बिहार में फिर बेखौफ हुए अपराधी, कांट्रैक्ट किलर्स के जरिए हत्या की घटनाओं को दिया जा रहा अंजाम
By एस पी सिन्हा | Updated: August 7, 2023 17:02 IST2023-08-07T16:55:39+5:302023-08-07T17:02:55+5:30
लगातार हो रही हत्याओं के कारण पुलिस की नींद उड़ी हुई है। ज्यादातर मामलों में हत्या की पटकथा लिखने वाले सरगना पर्दे के पीछे से विरोधियों के खिलाफ साजिश रच रहे हैं।

फोटो क्रेडिट- फाइल फोटो
पटना: बेखौफ हो चुके अपराधी बिहार में एकबार फिर से कहर बरपाने लगे हैं। राजधानी पटना समेत पूरे राज्य आतंक का माहौल फिर से कायम होता जा रहा है। बिहार में लगभग दो दशक पहले भी आतंक का माहौल नजर आता था।
हाल के दिनों में जो बात सामने आई है कि इन हत्याओं को अनुबंध हत्यारों (कांट्रैक्ट किलर) के द्वारा अंजाम दिया जा रहा है। राज्य में महागठबंधन की सरकार आने के बाद से ही विरोधी दल इस बात का दावा कर रहे थे कि राजद के सत्ता में आने बाद से बिहार में अपराध की घटनाएं बढ़ गई हैं।
सिर्फ राजधानी पटना की बात करें तो बेखौफ अपराधियों ने 30 दिन के भीतर 30 लोगों को मौत के घाट उतार दिया।पटना एसएसपी के मुताबिक जुलाई के महीने में सिर्फ पटना में 30 लोगों की हत्या हो चुकी है, इसके अलावा अपराध की अन्य कई घटनाएं भी घटित हुई हैं।
ऐसे में भाजपा और एनडीए के तमाम सहयोगी दल अपराध की बढ़ती घटनाओं को लेकर मौजूद सरकार को दोषी बता रहे हैं और इसे जंगलराज पार्ट टू करार दे रहे हैं। इधर, लगातार हो रही हत्याओं के कारण पुलिस की नींद उड़ी हुई है। ज्यादातर मामलों में हत्या की पटकथा लिखने वाले सरगना पर्दे के पीछे से विरोधियों के खिलाफ साजिश रच रहे हैं।
बड़े अपराधियों ने भी अनुबंध हत्यारों का दामन थाम लिया है। अब वे खुद मौके पर नहीं जाकर पेशेवर हत्यारों को ठेका दे रहे हैं। हाल के दिनों में राजधानी में एक के बाद एक ऐसी कई खूनी वारदातें हुई हैं, जिनमें अनुबंध हत्यारों का हाथ होने की बात सामने आई है। हत्या जैसी घटनाओं को अंजाम देने के बाद अनुबंध हत्यारे आसानी से भाग निकलते हैं।
ऐसे में सरकार पर सवाल खड़े होने लगे हैं। पटना के साथ राज्य के अन्य जिलों में भी अपराधी बेलगाम होते दिख रहे हैं। हाल के दिनों में हुई घटनाओं को अंजाम देने में 20 से 25 साल के अनुबंध हत्यारों का हाथ होने की बात सामने आई है। पुलिस ने जब सीसीटीवी को खंगाला तो हत्यारों की उम्र का खुलासा हुआ।
सरकार ने आरएस भट्टी को जब बिहार का डीजीपी नियुक्त किया था, तब उनके कारनामों की खूब चर्चा हुई थी और संभावना जताई गई थी कि राज्य में अपराध पर लगाम लगेगी। डीजीपी आरएस भट्टी के दावों से बिहार की जनता में यह उम्मीद जगी थी कि अब शायद अपराधियों पर अंकुश लग सकेगा।
लेकिन आज पुलिस अपराधियों को दौड़ाने में विफल साबित हो रही है और अपराधी पुलिस को दौड़ा रहे हैं। हालांकि, पटना के एसएसपी राजीव मिश्रा ने अपराध के बढ़ते ग्राफ पर सफाई पेश करते हुए दावा किया है कि जुलाई में हुई 30 हत्याकांडों में अब तक 60 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस अपराध पर अंकुश लगाने को लेकर दावे तो करते हैं, लेकिन अपराधी उनके हर दावे की पोल खोल रहे हैं।