Land For Job Scam: उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के बाद राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ईडी के सामने नहीं होंगे पेश, आखिर क्या दी वजह
By एस पी सिन्हा | Updated: December 27, 2023 14:48 IST2023-12-27T14:47:45+5:302023-12-27T14:48:35+5:30
Land For Job Scam: बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को भी ईडी ने समन भेजकर 21 दिसंबर को पेश होने का आदेश दिया था, लेकिन वे भी ईडी सामने पेश नहीं हुए थे।

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Land For Job Scam: रेलवे में जमीन के बदले नौकरी घोटाले में फंसे राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव आज ईडी के सामने पेश नहीं हुए। जांच एजेंसी ने आज ही उन्हें पेश होने के लिए कहा था। सूत्रों के अनुसार लालू ने स्वास्थ्य ठीक नहीं होने का हवाला देते हुए ईडी के सामने पेश नहीं हुए।
इससे पहले उनके बेटे और बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को भी ईडी ने समन भेजकर 21 दिसंबर को पेश होने का आदेश दिया था, लेकिन वे भी ईडी सामने पेश नहीं हुए थे। बता दें कि कुछ दिन पहले जमीन के बदले नौकरी मामले में लालू यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव कोर्ट में पेशी से छूट मांगी थी।
ऐसे में सुनवाई 6 जनवरी तक टल गई। लालू परिवार समेत 17 आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किए जाने हैं। इस मामले में कुछ आरोपियों की तरफ से चार्जशीट से जुड़े दस्तावेजों की मांग करते हुए अर्जी दाखिल की गई है। कोर्ट ने सीबीआई को संबंधित दस्तावेज देने के लिए कहा है। राउज ऐवन्यू कोर्ट में मामले की अगली सुनवाई 6 जनवरी को होगी।
रेलवे में जमीन के बदले नौकरी देने के कथित घोटाले में दिल्ली की सीबीआई स्पेशल कोर्ट में सप्लीमेंट्री चार्जशीट दायर होने के बाद ईडी लालू-तेजस्वी से पूछताछ करने वाली है। इसी के चलते दोनों को समन भेजकर बुलाया गया था। माना जा रहा है कि लालू के पेश नहीं होने पर ईडी दोबारा समन भेजकर नई तारीख पर पूछताछ के लिए बुलाएगी। तेजस्वी यादव को दोबारा नोटिस भेजकर 5 जनवरी को बुलाया है।
उल्लेखनीय है कि लालू यादव 2004 से 2009 तक रेल मंत्री रहे थे। सीबीआई ने इस मामले में केस दर्ज किया था। सीबीआई के मुताबिक, लोगों को पहले रेलवे में ग्रुप डी के पदों पर सब्स्टीट्यूट के तौर पर भर्ती किया गया और जब उनके परिवार ने जमीन का सौदा किया तब उन्हें नियमित कर दिया गया।
सीबीआई का कहना है कि पटना में लालू यादव के परिवार ने 1.05 लाख वर्ग फीट जमीन पर कथित तौर पर कब्जा कर रखा है। इन जमीनों का सौदा नकद में हुआ था। यानी, लालू परिवार ने नकद देकर इन जमीनों को खरीदा था। सीबीआई के मुताबिक ये जमीनें बेहद कम दामों में बेच दी गई थीं।