जयंतीलाल भंडारी का ब्लॉग: देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती देते प्रवासी भारतीय

By डॉ जयंती लाल भण्डारी | Updated: July 3, 2024 09:35 IST2024-07-03T09:33:01+5:302024-07-03T09:35:15+5:30

हाल ही में 27 जून को यूनाइटेड नेशंस माइग्रेशन एजेंसी के द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय प्रवासियों के द्वारा वर्ष 2023-24 में भेजा गया रेमिटेंस (प्रवासियों के द्वारा अपने घर भेजा गया धन) दुनिया के किसी भी देश के मुकाबले सबसे ज्यादा है.

Overseas Indians provide population to the country's economy | जयंतीलाल भंडारी का ब्लॉग: देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती देते प्रवासी भारतीय

जयंतीलाल भंडारी का ब्लॉग: देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती देते प्रवासी भारतीय

Highlightsपिछले वर्ष में यह रेमिटेंस 107 अरब डॉलर यानी 8.95 लाख करोड़ रुपए की ऊंचाई पर है. पिछले वर्ष 2022-23 में भारतीय प्रवासियों ने 111 अरब डॉलर का रेमिटेंस भारत भेजा था. भारत के बाद मेक्सिको, चीन, फिलीपींस और फ्रांस सबसे ज्यादा रेमिटेंस प्राप्त करने वाले देश हैं.

हाल ही में 27 जून को यूनाइटेड नेशंस माइग्रेशन एजेंसी के द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय प्रवासियों के द्वारा वर्ष 2023-24 में भेजा गया रेमिटेंस (प्रवासियों के द्वारा अपने घर भेजा गया धन) दुनिया के किसी भी देश के मुकाबले सबसे ज्यादा है. पिछले वर्ष में यह रेमिटेंस 107 अरब डॉलर यानी 8.95 लाख करोड़ रुपए की ऊंचाई पर है. 

खास बात यह है कि पिछले वर्ष में भारतीयों द्वारा भेजी गई यह रकम प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) और विदेशी पोर्टफोलियो निवेश (एफपीआई) से लगभग दो गुना है. यह लगातार दूसरा साल है, जब भारतीयों ने 100 अरब डॉलर से ज्यादा की धनराशि भारत भेजी है. पिछले वर्ष 2022-23 में भारतीय प्रवासियों ने 111 अरब डॉलर का रेमिटेंस भारत भेजा था. 

ज्ञातव्य है कि भारत के बाद मेक्सिको, चीन, फिलीपींस और फ्रांस सबसे ज्यादा रेमिटेंस प्राप्त करने वाले देश हैं. यह भी कोई छोटी बात नहीं है कि पिछले एक दशक में भारत में लगातार अन्य देशों के मुकाबले रेमिटेंस सबसे अधिक रहा है. भारत में वर्ष 2010 में रेमिटेंस के तौर पर 53.48 अरब डॉलर आए थे. वहीं ये वर्ष 2015 में बढ़कर 68.19 अरब डॉलर और वर्ष 2020 में 83.15 अरब डॉलर हो गए हैं. 

प्रवासी भारतीयों की ओर से भारत भेजा गया धन वर्ष 2021-22 में 83.57 अरब डॉलर था. प्रवासियों का यह धन जहां प्रवासियों के परिजनों को मुस्कुराहट दे रहा है, वहीं अर्थव्यवस्था के लिए भी लाभप्रद है. 

यहां यह भी उल्लेखनीय है कि जब कोविड-19 के कारण भारतीय अर्थव्यवस्था 7.3 फीसदी की ऋणात्मक विकास दर की स्थिति में पहुंच गई थी और बड़ी संख्या में उद्योग-कारोबार बंद होने के कारण देश में आर्थिक-सामाजिक परेशानियां बढ़ गई थीं, उस समय आर्थिक मुश्किलों के बीच भारतीय प्रवासियों के द्वारा भेजी गई बड़ी धनराशि से भारतीय अर्थव्यवस्था को बड़ा सहारा मिला था.

गौरतलब है कि दुनिया में प्रवासी भारतीयों की संख्या करीब 1 करोड़ 80 लाख है. दुनियाभर में सबसे ज्यादा प्रवासी भारत के हैं. सबसे ज्यादा भारतीय प्रवासी संयुक्त अरब अमीरात, अमेरिका और सऊदी अरब में रहते हैं. 

पहले जहां भारत से अकुशल श्रमिक कम आय वाले खाड़ी देशों में जाते थे, वहीं अब विदेश जाने वाले भारतीयों में हाई स्किल्ड लोगों की संख्या ज्यादा है जो अमेरिका, इंग्लैंड, सिंगापुर, ऑस्ट्रे्लिया और न्यूजीलैंड जैसे उच्च आय वाले देशों में जा रहे हैं. ऐसे में वे अधिक कमाई करके अधिक धन भारत भेज रहे हैं. नि:संदेह प्रवासी भारतीय भारत की राजनीतिक, आर्थिक और कारोबारी शक्ति बढ़ाने में भी अहम सहयोग कर रहे हैं.

उम्मीद करें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीसरे कार्यकाल में एनडीए गठबंधन की नई सरकार के द्वारा प्रवासियों के साथ स्नेह व सहभागिता के नए अध्याय लिखे जा सकेंगे.

Web Title: Overseas Indians provide population to the country's economy

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