तो क्या कोई कहीं भी सुरक्षित नहीं है?
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Updated: January 18, 2025 06:47 IST2025-01-18T06:47:10+5:302025-01-18T06:47:45+5:30
क्या सैफ के घर में एक करोड़ रुपए नगद थे और घर के किसी भेदिए ने चोर/हमलावर को यह जानकारी दी थी?

तो क्या कोई कहीं भी सुरक्षित नहीं है?
मशहूर अभिनेता सैफ अली खान पर हमला महज कोई आपराधिक घटना नहीं है बल्कि जिस तरह हमला हुआ है, उससे कई सवाल खड़े होते हैं. फिल्मी सितारे जिन बहुमंजिला इमारतों में रहते हैं, वह कोई सामान्य बसाहट वाली इमारतें नहीं होती हैं बल्कि वहां सुरक्षा की चाक-चौबंद व्यवस्था होती है. सामान्य बसाहट वाली इमारतों में भी मुख्य द्वार पर ही सुरक्षाकर्मी तैनात होते हैं जो किसी भी बाहरी व्यक्ति को रोकते हैं और सवाल करते हैं कि उसे कहां जाना है. जिन इमारतों में महत्वपूर्ण व्यक्ति रहते हैं वहां तो किसी बाहरी व्यक्ति का फटकना भी मुश्किल होता है.
यह सुनिश्चित करने के बाद कि आने वाला व्यक्ति कौन है और जिस फ्लैट में जाने की बात कर रहा है, वह फ्लैट वाला इजाजत देता है तभी सुरक्षाकर्मी उसे गेट के भीतर आने देते हैं. मुंबई, दिल्ली और अन्य महानगरों की कई महत्वपूर्ण इमारतों में तो हर फ्लोर पर भी एक सुरक्षाकर्मी होता है. सैफ अली खान जिस सतगुरु शरण बिल्डिंग में रहते हैं वहां क्या व्यवस्था है यह पता नहीं लेकिन मुख्य द्वार पर तो सुरक्षा होगी ही.
सवाल यह है कि उसने सैफ अली खान या उनके फ्लैट में मौजूद किसी व्यक्ति से बात किए बगैर उसे अंदर कैसे जाने दिया? मान लीजिए कि वह मुख्य द्वार से अंदर नहीं गया तो फिर कहां से गया? क्या सुरक्षाकर्मियों को ऐसी कमजोर जगह का अंदाजा नहीं था जहां से कोई भीतर घुस सकता है? मान लीजिए कि चोर या हमलावर बाहर से नहीं आया तो क्या उसी भवन में कहीं किसी फ्लैट में रह रहा था?
अब बड़ा सवाल यह है कि सैफ अली खान कोई दरवाजा खोल कर तो सो नहीं रहे होंगे कि हमलावर आया और बेधड़क अंदर घुस गया! दरवाजा खोलकर कौन सोता है भाई? मान लीजिए कि दरवाजा खुला नहीं था तो क्या उसने अंदर से बंद कुंडी तोड़ी?
यदि कुंडी तोड़ी तो फिर कोई आवाज क्यों नहीं हुई? क्या किसी ने हमलावर के लिए दरवाजा खोला? सवाल यह भी है कि चोर/हमलावर सतगुरु शरण बिल्डिंग में जब 12वीं मंजिल के पेंट हाउस तक जा रहा था तो इमारत में लगे सीसीटीवी पर क्या सुरक्षाकर्मियों की नजर नहीं थी? आमतौर पर सुरक्षाकर्मी रात ढाई बजे लापरवाही बरत सकते हैं इसलिए सीसीटीवी वाली संभावना को छोड़ देते हैं, तो भी यह सवाल तो पैदा होता है कि जब सैफ पर हमला हुआ तो शोर भी मचा होगा, नीचे की मंजिल तक आवाज भी गई होगी तो कोई जगा क्यों नहीं?
चोर/हमलावर को पकड़ने की कोशिश क्यों नहीं हुई? नौकरानी ने कहा कि हमलावर ने धमकाया और एक करोड़ रुपए की मांग की! एक करोड़ रुपए मांगने वाला हमलावर क्या अकेला आएगा? क्या सैफ के घर में एक करोड़ रुपए नगद थे और घर के किसी भेदिए ने चोर/हमलावर को यह जानकारी दी थी? ऐसे बहुत से सवाल हैं जो आम आदमी के दिमाग का दही बना रहे हैं.
इन सवालों के जवाब अभी आने बाकी हैं क्योंकि पुलिस जांच-पड़ताल में जुटी हुई है. किसी सामान्य व्यक्ति के घर में कोई चोर घुसा होता और घर मालिक को चाकू मार गया होता तो यह स्थानीय खबर होती लेकिन मामला सैफ अली खान का है, इसलिए सबकी नजर इन सवालों पर है.
उम्मीद करनी चाहिए कि पुलिस इन सारे सवालों पर गौर करेगी और देश को बताएगी भी कि वास्तव में मामला क्या है? चोर की नीयत केवल चोरी करने की थी या फिर सैफ पर हमले का षड्यंत्र भी था.