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जयंतीलाल भंडारी का ब्लॉगः मोदी सरकार के नए बजट से उम्मीदें 

By डॉ जयंती लाल भण्डारी | Updated: July 25, 2019 17:14 IST

मोदी-2 सरकार के द्वारा वर्ष 2024 तक 5 ट्रिलियन डॉलर यानी 350 लाख करोड़ रुपए वाली भारतीय अर्थव्यवस्था का जो चमकीला सपना सामने रखा गया है, उस सपने को साकार करने की दिशा में भी नया बजट कदम आगे बढ़ाते हुए दिखाई देगा.

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जयंतीलाल भंडारीइन दिनों देश के करोड़ों लोगों की निगाहें वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के द्वारा 5 जुलाई को प्रस्तुत किए जाने वाले वर्ष 2019-20 के पूर्ण बजट की ओर लगी हुई हैं. चूंकि 2019-20 का पूर्ण बजट आम चुनाव 2019 के बाद मोदी-2 सरकार का पहला बजट होगा, अतएव इसमें एक ओर प्रधानमंत्री द्वारा चुनाव के दौरान की गई घोषणाओं को ध्यान में रखे जाने के संकेत हैं, वहीं दूसरी ओर वैश्विक सुस्ती के बीच अर्थव्यवस्था को गतिशील करने के प्रावधान भी दिखाई दे सकते हैं. 

मोदी-2 सरकार के द्वारा वर्ष 2024 तक 5 ट्रिलियन डॉलर यानी 350 लाख करोड़ रुपए वाली भारतीय अर्थव्यवस्था का जो चमकीला सपना सामने रखा गया है, उस सपने को साकार करने की दिशा में भी नया बजट कदम आगे बढ़ाते हुए दिखाई देगा. गौरतलब है कि 2019-20 के अंतरिम बजट का आकार 27.84 लाख करोड़ रुपए का था. अब 2019-20 के पूर्ण बजट में इसका आकार थोड़ा बढ़ सकता है. 

नए बजट में कृषि क्षेत्र की जरूरतों को पूरा करने को सरकार उच्च प्राथमिकता देगी.  नए बजट में  उन स्टार्टअप को मदद मिलती हुई दिखाई देगी, जो कृषि उत्पादों के लिए लाभकारी बाजार प्रदान करने तथा उचित मूल्य पर अंतिम उपभोक्ताओं को आपूर्ति करने में मदद कर रहे हैं. नए बजट के तहत वित्त मंत्री देश के छोटे आयकरदाताओं, नौकरीपेशा और मध्यम वर्ग के अधिकांश लोगों को लाभान्वित करते हुए दिखाई दे सकती हैं. 

नए वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए पूर्ण बजट में आयकर छूट की सीमा को उपयुक्त रूप से बढ़ाने के जो संकेत उभरे हैं, उनसे मध्यम वर्ग आशान्वित है. चुनाव से पहले प्रस्तुत हुए अंतरिम बजट में व्यक्तिगत आयकर छूट की सीमा 2.50 लाख रुपए से बढ़ाकर 5 लाख रुपए की गई थी. ऐसी अस्थायी आयकर राहत के बाद अब 2019-20 के पूर्ण बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आयकर छूट की सीमा को 2.5 लाख रुपए से बढ़ाकर 5 लाख रुपए तक कर सकती हैं. 

इसके साथ ही बचत को प्रोत्साहन देने के लिए धारा 80सी के तहत कटौती की सीमा बढ़ाकर 2.50 लाख रुपए की जा सकती है. मोदी-2 सरकार नए बजट के माध्यम से 10 करोड़ रुपए से अधिक सालाना आयकर वाले सुपर रिच आयकर दाताओं पर 40 फीसदी की ऊंची दर से आयकर लगा सकती है. पूर्ण बजट में स्वास्थ्य, शिक्षा, छोटे उद्योग-कारोबार और कौशल विकास जैसे विभिन्न आवश्यक क्षेत्रों के लिए बजट आवंटन बढ़ते हुए दिखाई दे सकता है.

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