बेंगलुरु में हुई विपक्षी दलों की बैठक में नीतीश कुमार की हुई उपेक्षा! सियासी गलियारे में बना चर्चा का विषय
By एस पी सिन्हा | Published: July 19, 2023 03:59 PM2023-07-19T15:59:05+5:302023-07-19T16:00:41+5:30
सूत्रों का कहना है कि नीतीश कुमार को उम्मीद थी कि उन्हें विपक्षी एकता का संयोजक बनाया जायेगा। लेकिन वह नही हुआ। इसके अलावा गठबंधन के नया नाम "इंडिया" रखे जाने पर भी उनकी असहमति थी।
पटना: बेंगलुरु में हुई विपक्षी दलों की बैठक के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा प्रेस कॉन्फ्रेंस का बॉयकाट कर वापस पटना लौट आना चर्चा का विषय बन गया है। हर किसी के जुबान पर यह प्रश्न है कि आखिर क्यों नीतीश कुमार ने दूरी बना ली? जबकि विपक्ष को एकजुट करने का आइडिया ही नीतीश कुमार का रहा है। सूत्रों का कहना है कि नीतीश कुमार को उम्मीद थी कि उन्हें विपक्षी एकता का संयोजक बनाया जायेगा। लेकिन वह नही हुआ। इसके अलावा गठबंधन के नया नाम "इंडिया" रखे जाने पर भी उनकी असहमति थी। दरअसल, विपक्षी दलों की बैठक में "इंडिया" नाम की पेशकश तृणमूल नेता ममता बनर्जी ने पेश की थी। जिसका समर्थन कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने किया था।
कहा जा रहा है कि ममता बनर्जी की पेशकश और राहुल के समर्थन के बीच कुछ पार्टियों को इस नाम पर आपत्ति थी। पार्टियों को लग रहा था कि यह राजनीतिक गठबंधन के लिए उपयुक्त नहीं है। उनमें से एक बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी थे। सूत्रों का कहना है कि 26 पार्टियों की बैठक में अलग-अलग दलों की ओर से कई नाम सुझाये गए थे। इसमें प्रोग्रेसिव पीपल ऑफ इंडिया, प्रोग्रेसिव पीपुल्स फ्रंट, इंडियन पीपुल्स फ्रंट, प्रोग्रेसिव पीपुल्स अलायंस और पीपुल्स अलायंस फॉर इंडिया जैसे कई नामों का सुझाव दिया गया था। लेकिन उन्हें खारिज कर दिया गया था।
बाद में सोमवार रात को कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के वार्ताकारों के बीच व्हाट्सएप संदेशों और मोबाइल कॉलों ने विपक्ष के लिए समूह के नाम के रूप में "इंडिया" को अपनाने के लिए मंच तैयार कर दिया। यही वजह रही कि ममता बनर्जी के द्वारा 26 पार्टियों की बैठक में इसे पेश करने के बाद राहुल गांधी ने "इंडिया" की जोरदार वकालत की और बाद में इस नाम पर मुहर लगा दी गई।
सूत्रों की मानें तो राहुल गांधी ने इस नाम का जोशीला बचाव करते हुए कहा कि "जो एनडीए का विरोध कर रहे हैं वे आई.एन.डी.आई.ए. के साथ हैं।" कहा जा रहा है कि कई नेताओं ने इंडिया प्रस्ताव पर नीतीश कुमार प्रभावित नहीं हुए और पूछा कि यह एक राजनीतिक गठबंधन का नाम कैसे हो सकता है? क्या देश के नाम से जुड़े इस तरह के संक्षिप्त नाम का उपयोग करना राजनैतिक रूप से उचित है? बैठक में मौजूद अन्य वामपंथी नेताओं के साथ संक्षिप्त परामर्श के बाद, सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी ने सुझाव दिया कि वे 'वी फॉर इंडिया' या 'वी 4 इंडिया' का उपयोग कर सकते हैं जहां 'वी' का मतलब जीत है।
अंत में अधिकांश दलों ने "इंडिया" नाम पर सहमति जताई। साथ ही यह भी स्पष्ट हुआ कि इस नाम के पीछे मुख्य रूप से राहुल गांधी की सोच रही और उन्होंने काफी जोरदार तरीके से नाम के पक्ष में तर्क दिए। ऐसे में अपनी उपेक्षा होते देख नीतीश कुमार ने वहां से खिसकना ही मुनासिब समझा। नीतीश कुमार के निकलते देख राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव भी बैठक से बाहर निकल गए और पटना के लिए उड़ान भर दी।