देश में बीमारी का प्रसार और महंगाई की मार

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: March 16, 2020 05:49 AM2020-03-16T05:49:28+5:302020-03-16T05:49:28+5:30

बिगड़ती स्थिति से निपटने के लिए विकसित-अविकसित सभी देश हरसंभव ताकत लगा रहे हैं, लेकिन बचाव तो दूर, संभलना भी मुश्किल हो चला है.

Disease spread and inflation | देश में बीमारी का प्रसार और महंगाई की मार

बीमारी का प्रसार और महंगाई की मार देश में

 

घातक कोरोना वायरस के फैलने से पूरी दुनिया में हाहाकार मचा हुआ है. मौसमी बीमारियों की शक्ल में विस्तार और शर्तिया इलाज न हो पाने से संकट कम नहीं हो रहा है. बिगड़ती स्थिति से निपटने के लिए विकसित-अविकसित सभी देश हरसंभव ताकत लगा रहे हैं, लेकिन बचाव तो दूर, संभलना भी मुश्किल हो चला है. यही वजह है कि अमेरिका जैसे देश ने आपातकाल घोषित किया है.

भारत में वर्तमान समय को राष्ट्रीय आपदा की घड़ी माना गया है. यूं तो दुनिया के अन्य देशों के मुकाबले भारत की स्थिति काफी नियंत्रण में नजर आ रही है. देश में सबसे पहला मरीज केरल में जनवरी माह में मिला था, जो चीन से आया था और अब वह ठीक हो चुका है.

हाल-फिलहाल जो मरीज सामने आ रहे हैं, वे चीन की बजाय उन देशों से आए हुए हैं, जहां लापरवाही से कोरोना वायरस का प्रवेश हुआ है. भारत में अब बाहरी देशों से आने वालों पर कड़ी निगरानी है. लिहाजा अभी तक मरने वाले दो से अधिक नहीं हैं और पीड़ितों की संख्या सौ से कुछ ही ज्यादा है. संदिग्धों पर नजर रखकर उन्हें जांच के आधार पर बीमारी से मुक्त भी घोषित किया जा रहा है.

इस माहौल में बाजार से लेकर व्यापार तक और उद्योग से लेकर आयात-निर्यात तक सब कुछ प्रभावित है. साफ है कि सब कुछ बंद होने से सरकार के राजस्व में कमी आ रही है. यही कुछ वजह है जिसके चलते कच्चे तेल के दामों में बेतहाशा कमी आने के बावजूद पेट्रोल के दाम कम करने के बजाय सेस बढ़ा दिया गया है.

संयोगवश ही माना जाए, लेकिन मोबाइल पर वस्तु सेवा कर (जीएसटी) 18 प्रतिशत तक पहुंचा दिया गया है. स्पष्ट है कि मंदी के दौर में बीमारी और महंगाई दोनों मार रही हैं. ऑटोमोबाइल क्षेत्र चीनी कल-पुजरे की कमी से संकट में है. इसके अलावा मास्क समेत अनेक आवश्यकताएं चीनी सामान से पूरी होती हैं, जिनके कम होने से मुनाफाखोरी को अच्छी खासी जगह मिल गई है.

ऐसे में जहां राजस्व की कमी को भरने के लिए सरकारी कदमों को सही माना जा सकता है, वहीं दूसरी ओर अनेक चीजों के लिए चीन पर आश्रित होना अनुचित माना जा सकता है. हालांकि इसका अंदाज विपदाओं की स्थिति में ही लगता है. वर्तमान समय में चीन के अलावा अन्य देशों से भी आयात की संभावनाओं पर विचार आवश्यक है. दुनिया के अनेक देश सामान बनाते हैं, किंतु हमारा व्यापार-उद्योग चीनी सामान के भरोसे है.

ऐसे में चीन से पैदा हुआ संकट विकल्पों की ओर इशारा करता है. अक्सर विपरीत परिस्थितियां नई राह दिखाती हैं इसलिए कोरोना वायरस से निपटकर केवल बीमारी से ही बचा नहीं जा सकता है, बल्कि आपदाओं के दौरान अर्थव्यवस्था को संभालने वाले रास्तों को भी देखा जा सकता है जिससे बीमारी से कमजोरी केवल मरीजों में दिखे, अर्थव्यवस्था में नहीं.

Web Title: Disease spread and inflation

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