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ब्लॉग: नीली अर्थव्यवस्था 2.0 सफल बनाने की पहल

By लोकमत समाचार सम्पादकीय | Updated: February 8, 2024 15:34 IST

नीली अर्थव्यवस्था समुद्री संसाधनों का स्थायी और समावेशी तरीके से उपयोग करके आर्थिक विकास को बढ़ावा देने की अवधारणा है। नीली अर्थव्यवस्था में मत्स्य पालन और जलीय कृषि, समुद्री ऊर्जा, समुद्री खनिज संसाधन, समुद्री पर्यटन और समुद्री परिवहन जैसे विभिन्न क्षेत्र शामिल हैं।

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ठळक मुद्देनीली अर्थव्यवस्था में मत्स्य पालन, समुद्री ऊर्जा, समुद्री खनिज संसाधन, समुद्री पर्यटन शामिल हैं नीली अर्थव्यवस्था 2.0 को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने अनेक प्रस्तावों की घोषणा कीनीली अर्थव्यवस्था 2.0 के तहत एक नई राष्ट्रीय मत्स्य पालन नीति लाई जाएगी

रंजना मिश्रा: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत अंतरिम बजट 2024-25 में नीली अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने और पर्यावरण अनुकूल विकास पर जोर देने की बात कही गई है। नीली अर्थव्यवस्था समुद्री संसाधनों का स्थायी और समावेशी तरीके से उपयोग करके आर्थिक विकास को बढ़ावा देने की अवधारणा है। नीली अर्थव्यवस्था में मत्स्य पालन और जलीय कृषि, समुद्री ऊर्जा, समुद्री खनिज संसाधन, समुद्री पर्यटन और समुद्री परिवहन जैसे विभिन्न क्षेत्र शामिल हैं।

अंतरिम बजट 2024-25 में नीली अर्थव्यवस्था 2.0 को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा अनेक प्रस्तावों की घोषणा की गई है। प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना, जो पहले से ही चलाई जा रही है, उसके लाभ को बढ़ाने के लिए 3 से 5 टन प्रति हेक्टेयर जलीय कृषि उत्पादकता बढ़ाई जाएगी। प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना 2024-25 में 2352 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया है। एक्वाकल्चर और मैरीकल्चर के लिए 5 एकीकृत एक्वापार्क स्थापित किए जाएंगे। 

मछुआरों को आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए योजनाओं का विस्तार होगा। नीली अर्थव्यवस्था 2.0 के तहत एक नई राष्ट्रीय मत्स्य पालन नीति लाई जाएगी। इस नीति का उद्देश्य मछुआरों की आय दोगुनी करना और मछली उत्पादन में वृद्धि करना है। नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों के रूप में समुद्री ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए योजनाएं शुरू की जाएंगी। समुद्री खनिज संसाधनों के अन्वेषण और खनन के लिए नीतिगत ढांचा तैयार किया जाएगा। गहरे समुद्र में खनन के लिए तकनीकी क्षमताओं को विकसित किया जाएगा। 

समुद्री सुरक्षा को मजबूत करने के लिए तटरक्षक बल को मजबूत किया जाएगा। समुद्री प्रदूषण को रोकने के लिए कड़े उपाय किए जाएंगे। समुद्री जैव विविधता को संरक्षित करने के लिए भी योजनाएं शुरू की जाएंगी। समुद्री प्रदूषण को कम करने के लिए नई तकनीकों का उपयोग किया जाएगा। निर्यात को दोगुना करके करीब 1 लाख करोड़ रुपए तक ले जाना है।

निकट भविष्य में लगभग 55 लाख रोजगार के अवसर सृजित किए जा सकते हैं। वित्त मंत्री ने अपने अंतरिम बजट में पुनर्स्थापना और अनुकूलन की बात कही है, जो यह सुनिश्चित करता है कि आर्थिक गतिविधियां चलाते समय महासागरों के स्वास्थ्य को नुकसान न पहुंचे।

नीली अर्थव्यवस्था 2.0 को सफल बनाने के लिए कुछ महत्वपूर्ण बातों पर ध्यान देना होगा। इसके लिए एक मजबूत नीतिगत ढांचे की आवश्यकता होगी। इस ढांचे को समुद्री संसाधनों के स्थायी उपयोग के लिए सुनिश्चित करना चाहिए और सभी हितधारकों के लिए समान अवसर प्रदान करना चाहिए। इसे सफल बनाने के लिए अनुसंधान और विकास में निवेश की भी आवश्यकता होगी।

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