पटनाः नेपाल के तराई इलाकों में हो रही भारी बारिश की वजह से बिहार में गंगा, बागमती, कमला, गंडक नदी, कोसी खतरे के निशान को पार कर गई है। उत्तर बिहार की कई नदियां खतरे के निशान से पार है। राजधानी पटना में बाढ़ के संकट को देखते हुए प्रशासन अलर्ट मोड पर है। निचले इलाकों में गंगा का पानी घुसने लगा है।
जबकि गोपालगंज जिले के कई इलाकों को खाली कराया जा रहा है। सीतामढ़ी में निचले इलाकों में बाढ़ का पानी घुस गया है। पश्चिमी चंपारण और गोपालगंज जिले में तटबंधों की निगरानी बढ़ा दी गई है। इधर, मौसम विभाग ने कई जिलों में बारिश-बिजली को लेकर येलो अलर्ट जारी किया है। पटना के गांधीघाट में गंगा खतरे के निशान से कुछ हीं नीचे है।
गंगा के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए पटना के छह प्रखंडों के लगभग 50 गांवों को अलर्ट कर दिया गया है। पटना में दीघा घाट ,गांधी घाट पर खतरे के निशान से उपर बह रही थी। बाढ़ की आशंका को देखते हुए राहत सामग्री तैयार की जा रही है। वहीं पीड़ितो को रहने के लिए शरणस्थली बनाई गई है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुद इसकी मॉनिटरिंग कर रहे हैं। उधर, गोपालगंज में नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। नदी के बढ़ते जलस्तर से तटबंधों पर दबाव बढ़ा हुआ है। गोपालगंज जिले में बढ़ते जलस्तर को देखते हुए डीएम डॉ. नवल किशोर चौधरी ने निचले इलाके के लोगों से अपील की है कि वे सुरक्षित स्थल पर चले आएं। रात में ही पानी जिले के छह प्रखंडों के 43 गांवों में फैलने की आशंका है।
संबंधित अंचलों के सीओ गांवों में माइक से लोगों से अपील कर रहे हैं। तटबंधों पर निगरानी बढ़ा दी गई है। तटबंधों पर अधिकारी और इंजीनियरों की टीम कैंप कर रही है। केंद्रीय जल आयोग के अनुसार गंगा बक्सर में खतरे के निशान से कुछ ही नीचे है। पटना में गंगा नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। पिछले 72 घंटे में जलस्तर में दीघा घाट पर 146 सेमी और गांधी घाट पर 128 सेमी की बढ़ोतरी हुई है।