राजद सांसद मनोज झा के ठाकुरों को लेकर दिए गए बयान पर मचा है सियासी बवाल, विरोध में उतरे राजद के ही ठाकुर नेता

By एस पी सिन्हा | Updated: September 27, 2023 19:03 IST2023-09-27T19:02:14+5:302023-09-27T19:03:47+5:30

विवाद का कारण राज्यसभा में मनोज झा द्वारा पढ़ी गई एक कविता है। महिला आरक्षण विधेयक पर चर्चा के दौरान मनोज झा ने ओमप्रकाश वाल्मीकि की एक कविता पढ़ी थी। इससे बिहार के ठाकुर नेता नाराज हैं।

political uproar over RJD MP Manoj Jha's statement regarding Thakurs RJD's leaders came out in protest | राजद सांसद मनोज झा के ठाकुरों को लेकर दिए गए बयान पर मचा है सियासी बवाल, विरोध में उतरे राजद के ही ठाकुर नेता

राजद सांसद मनोज झा

Highlightsमनोज झा संसद में पढ़ी थी ओमप्रकाश वाल्मीकि की कविताविरोध में उतरे बिहार के ठाकुर नेताबिहार की सियासत को नया मुद्दा मिल गया है

पटना: राजद सांसद मनोज झा के द्वारा ठाकुरों को लेकर दिए गए विवादित बयान के बाद बिहार की सियासत को नया मुद्दा मिल गया है। जिसमें सबसे पहले राजद के ही विधायक व आनंद मोहन के बड़े बेटे चेतन आनंद ने मनोज झा को बड़ी नसीहत डे डाली। वहीं अब इस जुबानी जंग में भाजपा और जदयू के ठाकुर नेता भी कूद गए हैं। भाजपा के विधायक नीरज बबलू ने मनोज झा के बयान को ठाकुर विरोधी बताया है। साथ ही नीरज बबलू ने कहा कि कि ठाकुर नहीं होते तो हिंदुस्तान का नाम मुलिस्तान होता।

उन्होंने कहा कि अगर मनोज झा ने मेरे सामने इस तरह की बात कही होती तो मैं उनका मुंह तोड़ देता। ठाकुरों ने देश की रक्षा की है। नीरज सिंह ने आरोप लगाते हुए कहा कि मनोज झा ने राजद के कहने पर ऐसा बयान दिया है। वह ये क्यों नहीं कहते कि अंदर के रावण को मारो। इसी कड़ी में जदयू विधान पार्षद संजय सिंह ने मनोज झा पर जोरदार हमला करते हुए उनकी बराबरी रावण से कर दी है। उन्होंने खुद को राम का वंशज बताते हुए कहा कि रावण के अंत का कारण उसी का अहंकार था, ना की कोई और।

उन्होंने मनोज झा को चेतावनी देते हुए कहा कि मनोज झा ऐसे अनर्गल बयान से बचें। हमारे नेता सभी जाति और धर्म को जोड़ने का काम करते हैं, आप तोड़ने का काम कर रहे हैं। हम क्षत्रिय हैं, क्षत्रिय तो ब्राह्मण को गले लगाते हैं, उनका पैर छूते हैं, आर्शीवाद लेते हैं। उन्होंने कहा कि हमें लगता है कि आपने ब्राह्मण कुल में जन्म नहीं लिया है। हम लोगों ने भी हाथ में चूड़ी नहीं पहनी है। आपको जवाब हमारा पूरा क्षत्रिय समाज देगा। उन्होंने कहा कि हमने क्षत्रिय समाज में जन्म लिया है। हम लोगों ने कभी भगवान से निवेदन या आवेदन देने नहीं गए थे कि क्षत्रिय समाज में जन्म दें, लेकिन क्षत्रिय कुल में जन्म ले लिए हैं तो एक बात याद रखना क्षत्रिय से अगर प्यार से गर्दन मांगोगे तो गर्दन भी देगा और गर्दन काटने को कहोगे तो गर्दन भी काट देंगे।

दरअसल विवाद का कारण राज्यसभा में मनोज झा द्वारा पढ़ी गई एक कविता है। महिला आरक्षण विधेयक पर चर्चा के दौरान मनोज झा ने महिला आरक्षण में एससी-एसटी और ओबीसी महिलाओं के लिए विशेष कोटा निर्धारित करने की मांग करते हुए ओमप्रकाश वाल्मीकि की कविता पढ़कर बताया था कि कैसे समाज में ठाकुरों (राजपूतों) का वर्चस्व है जिससे दलित और ओबीसी समुदाय को हाशिये पर धकेला जाता है। मनोज झा ने सदन में जो कविता पढ़ी थी उसके बोल थे - "चूल्हा मिट्टी का, मिट्टी तालाब की, तालाब ठाकुर का। भूख रोटी की, रोटी बाजरे की, बाजरा खेत का, खेत ठाकुर का। बैल ठाकुर का, हल ठाकुर का, हल की मूठ पर हथेली अपनी, फसल ठाकुर की। कुआं ठाकुर का, पानी ठाकुर का, खेत-खलिहान ठाकुर के, गली-मोहल्ले ठाकुर के फिर अपना क्या?" मनोज झा के इसी बयान पर अब चेतन आनंद ने फेसबुक पोस्ट कर उनके विचारों का विरोध किया है।

Web Title: political uproar over RJD MP Manoj Jha's statement regarding Thakurs RJD's leaders came out in protest

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