पाकिस्तानी विदेश मंत्री कुछ लेते क्यों नहीं? सलमान ही नहीं सैफ व तब्बू भी मुसलमान हैं फिर भी वो बरी हो गए
By ऐश्वर्य अवस्थी | Published: April 6, 2018 11:00 AM2018-04-06T11:00:21+5:302018-04-06T11:13:28+5:30
पाकिस्तान के विदेश मंत्री ख्वाजा आसिफ ने फिल्म अभिनेता सलमान खान की सजा पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उन्हें मुसलमान होने के कारण सजा मिली है। सलमान खान को काले हिरण को मारने के लिए पांच साल जेल की सजा हुई है।
बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान को जोधपुर की एक अदालत द्वारा 1998 में काले हिरण के शिकार मामले में गुरुवार (पाँच अप्रैल) को दोषी ठहराए जाने के बाद अलग-अलग तरह की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। एक ओर जहां सलमान के पक्ष में बॉलीवुड उतर आया है वहीं, दूसरी उनके फैंस उनके जेल जाने से खासा दुखी हैं। लेकिन इस सब में जो एक खास टिप्पणी आई और जो विवादों में भी छा गई वो रही पाकिस्तान के विदेश मंत्री ख्वाजा आसिफ की।
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दरअसल उन्होंने सलमान की सजा पर बेतुका बयान दिया है। सलमान की सजा प्रतिक्रिया देते उन्होंने कहा कि सलमान खान को मुसलमान होने के कारण सजा दी गई है। इतना ही नहीं, आसिफ ने दावा किया कि अगर सलमान का संबंध सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) से होता तो उन्हें कम सजा मिलती। अब मेरी बस एक बात समझ नहीं आ रही है कि इनको ये कौन बताएगा कि सलमान के साथ दो और आरोपी सितारे ऐसे थे जो मुसलमान थे, अगर सलमान को समुदाय के कारण सजा मिली है तो, क्या तब्बू और सैफ अली खान कोर्ट के अंदर धर्म बदलकर गए थे।
आसिफ के इस बयान पर समझ नहीं आ रहा क्या कहा जाए, अगर उनको सैफ अली के बारे में बताया जाए तो शायद पता चला कि वह एक मुस्लिम नवाब हैं। तो फिर सो सलमान के साथ उनको भी थोड़ी सी सजा तो मिलनी ही चाहिए थी, वहीं तब्बू भी तो मुसलमान है। लग रहा है जब पाक के विदेश मंत्री ये बयान दे रहे थे तब वो नींद में थे वरना ऐसी टिप्पणी शायद ना करते। लेकिन क्या कहा जाए हो सकता है सलमान के प्रति उनका प्यार निकल रहा हो। तो प्यार को धर्म से जोड़कर पेश किया जाना क्या सही है।
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शायद पाक विदेश मंत्री अगर पूरे प्रकरण को पढ़ते समझते तो उनको पता चल जाता कि सलमान को मुसलमान होने की सजा नहीं बल्कि एक हिरण को मारने की सजा मिली है। अगर सलमान को कोर्ट ने धर्म के आधार पर दोषी करारा है तो फिर फुटपात पर जब सलमना की जाड़ी से एक की मौत हुई थी उस घटना में कोर्ट ने उनको बरी क्यों किया था तब भी तो सल्लू के साथ गलत किया जा सकताथा।
लेकिन शायद आसिफ साहब भूल गए हैं ये पाकिस्तान नहीं है भारत हैं यहां हर इंसान एक बराबर है और बात जब न्याय की हो तो सब एक तराजू में तौले जाते हैं। ऐसे में अब अच्छा होगा कि अगर विदेश मंत्री थोड़ा सा मामले को पढ़कर जानकर ही बात पेश किया करें।
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