जयंतीलाल भंडारी का ब्लॉग: 'ड्रैगन' पर आर्थिक दबाव की रणनीति जरूरी

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: June 11, 2020 06:23 AM2020-06-11T06:23:02+5:302020-06-11T06:23:02+5:30

अक्तूबर 2016 में भारत  द्वारा पाकिस्तान पर सर्जिकल स्ट्राइक के बाद चीन के पाकिस्तान का साथ दिए जाने के कारण देश के कोने-कोने में भारतीय उपभोक्ताओं ने चीनी माल का बहिष्कार किया  था. इसी तरह जुलाई 2017 में सिक्किम के डोकलाम में चीनी सेना के सामने भारतीय सेना को खड़े कर दिए जाने पर जब चीन ने युद्ध की धमकी दी थी

Jayantilal Bhandari's blog over India-china despute: 'Dragon' strategy of economic pressure necessary | जयंतीलाल भंडारी का ब्लॉग: 'ड्रैगन' पर आर्थिक दबाव की रणनीति जरूरी

जैसे-जैसे भारत-चीन व्यापार बढ़ता गया है वैसे-वैसे भारत के बाजार में चीन की वस्तुओं का आयात लगातार बढ़ता गया है.

इन दिनों देशभर में व्हाट्सएप्प पर सक्रिय अधिकांश समूहों सहित विभिन्न सोशल मीडिया मंचों पर यह अभियान शुरू हुआ है कि भारतीय दुकानदार और नागरिक चीन में उत्पादित वस्तुओं के बहिष्कार की नीति पर आगे बढ़कर चीन पर आर्थिक दबाव बढ़ाएं तथा देश को आत्मनिर्भरता की डगर पर आगे बढ़ाने में हरसंभव योगदान दें.

गौरतलब है कि अक्तूबर 2016 में भारत  द्वारा पाकिस्तान पर सर्जिकल स्ट्राइक के बाद चीन के पाकिस्तान का साथ दिए जाने के कारण देश के कोने-कोने में भारतीय उपभोक्ताओं ने चीनी माल का बहिष्कार किया  था. इसी तरह जुलाई 2017 में सिक्किम के डोकलाम में चीनी सेना के सामने भारतीय सेना को खड़े कर दिए जाने पर जब चीन ने युद्ध की धमकी दी थी तो भारत में चीनी वस्तुओं के बहिष्कार का जोरदार परिदृश्य दिखाई दिया था. इन दोनों घटनाक्रमों के बाद भारतीय बाजारों में चीनी उपभोक्ता सामान की बिक्र ी में करीब 25 फीसदी की कमी आई थी. साथ ही चीन से बढ़ते हुए आयात की दर में भी कमी आई थी.

उल्लेखनीय है कि जैसे-जैसे भारत-चीन व्यापार बढ़ता गया है वैसे-वैसे भारत के बाजार में चीन की वस्तुओं का आयात लगातार बढ़ता गया है. दोनों देशों के बीच 2001-02 में आपसी व्यापार महज तीन अरब डॉलर था जो 2018-19 में बढ़कर करीब 87 अरब डॉलर पर पहुंच गया. भारत ने चीन से करीब 70 अरब डॉलर मूल्य का आयात किया और चीन को करीब 17 अरब डॉलर का निर्यात किया. सरल शब्दों में हम कह सकते हैं कि हम चीन को किए जाने वाले निर्यात की तुलना में चार गुना आयात करते हैं.  

जब हम देश को आत्मनिर्भर बनाने के मामले में विभिन्न चुनौतियों को देखते हैं तो पाते हैं कि कई वस्तुओं का उत्पादन बहुत कुछ आयातित कच्चे माल और आयातित वस्तुओं पर आधारित है. खासतौर से दवाई उद्योग, मोबाइल उद्योग, चिकित्सा उपकरण उद्योग, वाहन उद्योग तथा इलेक्ट्रिक उपकरण जैसे कई उद्योग. बहुत कुछ आयातित माल पर आधारित हैं. इस समय मैन्युफैक्चरिंग इकाइयों के लिए बड़ी मात्रा में कच्चा माल चीन से आयात किया जाता है.

 इसके अलावा कई उद्योगों के लिए कच्चे माल का आयात दुनिया के कई देशों से किया जाता है. अतएव सबसे पहले देश में ऐसे कच्चे माल का उत्पादन शुरू किया जाना होगा. जिनका हम अभी बड़ी मात्रा में आयात कर रहे हैं. यह कोई बहुत कठिन काम नहीं है. क्योंकि ऐसे विशिष्ट कच्चे माल के उत्पादन में विशेष कुशलता के साथ-साथ बड़ी मात्रा में संसाधनों की रणनीति के साथ सरकार आगे बढ़ती हुई दिखाई दे रही है.

Web Title: Jayantilal Bhandari's blog over India-china despute: 'Dragon' strategy of economic pressure necessary

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