अयाज मेमन का कॉलम: ये है साउथ अफ्रीका के खिलाफ टीम इंडिया की हार का सबसे बड़ा कारण

By अयाज मेमन | Published: September 24, 2019 08:35 AM2019-09-24T08:35:21+5:302019-09-24T08:35:21+5:30

अगले वर्ष होने वाले टी-20 विश्व कप की तैयारी को लेकर गंभीरता बरतने की आवश्यकता है।

Ayaz memon Column on India defeat against South Africa in 3rd T20 | अयाज मेमन का कॉलम: ये है साउथ अफ्रीका के खिलाफ टीम इंडिया की हार का सबसे बड़ा कारण

अयाज मेमन का कॉलम: ये है साउथ अफ्रीका के खिलाफ टीम इंडिया की हार का सबसे बड़ा कारण

Highlightsचिन्नास्वामी स्टेडियम के पिछले इतिहास को देखते हुए टीमें लक्ष्य का पीछा करने को तवज्जो देती रही हैं।भारतीय कप्तान ने बल्लेबाजों का टेस्ट लेने के लिए यह निर्णय लिया और बल्लेबाजी इस परीक्षा में फेल हो गई।

तीसरा टी-20 मुकाबला जीतकर दक्षिण अफ्रीका ने तीन मुकाबलों की सीरीज को अनिर्णीत समाप्त कराया। खास बात यह रही कि युवा खिलाड़ियों की प्रिटोरिया टीम ने तीसरा मुकाबला बड़ी आसानी से जीता। यह भारत के लिए खतरे के संकेत हैं। टॉस जीतकर कप्तान कोहली ने पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया।

चिन्नास्वामी स्टेडियम के पिछले इतिहास को देखते हुए यहां टीमें लक्ष्य का पीछा करने को तवज्जो देती रही हैं। लेकिन भारतीय कप्तान ने बल्लेबाजों का टेस्ट लेने के लिए यह निर्णय लिया और भारतीय बल्लेबाजी इस परीक्षा में फेल हो गई। इससे अगले वर्ष होने वाले टी-20 विश्व कप की तैयारी को लेकर गंभीरता बरतने की आवश्यकता है।

सीरीज के दौरान सभी की निगाहें ऋषभ पर थीं। लेकिन मेरा मानना है कि उनके अलावा श्रेयस अय्यर पर भी निगरानी थी। पंत को सीरीज से पहले ही कप्तान और कोच से चेतावनी मिल चुकी थी। क्योंकि, मध्यक्रम की मजबूती बेहद जरूरी है। हमेशा आप विराट कोहली, रोहित शर्मा और शिखर धवन पर निर्भर नहीं रह सकते और आखिरी मुकाबले में यही हुआ।

ऐसे में पंत और अय्यर की भूमिका अहम हो जाती है। पंत अनेक मर्तबा गैरजिम्मेदार शॉट्स खेलकर पवेलियन लौटे हैं। अय्यर के पास टी-20 का ज्यादा अनुभव नहीं है लेकिन उन्हें मिले अवसरों को भुनाना होगा। क्योंकि, दावेदारों में कड़ी स्पर्धा है। मुकाबले में जब एक टीम हारती है तो दूसरी को जीत प्राप्त होती है।

ऐसे में जीतने वाली टीम की तारीफ की जानी चाहिए। बेशक, मेहमानों ने अच्छा प्रदर्शन किया। वह भी उस समय जब टीम में अमला, डिविलियर्स और डेल स्टेन जैसे दिग्गज नहीं हैं। युवा कप्तान डिकॉक और कागिसो रबाडा टीम के आधार स्तंभ हैं। डिकॉक ने बल्लेबाजी में तो रबादा ने गेंदबाजी में छाप छोड़ी। यह जीत उसके लिए टेस्ट सीरीज के दौरान मददगार साबित होगी।

हमेशा याद आएंगे आप्टे

पूर्व क्रिकेटर माधव आप्टे दुनिया को अलविदा कह चुके हैं। लेकिन, वह हमेशा याद किए जाएंगे। वर्ष 1953 के विंडीज दौरे में शानदार प्रदर्शन के बावजूद उन्हें अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में ज्यादा अवसर नहीं मिल पाए। इस पर खूब विवाद भी हुआ। प्रतिभावान क्रिकेटर को मौके न मिलने की घटनाएं कम ही देखने को मिलती हैं। चार-पांच दिनों बाद ही वह उम्र के 87 वर्ष पूर्ण करने वाले थे। बड़ी बात यह है कि 80 साल की उम्र तक उन्होंने मुंबई लीग क्रिकेट में शिरकत की। वह क्रिकेट के लिए जीते रहे। उनका यह क्रिकेट प्रेम हमेशा याद रहेगा।

Web Title: Ayaz memon Column on India defeat against South Africa in 3rd T20

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