्पर्धा के चलते इसमें काफी सुधार हुआ. बेशक, खिलाडि़यों को मिलने वाला धन भी उतना ही अहम रहा. आधुनिक क्रिकेट में जडेजा युवा खिलाडि़यों के प्रेरणास्रोत साबित हुए हैं. चुस्त क्षेत्ररक्षण के कारण ही वह तीनों फॉर्मेट में हैं. चुस्त क्षेत्ररक्षण के कारण जडेज टेस्ट क्रिकेट में पूर्ण ऑलराउंडर बन गए हैं. इसी खूबी के चलते चयनकर्ता उन्हें नजरअंदाज करने का साहस नहीं उठा सकते.

Web Title: Ayaz Memon column: Ravindra Jadeja agile fielding Inspiration for youth

क्रिकेट से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे